निवा बूपा हेल्थ-इंश्योरेंस का शेयर 6.08% ऊपर ₹78.5 पर लिस्ट:इश्यू प्राइस ₹74 था, 1.90 गुना सब्सक्राइब हुआ था प्राइवेट हेल्थ इंश्योरर का IPO
निवा बूपा हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड का शेयर आज (14 नवंबर) बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर इश्यू प्राइस से 6.08% ऊपर ₹78.5 पर लिस्ट हुआ। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर शेयर इश्यू प्राइस से 5.5% ऊपर ₹78.14 पर लिस्ट हुआ। कंपनी ने IPO का ऊपरी इश्यू प्राइस ₹74 प्रति शेयर रखा था। प्राइवेट हेल्थ इंश्योरर निवा बूपा हेल्थ इंश्योरेंस का IPO 7 नवंबर से 11 नवंबर तक बोली लगाने के लिए ओपन था। तीन कारोबारी दिनों में IPO टोटल 1.90 गुना सब्सक्राइब हुआ था। रिटेल कैटेगरी में 2.88 गुना, क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) में 2.17 गुना और नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NII) कैटगरी में 0.71 गुना सब्सक्राइब हुआ था। ₹2,200 करोड़ का था निवा बूपा हेल्थ इंश्योरेंस का इश्यू निवा बूपा हेल्थ इंश्योरेंस का ये इश्यू टोटल ₹2,200 करोड़ का था। इसके लिए निवा बूपा हेल्थ इंश्योरेंस ₹800 करोड़ के 108,108,108 फ्रेश शेयर इश्यू किए। जबकि, कंपनी के मौजूदा निवेशक ऑफर फॉर सेल यानी OFS के जरिए ₹1,400 करोड़ के 189,189,189 शेयर बेचे। मैक्सिमम 2600 शेयर के लिए बिडिंग कर सकते थे रिटेल निवेशक निवा बूपा हेल्थ इंश्योरेंस ने इस इश्यू का प्राइस बैंड ₹70-₹74 तय किया था। रिटेल निवेशक मिनिमम एक लॉट यानी 200 शेयर्स के लिए बिडिंग कर सकते थे। यदि आप IPO के अपर प्राइज बैंड ₹74 के हिसाब से 1 लॉट के लिए अप्लाय करते, तो इसके लिए ₹14,800 इन्वेस्ट करने होते। वहीं, मैक्सिमम 13 लॉट यानी 2600 शेयर्स के लिए रिटेल निवेशक अप्लाय कर सकते थे। इसके लिए निवेशकों को अपर प्राइज बैंड के हिसाब से ₹192,400 इन्वेस्ट करने होते। इश्यू का 10% हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स के लिए रिजर्व था कंपनी ने इश्यू का 75% हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए रिजर्व रखा था। इसके अलावा 10% हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स और बाकी का 15% हिस्सा नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NII) के लिए रिजर्व था। IPO क्या होता है? जब कोई कंपनी पहली बार अपने शेयर्स को आम लोगों के लिए जारी करती है तो इसे इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग यानी IPO कहते हैं। कंपनी को कारोबार बढ़ाने के लिए पैसे की जरूरत होती है। ऐसे में कंपनी बाजार से कर्ज लेने के बजाय कुछ शेयर पब्लिक को बेचकर या नए शेयर इश्यू करके पैसा जुटाती है। इसी के लिए कंपनी IPO लाती है।