क्या थैलेसिमिया टेस्ट से बच्चे को गंभीर बीमारी से बच सकते ? जानें इसकी अहमियत
Thalassemia Prevention Tips: थैलेसिमिया एक जेनेटिक बीमारी है जो बच्चों को उनके माता-पिता से मिलती है. ये बीमारी बच्चों में तीन महीने की उम्र के बाद पहचानी जाती है, लेकिन इसके लक्षण बहुत जल्दी दिखने लगते हैं. इस बीमारी में रेड ब्लड सेल्स की कमी होती है, जिससे शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह ठीक से नहीं हो पाता. इसके कारण बच्चे में कमजोरी और थकावट जैसी समस्याएं होती हैं.