Sunday, July 20, 2025
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प्रगनानंदा ने वर्ल्ड नंबर-1 कार्लसन को हराया:फ्रीस्टाइल चेस ग्रैंड स्लैम टूर में 39 चालों में दी मात, टूर्नामेंट में टॉप पर पहुंचे

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भारत के ग्रैंडमास्टर आर प्रगनानंदा ने लास वेगास में फ्रीस्टाइल चेस ग्रैंड स्लैम टूर में दुनिया के नंबर 1 मैग्नस कार्लसन को हरा दिया है। 19 साल प्रगनानंदा ने पांच बार के वर्ल्ड चैंपियन को केवल 39 चालों में मात दी। कार्लसन को प्रगनानंदा ने टूर्नामेंट के ग्रुप स्टेज के चौथे राउंड में हराया। इस टूर्नामेंट में हर खिलाड़ी को 10 मिनट का समय और हर चाल पर 10 सेकंड अतिरिक्त मिलते हैं। नॉर्वे के ग्रैंडमास्टर कार्लसन को हाल ही में भारत के मौजूदा वर्ल्ड चैंपियन डी गुकेश भी लगातार हरा चुके हैं। प्रगनानंदा संयुक्त रूप से टॉप पर पहुंचे
मैग्नस कार्लसन के खिलाफ चौथे राउंड में मिली जीत के साथ आर प्रगनानंदा 4.5 पॉइंट्स के साथ आठ खिलाड़ियों वाले टूर्नामेंट में संयुक्त रूप से टॉप पर पहुंच गए हैं। इस जीत के साथ प्रगनानंदा, कार्लसन को तीनों फॉर्मेट क्लासिकल, रैपिड और ब्लिट्ज में हराने में सफल रहे। चार में से तीन राउंड में जीत चुके हैं प्रगनानंदा
प्रगनानंदा ने टूर्नामेंट की शुरुआत उज्बेकिस्तान के नोदिरबेक अब्दुसत्तोरोव के खिलाफ ड्रॉ खेलकर की थी। इसके बाद दूसरे राउंड में उनका सामना असाउबायेवा से हुआ था जिसमें वह जीत हासिल करने में कामयाब रहे थे। प्रगनानंदा ने यहां से अपनी लय को बरकरार रखते हुए तीसरे राउंड में काले मोहरों से खेलते हुए कीमर को हराया। वहीं अब वह फिर चौथे राउंड में वर्ल्ड नंबर-1 खिलाड़ी मैग्नस कार्लसन को हराने के साथ संयुक्त रूप से टॉप पोजीशन में पहुंच गए हैं। पिता बैंक में काम करते हैं, मां हाउस वाइफ
प्रगनानंदा का जन्म 10 अगस्त, 2005 को चेन्नई में हुआ। उनके पिता स्टेट कॉर्पोरेशन बैंक में काम करते हैं, जबकि मां नागलक्ष्मी एक हाउसवाइफ हैं। उनकी एक बड़ी बहन वैशाली आर हैं। वैशाली भी चेस खेलती हैं। प्रगनानंदा का नाम पहली बार चर्चा में तब आया, जब उन्होंने 7 साल की उम्र में वर्ल्ड यूथ चेस चैंपियनशिप जीती थी। तब उन्हें फेडरेशन इंटरनेशनल डेस एचेक्स (FIDE) मास्टर की उपाधि मिली। प्रगनानंदा 10 साल की उम्र में 2016 में शतरंज के सबसे युवा इंटरनेशनल मास्टर बने थे। वे 12 साल की उम्र में ग्रैंडमास्टर बन गए। इससे पहले, वे 2016 में यंगेस्ट इंटरनेशनल मास्टर बनने का खिताब भी अपने नाम कर चुके हैं। तब वे 10 साल के ही थे। चेस में ग्रैंडमास्टर सबसे ऊंची कैटेगरी वाले खिलाड़ियों को कहा जाता है। इससे नीचे की कैटेगरी इंटरनेशनल मास्टर की होती है। ————————- स्पोर्ट्स की यह खबर भी पढ़ें… जापान ओपन में भारतीय चुनौती समाप्त:सात्विक-चिराग और लक्ष्य सेन प्री क्वार्टर में हारे टोक्यो में हो रहे जापान ओपन सुपर 750 टूर्नामेंट में भारतीय चुनौती समाप्त हो गई है। मेंस डबल्स में सात्विक साईराज रंकीरेड्‌डी और चिराग शेट्‌टी की जोड़ी टूर्नामेंट से बाहर हो गई है। वहीं, मेन्स सिंगल्स में भी लक्ष्य सेन को प्री क्वार्टर फाइनल में हार का सामना करना पड़ा है। जबकि पीवी सिंधु पहले ही विमेंस सिंगल्स में हार कर टूर्नामेंट से बाहर हो चुकी हैं। पढ़ें पूरी खबर…

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