SBI में FD कराने पर अब कम ब्याज मिलेगा:1 साल की FD पर 6.50% ब्याज, यहां देखें नई इंटरेस्ट रेट्स
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने फिक्स डिपॉजिट (FD) की ब्याज दरों में 0.20% तक की कटौती की है। SBI में अब 1 साल की FD कराने पर 6.50% ब्याज मिलेगा। नई ब्याज दरें 16 मई 2025 से लागू हो गई हैं। बैंक ने पिछले महीने 15 अप्रैल को भी ब्याज दरों में कटौती की थी। SBI ‘अमृत वृष्टि’ डिपॉजिट स्कीम
SBI ‘अमृत वृष्टि’ के तहत 444 दिनों के लिए FD कराने पर 6.85% सालाना ब्याज दिया जा रहा है। वहीं सीनियर सिटिजन को सालाना 7.35% के हिसाब से ब्याज दिया जा रहा है। SBI ‘वीकेयर’ स्कीम में भी निवेश का मौका
SBI ने एक अन्य स्पेशल टर्म डिपॉजिट (FD) स्कीम ‘वीकेयर’ भी चला रहा है। SBI की इस स्कीम में सीनियर सिटीजन को 5 साल या उससे ज्यादा की अवधि के डिपॉजिट (FD) पर 50 बेसिस पॉइंट्स का एक्स्ट्रा ब्याज मिलेगा। सीनियर सिटिजन को 5 साल से कम के रिटेल टर्म डिपॉजिट पर आम पब्लिक के मुकाबले 0.50% ज्यादा ब्याज मिलता है। ऐसे मे ‘वीकेयर डिपॉजिट’ स्कीम के तहत 5 साल या इससे ज्यादा की FD पर सामान्य नागरिकों की तुलना में 1% ज्यादा ब्याज मिलेगा। इस हिसाब से 5 साल या इससे ज्यादा समय के लिए FD कराने पर सीनियर सिटीजन को 7.30% ब्याज मिल रहा है। FD कराते समय इन 3 बातों का रखें ध्यान 1. सही टेन्योर चुनना जरूरी
FD में निवेश करने से पहले उसके टेन्योर (अवधि) को लेकर सोच-विचार करना जरूरी है। ऐसा इसलिए क्योंकि अगर निवेशक मेच्योरिटी से पहले विड्रॉल करते हैं, तो उन्हें जुर्माने का भुगतान करना होगा। FD मेच्योर होने से पहले उसे ब्रेक करने पर 1% तक की पेनल्टी देनी पड़ेगी। इससे डिपॉजिट पर कमाए जाने वाला कुल ब्याज कम हो सकता है। 2. एक ही FD में न लगाएं पूरा पैसा
यदि आप किसी एक बैंक में FD में 10 लाख रुपए का निवेश करने की योजना बना रहे हैं, तो इसकी जगह एक से ज्यादा बैंकों में 1 लाख रुपए की 8 FD और 50 हजार रुपए की 4 FD में निवेश करें। इससे बीच में पैसों की जरूरत पड़ने पर आप अपनी जरूरत के हिसाब से FD को बीच में ही तुड़वाकर पैसों की व्यवस्था कर सकते हैं। आपकी बाकी FD सेफ रहेंगी। 3. 5 साल की FD पर मिलती है टैक्स छूट
5 साल की FD को टैक्स सेविंग्स FD कहा जाता है। इसमें निवेश करने पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत आप अपनी कुल आय से 1.5 लाख रुपए की कटौती का दावा कर सकते हैं। आसान भाषा में इसे ऐसे समझें, आप सेक्शन 80C के माध्यम से अपनी कुल कर योग्य आय से 1.5 लाख तक कम कर सकते हैं।