मनीषा कोइराला नहीं करना चाहती थीं बॉम्बे फिल्म:बोलीं- लोग कहते थे मां का किरदार निभाया तो कभी हीरोइन नहीं बन पाऊंगी
मनीषा कोइराला ने 1995 में आई फिल्म बॉम्बे में शैला बानू का किरदार निभाया था। हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने इस किरदार से जुड़ा एक किस्सा साझा किया। मनीषा ने कहा कि इस किरदार को निभाने के लिए उन्हें शुरुआत में काफी संदेह था। कई लोग उनसे कह रहे थे कि एक मां का रोल करने से वह टाइपकास्ट हो सकती हैं। हालांकि, एक सलाह ने उनका नजरिया बदल दिया और उन्होंने यह रोल निभाने का फैसला किया। ANI से बातचीत में मनीषा कोइराला ने कहा, ‘जब बॉम्बे फिल्म मुझे ऑफर हुई, तो मैं थोड़ी नादान थी। मेरे आस-पास के लोग मुझे यह कह रहे थे कि यह रोल मत लो, क्योंकि इसमें मुझे दो बच्चों की मां का किरदार निभाना था। वे डर रहे थे कि अगर मैंने मां का रोल किया, तो मुझे हीरोइन के रोल नहीं मिलेंगे।’ मनीषा ने कहा, ‘इसी दौरान सिनेमाटोग्राफर अशोक मेहता ने मुझे सलाह दी कि मैं मणिरत्नम के काम के बारे में जानूं और इस बड़े मौके को किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ूं, क्योंकि मणिरत्नम के साथ काम करना एक शानदार मौका साबित हो सकता है। मनीषा कोइराला ने कहा, ‘जब मैं मणि सर से मिली, तो उनकी समझ, विनम्रता और क्रिएटिव अंदाज ने मुझे बहुत मोटिवेट किया। इसके बाद मुझे फिल्म का वह संदेश भी बहुत अच्छा लगा, जो एकता और एक परिवार की तरह साथ रहने के बारे में था। लुक टेस्ट के दौरान, मुझे समझ में आया कि वह कुछ खास और अलग बना रहे हैं।’ इंडिया टुडे से बातचीत में मनीषा ने कहा, ‘मणि सर के साथ काम करके बहुत कुछ सीखा। उनका शॉट्स लेने का तरीका और उनके एक्सपेरिमेंट काफी अलग हैं। वह एक मास्टर हैं। और मैं अशोक जी का धन्यवाद करती हूं, जिन्होंने मुझे डांटकर सही रास्ता दिखाया।’