MPPSC 2022 कैडर से सिलेक्ट हुई प्रियंका:दिव्यांग कोटे से अधिकारी बनीं; वीडियो में डांस करती नजर आईं, सफाई में कहा- पेन किलर खाकर करती हूं
MPPSC एक्साइज डिपार्टमेंट में पोस्टेड एक अधिकारी प्रियंका कदम का वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में वो डांस करती नजर आ रहीं हैं। प्रियंका की पोस्टिंग दिव्यांग कोटे से हुई है और अपने सर्टिफिकेट में उन्होंने लिखा है कि ऑर्थोपेडिक समस्या है। वायरल वीडियो के बाद नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन (NEYU) ने MPPSC 2022 भर्ती में धांधली के आरोप लगाए हैं। प्रियंका डिस्ट्रिक्ट एक्साइज ऑफिसर के तौर पर कार्यरत हैं। उनका वीडियो वायरल होने के बाद से उनके दिव्यांग होने और MPPSC की भर्ती प्रक्रिया पर सवाल उठ रहे हैं। प्रियंका ने कहा- पेन किलर खाकर किया डांस इस मामले में प्रियंका कदम ने अपनी सफाई में कहा कि वो पेन किलर खाने के बाद डांस करती हैं। प्रियंका कदम ने एक मीडिया हाउस को दिए इंटरव्यू में कहा, वह सामान्य परिवार से हैं। उनके पिता मजदूर थे और मां सिलाई का काम करती थीं। वो बहुत मेहनत करने के बाद यहां तक पहुंची हैं। उन्होंने यह भी बताया कि उनकी डिसएबिलिटी परमानेंट नहीं है। पहले वह वॉकर का सहारा लेकर चलती थीं, फिर स्टिक का लेकिन अब उन्हें सहारे की ज्यादा जरूरत नहीं पड़ती है। उनके दोनों पैरों की हड्डी खराब हो चुकी है। सर्जरी के बाद उनमें रॉड डाली गई है। कई सारे वीडियो हो रहे वायरल प्रियंका कदम के इस वीडियो के बाद उनके कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जिनमें वो डांस करती नजर आ रही हैं। एक वीडियो में वो ढोल की थाप पर डांस कर रही हैं। दूसरे वीडियो में वो डीजे फ्लोर पर डांस करती दिख रही हैं। पूजा खेडकर की सेवाएं फर्जी सर्टिफिकेट के चलते निरस्त की गईं; पूर्व ट्रेनी IAS बोली थीं- UPSC को मुझे हटाने का अधिकार नहीं केंद्र सरकार ने 7 सितंबर 2024 को पूर्व ट्रेनी IAS अफसर पूजा खेडकर को भारतीय प्रशासनिक सेवा से तत्काल प्रभाव से सेवामुक्त कर दिया था। उनके खिलाफ ये एक्शन IAS (परिवीक्षा) नियम, 1954 के नियम 12 के तहत लिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने आज 14 फरवरी को पूर्व ट्रेनी IAS पूजा खेडकर की गिरफ्तारी पर लगी रोक 17 मार्च तक बढ़ा दी। कोर्ट ने 15 जनवरी को हुई पिछली सुनवाई में गिरफ्तारी पर रोक लगाई थी। पूजा 2023 बैच की ट्रेनी IAS थीं CSE-2022 में 841वीं रैंक मिली थी। वे जून 2024 से ट्रेनिंग कर रही थीं। उन पर आरोप है कि उन्होंने रिजर्वेशन का फायदा उठाने के लिए सिविल सर्विस एग्जाम 2022 में खुद से जुड़ी गलत जानकारी दी थी। UPSC ने अपनी जांच में पूजा को दोषी पाया था। इसके बाद 31 जुलाई को पूजा का सिलेक्शन रद्द कर दिया गया। पूजा पर उम्र, माता-पिता की गलत जानकारी, पहचान बदलकर तय सीमा से ज्यादा बार सिविल सर्विसेस का एग्जाम देने का आरोप था। सिलेक्शन रद्द होने के बाद पूजा का पद छिन गया। उन पर भविष्य में UPSC का कोई भी एग्जाम देने पर रोक लग गई है। 28 अगस्त को पूजा ने दिल्ली हाईकोर्ट में कहा था कि UPSC के पास उनके खिलाफ कार्रवाई करने का कोई अधिकार नहीं है। मेरे सारे डॉक्यूमेंट को 26 मई 2022 को पर्सनैलिटी टेस्ट में आयोग ने वैरिफाई किया था। 5 सितंबर: पूजा बोलीं- मैं AIIMS में जांच कराने को तैयार
पूजा खेडकर की अंतरिम जमानत याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई थी। पूजा ने कोर्ट से कहा था कि वो अपनी विकलांगता की जांच AIIMS में कराने को तैयार हैं। 4 सितंबर को दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट में नई स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर कहा था कि पूजा की तरफ से UPSC में जमा कराए गए दो डिसेबिलिटी सर्टिफिकेट में से एक फर्जी होने का शक है। इस पर पूजा ने कहा कि मैं अपनी मेडिकल जांच कराने को तैयार हूं। पहले इन्होंने कहा कि मैंने अपना नाम बदलकर एग्जाम दिया। अब ये कह रहे हैं कि मेरी विकलांगता पर भी संदेह है। ऐसा है तो मैं AIIMS जाने को तैयार हूं। जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने कहा कि पुलिस ने मामले में और जांच करने के लिए 10 दिन का समय मांगा है, इसलिए मामले की अगली सुनवाई 26 सितंबर को होगी। तब तक खेडकर को गिरफ्तारी से मिली राहत जारी रहेगी। पूरी खबर पढ़ें… 4 सितंबर: पुलिस ने हाईकोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की
