HAL का तीसरी तिमाही में मुनाफा 14% बढ़कर ₹1,440 करोड़:रेवेन्यू 15% बढ़कर ₹6,957 करोड़ रहा, तेजस विमान और ध्रुव हेलिकॉप्टर बनाती है कंपनी
तेजस विमान और ध्रुव हेलिकॉप्टर बनाने वाली कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) का वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में मुनाफा सालाना आधार (YoY) पर 14% बढ़कर ₹1,440 करोड़ रहा। एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी का कॉन्सॉलिडेटेड नेट प्रॉफिट ₹1,261 करोड़ रहा था। कंपनी के ऑपरेशन से कॉन्सॉलिडेटेड रेवेन्यू यानी आय में सालाना आधार पर 15% की बढ़ोतरी हुई है। ये ₹6,957 करोड़ रहा। एक साल पहले की समान तिमाही यानी FY24 की तीसरी तिमाही में रेवेन्यू ₹6,061 करोड़ रहा था। HAL ने आज यानी 10 फरवरी को तीसरी तिमाही के नतीजे जारी किए हैं। 25 रुपए का डिविडेंड देगी कंपनी बोर्ड ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 5 रुपए फेस वैल्यू वाले प्रत्येक इक्विटी शेयर पर 25 रुपए के पहले अंतरिम लाभांश की घोषणा की है। कंपनियां अपने शेयरधारकों को मुनाफे का कुछ हिस्सा देती हैं, उसे लाभांश या डिविडेंड कहते हैं। 1.33% गिरकर ₹3,601 पर बंद हुआ HAL का शेयर रिजल्ट के बाद HAL का शेयर आज 1.33% गिरकर ₹3,601 पर बंद हुआ। पिछले एक साल में कंपनी के शेयर ने निवेशकों को 26% का रिटर्न दिया है। बीते 6 महीने में शेयर 24.26% गिरा है। कंपनी का मार्केट कैप 2.39 लाख करोड़ रुपए है। क्या होता है स्टैंडअलोन और कॉन्सॉलिडेटेड? कंपनियों के रिजल्ट दो भागों में आते हैं- स्टैंडअलोन और कॉन्सॉलिडेटेड। स्टैंडअलोन में केवल एक यूनिट का वित्तीय प्रदर्शन दिखाया जाता है। जबकि, कॉन्सॉलिडेटेड या समेकित फाइनेंशियल रिपोर्ट में पूरी कंपनी की रिपोर्ट दी जाती है। मिलिट्री-सिविल मार्केट के लिए एयरक्राफ्ट बनाती है कपंनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड भारत सरकार के स्वामित्व वाली एक एयरोस्पेस और डिफेंस कंपनी है। कंपनी मिलिट्री और सिविल मार्केट के लिए एयरक्राफ्ट, हेलिकॉप्टर, एवियोनिक्स और संचार उपकरण डेवलप, डिजाइन, मैन्युफैक्चर और सप्लाई करती है। यह इंडियन एयरफोर्स, इंडियन आर्मी, इंडियन नेवी, डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन, इंडियन कोस्ट गार्ड, इसरो, मॉरीशस पुलिस फोर्स, बोइंग और एयरबस इंडस्ट्रीज को सर्विस देती है। HAL का हेडक्वार्टर कर्नाटक के बेंगलुरु में है। हिंदुस्तान एयरक्राफ्ट और एयरोनॉटिक्स इंडिया से मिलकर बनी HAL 23 दिसंबर 1940 को वालचंद हीराचंद ने तत्कालीन मैसूर सरकार के सहयोग से हिंदुस्तान एयरक्राफ्ट लिमिटेड की स्थापना बैंगलोर में की थी। मार्च 1941 में भारत सरकार कंपनी में शेयरधारकों में से एक बन गई और बाद में 1942 में इसका मैनेजमेंट अपने हाथ में ले लिया। जनवरी 1951 में कंपनी को भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में रखा गया। इस बीच, अगस्त 1963 में लाइसेंस के तहत मिग-21 एयरक्राफ्ट का निर्माण करने के लिए एयरोनॉटिक्स इंडिया लिमिटेड (AIL) को भारत सरकार के पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी के रूप में बनाया गया। दो कंपनियों यानी हिंदुस्तान एयरक्राफ्ट लिमिटेड और एयरोनॉटिक्स इंडिया लिमिटेड को 1 अक्टूबर 1964 को मिलाकर हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) बनाई गई।