BCCI उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला बोले-हम स्टडी करेंगे, फिर विचार रखेंगे:BCCI नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल के दायरे में आएगा, आज संसद में बिल पेश होगा
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने बुधवार को कहा कि वे पहले नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल का स्टडी करेंगे और उसके बाद ही इस पर अपने विचार व्यक्त करेंगे। खेल मंत्रालय के सूत्रों ने मंगलवार को खुलासा किया कि BCCI अब नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल के दायरे में आ सकता है। यह बिल आज संसद में पेश किया जाएगा। क्रिकेट के 2028 के लॉस एंजिलिस ओलिंपिक में शामिल होने से BCCI अब ओलिंपिक मूवमेंट का हिस्सा बन चुका है। यह बिल खेल संगठनों में समय पर चुनाव, प्रशासनिक जवाबदेही और खिलाड़ियों की भलाई तय करने के लिए एक मजबूत स्ट्रक्चर तैयार करने के लिए लाया जा रहा है। शुक्ला ने विधेयक पेश होने से पहले इस पर कोई टिप्पणी करने से परहेज किया और ANI से कहा, हमें बिल पेश होने के बाद इसका स्टडी करना होगा। उसके बाद ही मैं इस पर अपने विचार व्यक्त कर सकता हूं। पहले भी BCCI को सरकार के दायरे में लाने के प्रयास हो चुके
बीसीसीआई तमिलनाडु सोसाइटी पंजीकरण अधिनियम, 1975 के तहत पंजीकृत है। BCCI भारत में डोमेस्टिक और इंटरनेशनल लेवल पर क्रिकेट के सभी पहलुओं की देखरेख के लिए जिम्मेदार है। फिलहाल, BCCI 45 मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय खेल महासंघों के अंतर्गत नहीं आता है। BCCI को सरकार के दायरे में लाने की मांग समय-समय पर उठती रही है। भारत सरकार इसके पीछे पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने जैसे तर्क देती रही है। इस बिल को लाने की जरूरत क्यों पड़ी?
BCCI एक स्वायत्त संस्था है। यह सरकार से कोई अनुदान नहीं लेती। ऐसे में सरकार का BCCI पर कोई नियंत्रण नहीं है। सरकार इसे अपने अधीन करना चाहती है, लेकिन इसके फैसलों में पारदर्शिता की कमी और अंदरूनी राजनीति की वजह से सरकार इसे एक खुले और उत्तरदायी सिस्टम के तहत लाना चाहती है। क्या इस बिल के आने से टीम इंडिया के प्रदर्शन पर असर होगा?
हां, इस बिल के आने से भारतीय टीम के प्रदर्शन पर असर हो सकता है क्योंकि इस बिल के आने से ट्रेनिंग, कैंप, सिलेक्शन जैसी अहम प्रक्रियाओं में सरकार का हस्तक्षेप बढ़ेगा। ऐसे में टीम इंडिया के प्रदर्शन पर असर पड़ने की संभावना है।