Thursday, December 26, 2024
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नसरल्लाह की मौत के बाद बेरूत में सड़कों पर सेना:सुप्रीम लीडर खामेनेई बोले- इजराइल के खिलाफ एकजुट हों दुनिया के मुसलमान

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लेबनान की राजधानी बेरूत में 27 सितंबर को इजराइल के हवाई हमले में हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह मारा गया। ईरान समर्थित संगठन हिजबुल्लाह ने शनिवार शाम इसकी पुष्टि की। नसरल्लाह की मौत के बाद बेरूत में बुर्ज अल गजल ब्रिज के पास शनिवार दोपहर से टैंक तैनात कर दिए गए हैं। दरअसल, लेबनान की सरकार को डर है कि हिजबुल्लाह चीफ के मारे जाने के बाद अब शिया और ईसाई समुदाय में झड़प हो सकती है। वहीं नसरल्लाह की मौत के बाद लेबनान और ईरान में शोक का माहौल है। ईरान के सुप्रीम कमांडर आयतुल्लाह अली खामेनेई ने दुनियाभर के मुस्लिमों से हिजबुल्लाह के समर्थन में एकजुट होने की अपील की। उन्होंने कहा कि मिडिल ईस्ट का भविष्य इस बात पर टिका है हम कितनी ताकत से इजराइल को रोक सकते हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, नसरल्लाह के बाद अब उनका चचेरा भाई हाशेम सैफिद्दीन हिजबुल्लाह का अगला चीफ बन सकता है। इजराइल ने 27 सितंबर को बेरूत में हिजबुल्लाह के हेडक्वार्टर पर 80 टन बम से हमला किया था। यह इतना भीषण था कि आसपास की 6 बिल्डिंग ध्वस्त हो गईं थीं। इजराइल को महीनों से पता थी नसरल्लाह की लोकेशन
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, इजराइली नेताओं को कई महीनों से नसरल्लाह की लोकेशन की जानकारी थी। वे 1 हफ्ते पहले ही उस पर हमले की योजना बना चुके थे। दरअसल, इजराइली अधिकारियों को डर था कि नसरल्लाह कुछ दिनों में किसी दूसरी लोकेशन पर शिफ्ट हो जाएगा। ऐसे में उस पर हमले के लिए उनके पास बेहद कम समय है। इसके बाद शुक्रवार को इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने UN में भाषण देने के बाद अपने होटल रूम से हिजबुल्लाह के हेडक्वार्टर पर हमले की इजाजत दे दी। नसरल्लाह की मौत पर रो रहीं लेबनान की महिलाएं
बेरूत में नसरल्लाह की मौत की खबर फैलने के बाद शोक का माहौल है। इजराइल के हमलों में बेघर होने के बाद एक मस्जिद की सीढ़ियों पर रह रही महिला ने रोते हुए कहा, “वह चला गया। सैयद जा चुके हैं।” वहीं 53 साल की दूसरी महिला ने चिल्लाकर कहा कि हम उनके रास्ते पर चलते रहेंगे। वे भले ही मर गए हैं, लेकिन उनकी जीत जरूर होगी। वहीं इराक के प्रधानमंत्री मोहम्मद शिया अल-सुदानी ने देश में 3 दिन के शोक की घोषणा की है। लेबनान में सेना भेजने की तैयारी में ईरान
ईरान में विदेश मंत्रालय के अधिकारी आयतुल्लाह मोहम्मद अखतारी ने कहा है कि ईरान आने वाले कुछ दिनों में लेबनान और सीरिया में सैनिकों की तैनाती की तैयारी में है। इसके लिए रजिस्ट्रेशन भी शुरू कर दिया गया है। अखतारी ने कहा, “वरिष्ठ अधिकारी जल्द ही गोलन हाइट्स में सैनिकों को तैनात करने की इजाजत दे देंगे। हम लेबनान में इजराइल से लड़ाई के लिए 1981 की तरह ही सेना भी भेज सकते हैं।” नसरल्लाह को मारने के लिए इजराइल ने चलाया था ‘न्यू ऑर्डर’ ऑपरेशन
इजराइली सेना ने बताया कि नसरल्लाह को मारने के लिए जो ऑपरेशन चलाया गया था उसे ‘न्यू ऑर्डर’ नाम दिया गया था। बेरूत पर हमले के दौरान इजराइल के रक्षा मंत्री योव गैलेंट और IDF के चीफ ऑफ स्टाफ कमांड सेंटर से ऑपरेशन पर नजर बनाए हुए थे। बेरूत की सड़कों पर रह रहे हजारों लेबनानी
BBC के मुताबिक, इजराइल और हिजबुल्लाह में 11 दिन से जारी टकराव के बीच हजारों लेबनानी बेघर हो गए हैं। UN एजेंसी ने लेबनान में लोगों को शरण देने के लिए 500 शेल्टर बनाए हैं। बमबारी के बीच साउथ लेबनान में बेघर हुए हजारों लोग सड़कों, कारों और पार्क में सो रहे हैं। 32 की उम्र में हिजबुल्लाह का चीफ बना था नसरल्लाह
​​​​​​नसरल्लाह 1992 से ईरान समर्थित संगठन हिजबुल्लाह का चीफ था। जब उसे यह जिम्मेदारी मिली तब वह महज 32 साल का था। नसरल्लाह संगठन के फाउंडिंग मेंबर्स में से एक था। इजराइल ने 2 महीने के भीतर हिजबुल्लाह की पूरी लीडरशिप को खत्म कर दिया है। इजराइल ने 30 जुलाई को लेबनान पर एक एयरस्ट्राइक में हिजबुल्लाह के दूसरे सबसे सीनियर लीडर फुआद शुकर को मार गिराया था। इसके ठीक अगले दिन 31 जुलाई को ईरान पर हमला कर हमास चीफ इस्माइल हानियेह को भी मार दिया था। अब हिजबुल्लाह की लीडरशिप में कोई सीनियर नेता नहीं बचा है। वहीं हमास की लीडरशिप में सिर्फ याह्या सिनवार जीवित है, जो गाजा में मौजूद है। ये खबर भी पढ़ें… कौन है नसरल्लाह, जिसने 50 साल निभाई इजराइल से दुश्मनी:सब्जी वाले के घर जन्मा, 15 की उम्र में यहूदियों के खिलाफ उठाए थे हथियार तारीख- 25 मई, साल- 2000। इजराइली सेना दक्षिणी लेबनान से अपना कब्जा छोड़ देती है। ये लेबनान में हिजबुल्लाह की अब तक की सबसे बड़ी जीत थी। अगले दिन हिजबुल्लाह का चीफ हसन नसरल्लाह लेबनान के एक छोटे शहर बिंत जबेल पहुंचा। भूरे रंग के कपड़े और काला साफा बांधे 39 साल के नसरल्लाह ने कहा, “इजराइल के पास भले ही परमाणु हथियार हों, लेकिन फिर भी वह मकड़ी के जाल की तरह कमजोर है।” पूरी खबर पढ़ें…

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