SEBI ने FO सेगमेंट में शेयरों की एंट्री-एग्जिट नियम बदले:जेके सीमेंट समेत 23 स्टॉक्स हो सकते हैं बाहर, जोमैटो-अडाणी ग्रीन की सेगमेंट में होगी एंट्री
शेयर बाजार रेगुलेटर सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने फ्यूचर्स एंड ऑप्शन्स (FO) सेगमेंट में शेयरों की एंट्री और एग्जिट को लेकर नियमों में बदलाव किया है। रेगुलेटर चाहता है कि डेरिवेटिव मार्केट का हिस्सा बनने वाले स्टॉक्स ज्यादा लिक्विड हों और उसमें ज्यादा मार्केट पार्टिसिपेंट्स शामिल हों। ताकि, मैनिपुलेशन को रोका जा सके और सिस्टम के लिए रिस्क कम हो। SEBI के नए नियमों के मुताबिक, ऑप्शन्स सेगमेंट के जो स्टॉक्स लगातार तीन महीनों तक क्राइटेरिया को पूरा नहीं करते हैं, उन्हें हटा दिया जाएगा। इन स्टॉक्स के बाहर निकलने के बाद नए कॉन्ट्रैक्ट्स भी इश्यू नहीं किए जाएंगे। स्टॉक की एवरेज डेली डिलीवरी वैल्यू को बढ़ाकर ₹35 करोड़ किया
सेबी के सर्कुलर के मुताबिक, स्टॉक का मीडियन क्वार्टर सिग्मा ऑर्डर साइज (MQSOS) अब कम से कम 75 लाख रुपए होना चाहिए। पहले यह 25 लाख रुपए था। इसके अलावा मार्केट वाइड पोजिशन लिमिट (MWPL) को 500 करोड़ रुपए से बढ़ाकर कम से कम 1,500 करोड़ रुपए कर दिया गया है। इसके अलावा स्टॉक की एवरेज डेली डिलीवरी वैल्यू 10 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 35 करोड़ रुपए कर दी गई है। इसकी वजह ये है कि एवरेज डेली डिलीवरी वैल्यू में में काफी बढ़ोतरी हुई है। 23 स्टॉक्स FO सेगमेंट से हो सकते हैं बाहर
नियमों में बदलाव के चलते FO सेगमेंट से कुछ शेयरों की विदाई हो सकती है तो कुछ नए शेयर इस सेगमेंट में शामिल होंगे। ब्रोकरेज फर्म IIFL के मुताबिक, नए नियमों के आधार पर 23 स्टॉक्स FO सेगमेंट से बाहर हो सकते हैं। इनमें लॉरस लैब्स, रामको सीमेंट्स, दीपक नाइट्राइट, अतुल लिमिटेड टोरेंट फार्मा, चंबल फर्टिलाइजर्स, गुजरात गैस, कोरोमंडल इंटरनेशनल, ग्रेन्यूल्स इंडिया शामिल हैं। इसके अलावा सन टीवी नेटवर्क, सिंजीन इंटरनेशनल, सिटी यूनियन बैंक, गुजरात नर्मदा वैली फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स, कैन फिन होम्स, डॉ लाल पथलैब्स, एबॉट इंडिया, यूनाइटेड ब्रूअरीज, IPCA लैब, मेट्रोपोलिस हेल्थकेयर, इंडियामार्ट, महानगर गैस और जेके सीमेंट भी बाहर हो सकते हैं। वहीं दूसरी तरफ जोमैटो, अडाणी ग्रीन, जिओ फाइनेंशियल, डीमार्ट, और टाटा टेक्नोलॉजीज जैसे स्टॉक्स FO सेगमेंट में शामिल हो सकते हैं। फ्यूचर्स एंड ऑप्शन क्या होता है?
फ्यूचर्स एंड ऑप्शन (FO) एक प्रकार के फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट हैं जो निवेशक को स्टॉक, कमोडिटी, करेंसी में कम पूंजी में बड़ी पोजीशन लेने की अनुमति देते हैं। फ्यूचर्स और ऑप्शन, एक प्रकार के डेरिवेटिव कॉन्ट्रेक्ट होते हैं, जिनकी एक तय अवधि होती है। इस समय सीमा के अंदर इनकी कीमतों में स्टॉक की प्राइस के अनुसार बदलाव होते हैं। हर शेयर का फ्यूचर्स और ऑप्शन एक लॉट साइज में अवेलेबल होता है।