SC: ‘ये तो बिना सुनवाई के सजा देने के बराबर’, आरोपियों को जमानत में देरी पर सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता
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पीठ ने कहा, ‘यदि किसी अभियुक्त को आरोप तय किए बिना करीब पांच वर्षों तक कैद रखा जाता है, तो जल्द सुनवाई के अधिकार को तो छोड़ ही दें, यह बिना सुनवाई के सजा देने के बराबर होगा।’