केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी 34% तक की बढ़ सकती है:अभी मिनिमम बेसिक सैलरी 18 हजार है, 8वां वेतन आयोग 1 जनवरी से लागू होगा
8वें वेतन आयोग के लागू होने पर केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स की सैलरी 30% से 34% तक बढ़ सकती है। ब्रोकरेज फर्म एंबिट कैपिटल (Ambit Capital) की रिपोर्ट के मुताबिक, नया फिटमेंट फैक्टर 1.83 से 2.46 के बीच हो सकता है, जिससे कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में इतना बड़ा इजाफा होगा। एक्चुअल फिटमेंट फैक्टर का ऐलान 8वें वेतन आयोग के आधिकारिक रूप से अपनी सिफारिशें जारी करने के बाद होगा। सैलरी, पेंशन और अलाउंस (भत्ते) को रिवाइज किए जाने से 50 लाख से ज्यादा केंद्र सरकार के कर्मचारियों और लगभग 65 लाख पेंशनर्स को फायदा मिलेगा। सरकार 8वें वेतन आयोग को 1 जनवरी 2026 से लागू करेगी। वेतन आयोग को 16 जनवरी 2025 को मंजूरी दी गई थी। हालांकि अभी तक कमेटी के चेयरमैन और इसके सदस्यों के नामों पर मुहर नहीं लगाई जा सकी है। आमतौर पर कमेटी का गठन ढ़ेह से दो महीनों के बीच हो जाता है, लेकिन इस बार इसमें देरी हो रही है। लेवल को मर्ज करने का प्रस्ताव हाल ही में स्टाफ की ओर से प्रपोजल देने वाले एडवोकेट्स ने सरकार को सुझाव दिया था कि लेवल 1 को लेवल 2 के साथ, लेवल 3 को लेवल 4 के साथ और लेवल 5 को लेवल 6 के साथ मर्ज किया जाए। यह एडवोकेट्स लोअर पे स्केल वाले कर्मचारियों के वेतन बढ़ाने और करियर ग्रोथ के मौको को बढ़ाने के लिए सुझाव देते हैं। वर्तमान में लेवल-1 कर्मचारी की मंथली बेसिक सैलरी 18,000 रुपए है। वहीं लेवल-2 कर्मचारी को 19,900 रुपए मिलते हैं। मर्जर के बाद लेवल-1 कर्मचारी को ज्यादा फायदा मिल सकता है, क्योंकि नया सैलरी स्ट्रक्चर इसी स्तर से शुरू होगा। 7वें वेतन आयोग में सैलरी ₹7,000 से बढ़कर ₹18,000 हो गई थी 7वें वेतन आयोग की शुरुआत के साथ मिनिमम बेसिक सैलरी में पर्याप्त ग्रोथ हुई थी, जो 2.57 के फिटमेंट फैक्टर की बदौलत 7,000 रुपए से बढ़कर 18,000 रुपए हो गई थी। इसी तरह, पेंशन में भी बदलाव हुआ था। ये 3,500 रुपए से बढ़कर 9,000 रुपए हो गई थी। इसके अलावा आयोग ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए एक नई हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम शुरू की थी। 16 जनवरी 2025 को वेतन आयोग के गठन को मंजूरी मिली थी 16 जनवरी 2025 को यूनियन कैबिनेट ने 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दी थी। हालांकि, सरकार ने अभी तक आयोग के लिए रेफरेंस की शर्तें प्रकाशित नहीं की हैं। ये आयोग खास तौर पर फिटमेंट फैक्टर और मिनिमम वेज स्टैंडर्ड्स जैसे बड़े मुद्दों पर ध्यान देगा। लाखों सरकारी कर्मचारी और पेंशन पाने वाले लोगों को उम्मीद है कि आज की इकोनॉमी और महंगाई को ध्यान में रखकर ही बदलाव किए जाएंगे। सरकारी कर्मचारियों के सैलरी स्ट्रक्चर की समीक्षा करने और उसमें बदलाव की सिफारिश करने के लिए वेतन आयोग बनाया जाता है। ये एक्सपेंडिचर डिपार्टमेंट के तहत काम करता है। आम तौर पर हर 10 साल में इसे गठित किया जाता है।