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EduCare न्यूज:जामिया मिलिया इस्लामिया में PhD प्रोग्राम शुरू; 10 अक्टूबर से करें आवेदन; जानें एडमिशन प्रोसेस

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जामिया मिलिया इस्लामिया में 2024-25 के लिए PhD प्रोग्राम के लिए ऑनलाइन एप्लिकेशन शुरू हो गए हैं। कैंडिडेट्स 10 अक्टूबर से 30 अक्टूबर 2024 के बीच अप्लाई कर सकते हैं। इसके लिए जामिया मिलिया इस्लामिया की ऑफिशियल वेबसाइट admission.jmi.ac.in पर एप्लिकेशन दर्ज करने होंगे। एंट्रेंस एग्जाम के लिए अलग से अधिसूचना जारी की जाएगी। इसके लिए कैंडिडेट्स ऑफिशियल वेबसाइट पर नजर बनाए रखें। 1,000 रुपए का डिमांड ड्राफ्ट जमा होगा PhD प्रोग्राम में एडमिशन के लिए यूनिवर्सिटी ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसमें एडमिशन के लिए यूनिवर्सिटी के ऑफिस में 1,000 रुपए का डिमांड ड्राफ्ट जमा किया जाएगा। यह रजिस्ट्रार, जामिया मिलिया इस्लामिया के पक्ष में दिल्ली/नई दिल्ली में देना होगा। एंट्रेंस एग्जाम के लिए एलिजिबल कैंडिडेट्स की लिस्ट केंद्र के नोटिस बोर्ड पर लगाई जाएगी। इसके साथ ही यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर भी अधिसूचित किया जाएगा। PhD प्रोग्राम में एडमिशन के लिए कैंडिडेट्स के पास किसी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से कम से कम 55% मार्क्स होना चाहिए। कैंडिडेट्स के पास सेकेंड कैटेगरी की मास्टर डिग्री या यूनिवर्सिटी से मान्यता प्राप्त डिग्री होनी चाहिए। स्क्रीनिंग प्रोसेस ये खबरें भी पढ़ें… आर्ट्स की पढ़ाई के लिए देश की टॉप 5 यूनिवर्सिटीज:पहले नंबर पर है JNU, दूसरे नंबर पर जामिया मिलिया इस्लामिया, ऐसे मिलेगा एडमिशन इस हफ्ते नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने CUET PG के रिजल्ट जारी किए। इस एग्जाम के जरिए मास्टर्स की पढ़ाई के लिए देश की टॉप यूनिवर्सिटीज में एडमिशन ले सकते हैं। इस साल 11 से 28 मार्च के बीच देशभर में ये एग्जाम हुए। इस बार कुल 190 यूनिवर्सिटीज CUET PG में शामिल हैं। इसका मतलब है कि इस एग्जाम के स्कोर के बेसिस पर 39 सेंट्रल यूनिवर्सिटीज, 39 स्टेट यूनिवर्सिटीज, 15 सरकारी इंस्टीट्यूशन और 97 प्राइवेट और डीम्ड यूनिवर्सिटीज में एडमिशन ले सकते हैं। पूरी खबर यहां पढ़ें… नौकरी में दिक्कत है, कलमा पढ़ो, सब ठीक हो जाएगा:जामिया के प्रोफेसर्स पर धर्मांतरण का आरोप, रजिस्ट्रार बोले- मेरा जवाब खुदा देगा ‘मुझे जामिया मिल्लिया इस्लामिया में काम करते हुए डेढ़-दो साल ही हुए थे। मेरा बार-बार ट्रांसफर किया गया। इनमें दो डिपार्टमेंट तो ऐसे थे, जहां मैं अकेला स्टाफ था। मैं फॉरेन लैंग्वेज डिपार्टमेंट में था। वहां बैठने तक की जगह नहीं थी। मैं घर से चादर लेकर जाता था, उसी को बिछाकर बैठता। प्यून का काम भी मैं ही करता था।’ पूरी खबर यहां पढ़ें…

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