Friday, July 18, 2025
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जयशंकर ने बीजिंग में शी जिनपिंग से मुलाकात की:राष्ट्रपति मुर्मू-PM मोदी की तरफ से दिया मैसेज; 5 साल बाद चीन पहुंचे विदेश मंत्री

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विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की। न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक जयशंकर ने राष्ट्रपति जिनपिंग को भारत-चीन के बीच रिश्तों में हुई प्रगति के बारे में बताया। बीते 5 साल में पहली बार है जब जयशंकर चीन पहुंचे हैं। जयशंकर ने जिनपिंग से मुलाकात से जुड़ी एक तस्वीर भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट की है। जयशंकर ने लिखा है- आज सुबह बीजिंग में SCO के विदेश मंत्रियों के साथ मैंने राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री मोदी की ओर से शी जिनपिंग का अभिवादन किया। जयशंकर ने चीनी विदेश मंत्री से मुलाकात की
जयशंकर शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए चीन पहुंचे हैं। इससे पहले जयशंकर ने विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की थी। इस बैठक में उन्होंने दोनों देशों के बीच स्थिर और रचनात्मक संबंध बनाने की जरूरत पर जोर दिया। जयशंकर ने कहा कि सीमा से जुड़े मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए, लोगों के बीच संपर्क को सामान्य बनाना चाहिए और व्यापार में आ रही रुकावटों को हटाने पर काम करना चाहिए। उन्होंने विश्वास जताया कि आपसी सम्मान और समझदारी के आधार पर भारत-चीन संबंध सकारात्मक दिशा में बढ़ सकते हैं। चीनी विदेश मंत्री से व्यापार और पर्यटन पर चर्चा
बीजिंग में हुई बैठक के दौरान विदेश मंत्री जयशंकर ने अपने चीनी समकक्ष वांग यी से व्यापार और पर्यटन को लेकर भी अहम मुद्दे उठाए। उन्होंने चीन द्वारा लगाए गए एक्सपोर्ट कंट्रोल और व्यापारिक प्रतिबंधों को लेकर चिंता जताई। जयशंकर ने साफ कहा कि चीन को ऐसे कदमों से बचना चाहिए जो भारत के उत्पादन क्षेत्र (मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर) को नुकसान पहुँचा सकते हैं। इसके साथ ही उन्होंने भारत और चीन के लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने यात्रा को आसान बनाने, सीधी उड़ानों (डायरेक्ट फ्लाइट्स) को फिर से शुरू करने और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने की आवश्यकता बताई। उनका मानना है कि इससे दोनों देशों के बीच आपसी समझ और भरोसा बढ़ेगा। SCO बैठक में आतंकवाद पर रुख दोहराया SCO बैठक के दौरान विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने आतंकवाद को लेकर भारत का स्पष्ट रुख दोहराया। उन्होंने कहा कि शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की स्थापना का मुख्य उद्देश्य आतंकवाद, अलगाववाद और चरमपंथ से मुकाबला करना है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए सभी सदस्य देशों को ‘जीरो टॉलरेंस’ (कतई बर्दाश्त न करने) की नीति पर मजबूती से टिके रहना चाहिए। इसके साथ ही जयशंकर ने चीन द्वारा कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने के फैसले का स्वागत किया। यह यात्रा पिछले पांच वर्षों से बंद थी, और इसका दोबारा शुरू होना दोनों देशों के बीच भरोसे और धार्मिक-सांस्कृतिक संबंधों के लिए एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है। जयशंकर बोले- भारत-चीन के संबंध सुधर रहे
जयशंकर और वांग यी के बीच सोमवार को द्विपक्षीय बैठक हुई। इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को बीजिंग में चीन के उपराष्ट्रपति हान झेंग से मुलाकात की थी। इस बैठक में जयशंकर ने कहा- भारत और चीन के संबंध अक्टूबर 2023 में कजान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात के बाद से लगातार बेहतर हो रहे हैं। दोनों देशों के बीच 75 साल के राजनयिक संबंध पूरे हो चुके हैं। जयशंकर ने मौजूदा अंतरराष्ट्रीय हालात को जटिल बताया और कहा कि भारत और चीन जैसे बड़े पड़ोसी देशों के बीच खुलकर बातचीत बेहद जरूरी है। उन्होंने चीनी उपराष्ट्रपति को बताया कि कैलाश मानसरोवर यात्रा के फिर से शुरू होने को भारत में बेहद सराहा गया है।

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