Mahakumbh: संगम हमारी एकता, प्रेम, त्याग, तपस्या व संकल्पों का प्रतीक, इसे संजोकर रखें; बोले अविमुक्तेश्वरानंद
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संगम की रेती पर अदृश्य सरस्वती के रूप में धर्माचार्य ज्ञान की सरस्वती का पान विश्व समुदाय को करा रहे हैं। संतों के बीच ज्योतिष्पीठाधीश्वर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने महाकुंभ में अनेक मुद्दों पर अपनी बेबाक राय से सुर्खियां बटोरीं।