दिल्ली पुलिस ने पूजा खेडकर मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में बुधवार (4 सितंबर) को नई स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की थी। इसमें बताया था कि हमने UPSC की तरफ से जमा कराए गए डॉक्यूमेंट की जांच की। इसमें सामने आया कि पूजा खेडकर ने सिविल सर्विसेज एग्जामिनेशन- 2022 और 2023 के दौरान दो डिसेबिलिटी सर्टिफिकेट (मल्टीपल डिसेबिलिटी) जमा कराए थे, जो उनके (पूजा के) मुताबिक महाराष्ट्र के अहमदनगर की मेडिकल अथॉरिटी की तरफ से जारी किए गए थे। पुलिस ने अहमदनगर मेडिकल अथॉरिटी ने इन दोनों सर्टिफिकेट की जांच कराई। अथॉरिटी ने बताया- ‘हमारे सिविल सर्जन के ऑफिस रिकॉर्ड के मुताबिक डिसेबिलिटी सर्टिफिकेट (मल्टीपल डिसेबिलिटी) नंबर MH2610119900342407 को इस अथॉरिटी ने जारी नहीं किया। लिहाजा इस बात की संभावना है कि इस डिसेबिलिटी सर्टिफिकेट को जाली तरीके से बनाया गया है।’ 31 जुलाई: UPSC ने 31 जुलाई को पूजा का सिलेक्शन रद्द किया
UPSC ने 31 जुलाई को पूजा का सिलेक्शन रद्द किया था और भविष्य में कोई एग्जाम देने पर भी रोक लगाई थी। UPSC ने दस्तावेजों की जांच के बाद पूजा को CSE-2022 नियमों के उल्लंघन का दोषी पाया था। आयोग ने दिल्ली पुलिस में केस भी दर्ज कराया था। इस सुनवाई में दिल्ली हाईकोर्ट ने पूर्व IAS अफसर पूजा खेडकर को गिरफ्तारी से अंतरिम जमानत दी थी। जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने कहा था कि दिल्ली पुलिस इस मामले में नई स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करना चाहती है, इसलिए खेडकर की अंतरिम जमानत याचिका की सुनवाई 5 सितंबर तक के लिए टाली जाती है। 30 जुलाई: पूजा ने हाईकोर्ट को बताया- मैं 47% दिव्यांग हूं
30 अगस्त को पूजा ने दिल्ली हाईकोर्ट में जवाब दाखिल किया था कि था कि UPSC की परीक्षा में आरक्षण के लिए कैंडिडेट का 40% दिव्यांग होना जरूरी है। मैं 47% दिव्यांग हूं। इसलिए UPSC परीक्षा में मेरे सिर्फ दिव्यांग कैटेगरी वाले अटेम्प्टस को गिना जाए। उन्होंने कहा था कि उनके पास महाराष्ट्र के हॉस्पिटल का सर्टिफिकेट है, जिसमें उन्हें ओल्ड ACL (एंटीरियर क्रूसिएट लिगामेंट) के फटने और बाएं घुटने में अस्थिरता की पुष्टि की गई है। पूजा ने बताया कि उन्होंने सिविल सर्विसेज एग्जाम के 12 अटेम्प्ट्स दिए हैं। इनमें 7 अटेम्प्ट्स जनरल कैटेगरी से दिए हैं। पूजा ने जनरल कैटेगरी के सातों अटेम्प्ट्स नजरअंदाज करने की अपील की। 28 अगस्त: UPSC के पास मेरे खिलाफ कार्रवाई करने का कोई अधिकार नहीं
पूजा ने 28 अगस्त को दिल्ली हाईकोर्ट में कहा था कि UPSC के पास उनके खिलाफ कार्रवाई करने का कोई अधिकार नहीं है। पूजा ने कहा कि UPSC ने 2019, 2021 और 2022 के पर्सनैलिटी टेस्ट के दौरान कलेक्ट किए बायोमेट्रिक डेटा (सिर और उंगलियों के निशान) के जरिए मेरी पहचान वैरिफाई की है। मेरे सारे डॉक्यूमेंट को 26 मई 2022 को पर्सनैलिटी टेस्ट में आयोग ने वैरिफाई किया था। पूरी खबर पढ़ें… पूजा के विकलांगता सर्टिफिकेट से जुड़े विवाद UPSC के एक्शन के खिलाफ पूजा की 4 दलीलें UPSC ने बताया था- पूजा को 2 बार समय दिया, लेकिन जवाब नहीं आया लाल बत्ती लगी ऑडी कार से ऑफिस आतीं, सीनियर अफसर को धमकातीं
पूजा पुणे में ट्रेनी अफसर की ट्रेनिंग ले रही थीं। इस दौरान उन पर सुविधाएं मांगने का आरोप लगा। एक वरिष्ठ अधिकारी के चैंबर पर कब्जा करने की शिकायत भी सामने आई। वे अपनी निजी ऑडी कार में लाल बत्ती और ‘महाराष्ट्र सरकार’ की प्लेट लगवाई। पुणे के डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर सुहास दिवासे ने पूजा के खिलाफ शिकायत की थी, जिसके बाद उनका ट्रांसफर वाशिम कर दिया गया था। इसके बाद मामले की जांच की गई तो पता चला कि उन्होंने यूपीएससी में सिलेक्शन पाने के लिए फर्जी दस्तावेजों का भी इस्तेमाल किया था। इसके बाद उनके खिलाफ जांच शुरू हुई तो कई खुलासे हुए।