Sunday, July 20, 2025
Latest:
Sports

एक पैर पर कांवड़ ला रहा हरियाणा का बॉडी बिल्डर:बोन कैंसर से टांग कटी, मिस्टर वर्ल्ड सहित 100 से ज्यादा मेडल; 200 किलोमीटर लेटकर चलेंगे

Share News

हरियाणा में सोनीपत के रहने वाले 24 साल के मोहित के जीवन के संघर्ष की कहानी प्रेरणा देने वाली है। बचपन में फौज में जाने का सपना देखा, लेकिन 15 साल पहले बोन कैंसर की वजह से एक टांग गंवानी पड़ी। इससे सेना में जाने का सपना टूटा तो हिम्मत हार बैठे। मगर, एक दिन यूट्यूब पर एक दिव्यांग बॉडी बिल्डर के हौसले ने उनकी सोच ही बदल दी। यहीं से शुरू हुआ जिंदगी का असली संघर्ष। टांग कटने के बाद डॉक्टरों ने कृत्रिम पैर लगा दिया था। मोहित ने सबसे पहले उसे ही खुद से दूर किया। फिर एक ही पैर पर खड़े होकर बॉडी बिल्डिंग, पावर लिफ्टिंग और मॉडलिंग की। मिस्टर हरियाणा, मिस्टर यूपी और मिस्टर वर्ल्ड जैसे खिताब झोली में डाले। विभिन्न चैंपियनशिप में 100 से ज्यादा मेडल उनके नाम चढ़े तो पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने उन्हें सरकारी नौकरी देने का आश्वासन दिया, लेकिन अब तक उन्हें कोई सहायता नहीं मिली। मगर, इसके बाद भी मोहित ने न हार मानी, न ही थमे। “जो रुकते नहीं, वही इतिहास बनाते हैं”… जैसी सोच रखने वाले मोहित अब पैरा ओलिंपिक की तैयारी कर रहे हैं। सावन माह चल रहा तो वे इस बार हरिद्वार से सोनीपत तक 200 किलोमीटर लंबी ‘दंडवत कांवड़ यात्रा’ भी कर रहे हैं, जिसमें वे प्रतिदिन लेटकर 2 किलोमीटर चलते हैं। यहां जानिए मोहित के जीवन संघर्ष की कहानी… एक टांग के सहारे मोहित ने पाई कई सफलताएं… पहला मेडल आया तो परिवार के आंखों में आए आंसू
मोहित बताते हैं कि करीब 9-10 साल पहले उसने पहली बार बॉडी बिल्डिंग चैंपियनशिप में हिस्सा लिया। पहली ही चैंपियनशिप में मेडल मिला। यह मेडल लेकर जब घर पहुंचा तो परिवार वालों की आंखों में आंसू आ गए। खुशी के ये आंसू देखने के बाद उसका हौसला इतना बढ़ा कि उसने फिर कई चैंपियनशिप में हिस्सा लिया और मेडल व खिताब अपने नाम किए। पूरा परिवार उनके साथ है। उन्हें यकीन है कि अपनी अपंगता को कभी अपने सपनों के रास्ते में नहीं आने दूंगा। 100 से ज्यादा मेडल, लेकिन सरकारी उपेक्षा मिली
मोहित बताते हैं कि मिस्टर हरियाणा, मिस्टर यूपी और मिस्टर वर्ल्ड जैसे खिताब उसकी झोली में आ चुके थे। कई बड़े मंचों पर उसे शासन और प्रशासन के अलावा खेल की महान हस्तियों ने सम्मानित किया। एक कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने उन्हें सरकारी नौकरी देने का आश्वासन दिया था, लेकिन अब तक उन्हें कोई सहायता नहीं मिली। उन्होंने उम्मीद नहीं छोड़ी। पैरा ओलिंपिक की तैयारी शुरू की
मोहित ने कहा कि अब वे पैरा ओलिंपिक की तैयारी कर रहे हैं और डिस्कस थ्रो (चक्का फेंक) में हाथ आजमा रहे हैं। इसके लिए वे कई महीनों से विशेष ट्रेनिंग ले रहे हैं। यदि पैरा ओलिंपिक में पदक जीत कर देश का नाम रोशन कर पाया तो यह उसके और परिवार के लिए बड़ी उपलब्धि होगी। बुलंद हौसले के साथ वह दिन रात ट्रेनिंग कर रहा है। धर्म के प्रति पूरा समर्पण, हरिद्वार से ला रहे कांवड़
मोहित ने बताया कि वे लगातार 7 वर्षों से कांवड़ यात्रा में भाग ले रहे हैं। 2024 में उन्होंने 61 लीटर गंगाजल लेकर एक पैर पर चलते हुए कांवड़ यात्रा की थी, जिसमें वे प्रतिदिन 8–10 किलोमीटर चलते थे। 2025 में वे हरिद्वार से सोनीपत तक दंडवत (लेटकर) कांवड़ यात्रा कर रहे हैं, जो लगभग 200 किलोमीटर की दूरी है। उन्होंने 12 मई को हरिद्वार से जल उठाया और 1 जुलाई को सोनीपत के अपने शिव मंदिर में जल चढ़ाएंगे। प्रतिदिन 2 किलोमीटर लेटकर चलना और साथ में चलती गाड़ी में मंदिर और अखंड ज्योत साथ रखना उनकी विशेष पहचान है। उनका उद्देश्य है सनातन धर्म को जात-पात से ऊपर उठाकर अपनाना और गौ माता को राष्ट्र माता का दर्जा दिलाना। इसके अलावा, उनका उद्देश्य सिर्फ धार्मिक आस्था नहीं, बल्कि यह दिखाना भी है कि शरीर भले कमजोर हो, लेकिन हौसला बुलंद हो तो कोई भी बाधा बड़ी नहीं होती।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *