न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक पर RBI का बैन:ग्राहक पैसा नहीं निकाल सकेंगे, मुंबई में बैंक के बाहर ग्राहकों की भीड़
मुंबई बेस्ड न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक के बाहर लोगों की भीड़ लगी है, क्योंकि ग्राहक अपना पैसा निकालना चाहते हैं। रिजर्व बैंक ने कल यानी, गुरुवार 13 जनवरी को नियमों का पालन न करने के चलते बैंक में डिपॉजिट और विड्रॉल पर रोक लगा दी हैं। अब बैंक नया लोन भी जारी नहीं कर सकेगा। मुंबई के अंधेरी में विजयनगर ब्रांच के बाहर जमा हुए अकाउंट होल्डर्स इस बात को लेकर असमंजस में हैं कि उनका पैसा कब मिलेगा। कुछ लोगों ने कहा कि बैंक उनके सवालों का जवाब नहीं दे रहा है और यहां तक कि उसकी कस्टमर सपोर्ट सर्विसेज और ऐप भी काम नहीं कर रहे हैं। बैंक की एक ग्राहक सीमा वाघमरे ने कहा, “हमने कल ही पैसे जमा किए, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं कहा… उन्हें हमें बताना चाहिए था कि ऐसा होने वाला है। अब वे कह रहे हैं कि हमें तीन महीने के भीतर अपना पैसा मिल जाएगा। हमें ईएमआई देना है, और पता नहीं हम इसे कैसे मैनेज करेंगे।” मौजूदा नकदी स्थिति को देखते हुए आरबीआई का एक्शन रिजर्व बैंक ने कहा कि बैंक की मौजूदा नकदी स्थिति को देखते हुए निर्देश दिया गया है कि वह जमाकर्ता के बचत बैंक या चालू खातों या किसी अन्य खाते से किसी भी राशि की निकासी की अनुमति न दे। हालांकि, वेतन, किराया और बिजली के बिल जैसी कुछ आवश्यक चीजों पर खर्च करने की इजाजत है। छह महीने के लिए प्रभावी रहेगा आरबीआई का बैन आरबीआई बैंक की स्थिति की निगरानी करना जारी रखेगा और जमाकर्ताओं के हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इन निर्देशों को मॉडिफाई करेगा। ये प्रतिबंध 13 फरवरी, 2025 से छह महीने के लिए प्रभावी रहेंगे। 5 लाख रुपए तक का क्लेम ले सकेंगे डिपॉजिटर्स RBI ने बताया कि एलिजिबल डिपॉजिटर्स डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन से 5 लाख रुपए तक डिपॉजिट इंश्योरेंस क्लेम अमाउंट पाने के हकदार होंगे। मार्च 2024 के अंत में सहकारी बैंक के पास 2436 करोड़ रुपए जमा थे। इससे पहले PMC बैंक पर भी लगा था प्रतिबंध इससे पहले 2019 में जब PMC बैंक का घोटाला सामने आया तो सितंबर 2019 में रिजर्व बैंक ने PMC बैंक के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स को खत्म कर दिया और बैंक पर कई तरह के प्रतिबंध भी लगा दिए। बाद RBI ने इसे स्मॉल फाइनेंस बैंक के रूप में चलाने का फैसला किया था। PMC बैंक का NPA 9% था बैंक ने 1% बताया था रिपोर्ट्स के मुताबिक, PMC बैंक का नॉन परफॉर्मिंग एसेट यानी NPA 9% था, लेकिन बैंक ने इसे केवल 1% दिखाया। PMC बैंक ने अपने सिस्टम में 250 करोड़ रुपए का बोगस डिपॉजिट दिखाया। बैंक ने NPA करने वाली कंपनियों जैसे कि DHFL और HDIL को बडी मात्रा में नया लोन दिया। यह लोन इन कंपनियों के डायरेक्टर्स के रिश्तेदारों या पार्टनर के नाम पर दिए गए। बैंक के लोन बुक को बढ़ाने का लिए नकली डिपॉजिट दिखाए गए।