वर्ल्ड अपडेट्स:शुभांशु के बाद अब अनिल मेनन भी जाएंगे अंतरिक्ष स्टेशन, 8 महीने बिताएंगे
अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा जून 2026 में अपना पहला स्पेस स्टेशन मिशन लॉन्च करने जा रही है जिसके लिए भारतीय मूल के अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री अनिल मेनन का चयन हुआ है। मेनन जून 2026 में रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कॉसमॉस के सोयूज एमएस-29 यान से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए उड़ान भरेंगे। इस मिशन में वे फ्लाइट इंजीनियर और एक्सपीडिशन 75 के क्रू सदस्य के रूप में शामिल होंगे। इस अभियान में रोस्कॉसमॉस के दो अंतरिक्ष यात्री भी शामिल रहेंगे। टीम आठ महीनों तक आईएसएस में अनुसंधान करेगी। अनिल की पत्नी अन्ना मेनन भी अंतरिक्ष मिशन से जुड़ी हैं। वे 2024 में एक निजी स्पेसवॉक मिशन में शामिल हुई थीं। वे स्पेसएक्स में प्रमुख अंतरिक्ष संचालन इंजीनियर हैं। बच्चों के लिए ‘किसेस फ्रॉम स्पेस’ किताब लिख चुकी हैं। मेनन को 2021 में नासा ने अंतरिक्ष यात्री चुना था। मिनियापोलिस में जन्मे और पले-बढ़े मेनन आपातकालीन चिकित्सा विशेषज्ञ, मैकेनिकल इंजीनियर और स्पेस फोर्स के कर्नल हैं। उनके पिता भारतीय और मां यूक्रेनी मूल की हैं। अंतरराष्ट्रीय मामलों से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें…. UAE भारतीयों को ₹23 लाख में गोल्डन वीजा देगा, 3 महीने में 5 हजार लोगों के आवेदन करने की उम्मीद भारतीयों के लिए UAE (संयुक्त अरब अमीरात) नई गोल्डन वीजा स्कीम शुरू करेगा। इससे भारतीयों को 23 लाख 30 हजार रुपए की फीस जमा करने पर यूएई का लाइफ टाइम गोल्डन वीजा मिल सकता है। अब तक गोल्डन वीजा के लिए 4 करोड़ 66 लाख रुपए की प्रॉपर्टी खरीदनी पड़ती थी या फिर एक बड़ी राशि का निवेश करना पड़ता था। अब यूएई सरकार ने नए वीजा में जहां राशि को घटाया गया है वहीं ये नया गोल्डन वीसा धारक के लिए आजीवन होगा। इधर, गोल्डन वीजा की इस कैटेगरी के पहले चरण के शुरुआती 3 महीने में 5 हजार भारतीयों के आवेदन की उम्मीद है। वीजा प्रोसेस के लिए अधिकृत कंपनी के निदेशक रायाद कमाल ने दैनिक भास्कर को बताया, 4 जुलाई से ऑनलाइन आवेदन हो सकते हैं। आवेदक का बैकग्राउंड, आपराधिक रिकॉर्ड चेक करके यूएई सरकार को भेजा जाएगा। सरकार आवेदक के प्रोफाइल को चेक कर नॉमिनेशन के आधार पर वीजा जारी करेगी। आवेदक का यूएई की इकोनॉमी और मानव संसाधन में संभावित योगदान को वरीयता दी जाएगी। कुत्ते के आकार के नए डायनासोर की खोज न्यूयॉर्क वैज्ञानिकों ने एक नई प्रजाति के डायनासोर की खोज की है, जो आकार में कुत्ते जितने होते थे। ये डायनासौर 15 करोड़ साल पहले आज के अमेरिका में बड़े डायनासोरों के साथ घूमते थे। इस डायनासोर को वैज्ञानिकों ने ‘एनिग्माकर्सर मोलीबोर्थविके’ नाम दिया है। यह जानकारी बुधवार को ‘रॉयल सोसाइटी ओपन सांइस जर्नल में प्रकाशित हुई। ये शाकाहारी डायनासौर थे जो तेज दौड़ते थे। ————— 2 जुलाई के अपडेट्स यहां पढ़ें…