ब्राजील में BRICS समिट में शामिल नहीं होंगे शी जिनपिंग:वहां PM मोदी को स्टेट डिनर का न्योता, दावा- चीनी राष्ट्रपति इससे नाराज
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग अगले हफ्ते ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में होने वाले BRICS समिट में भाग नहीं लेंगे। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट (SCMP) की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने राष्ट्रपति के बिजी शेड्यूल का हवाला देते हुए मेजबान ब्राजील को इसकी जानकारी दी है। ब्राजील में 17वां BRICS समिट 6-7 जुलाई को होने वाला है। ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डी सिल्वा को स्टेट डिनर पर बुलाया है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीनी राष्ट्रपति इससे नाराज हैं। अनुमान है कि मोदी के जाने पर चीनी राष्ट्रपति को कम तवज्जो मिल सकती थी, इसलिए उन्होंने समिट से दूरी बना ली। शी जिनपिंग के बतौर राष्ट्रपति 12 सालों के कार्यकाल में ऐसा पहली बार होगा, जब वे BRICS समिट में नहीं जाएंगे। 2013 से वे हर साल समिट में शामिल होते हैं। कोविड महामारी के दौरान, उन्होंने दो साल BRICS में वर्चुअली भाग लिया था। जिनपिंग की जगह चीनी प्रधानमंत्री ब्राजील जाएंगे
SCMP के मुताबिक, BRICS समिट में चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग की जगह अब प्रधानमंत्री ली कियांग देश का प्रतिनिधित्व करेंगे। उन्होंने 2023 में भी जिनपिंग की जगह भारत में जी20 समिट में भाग लिया था। चीनी अधिकारियों ने बताया कि जिनपिंग पहले ही एक साल से भी कम समय में दो बार ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डी सिल्वा से मिल चुके हैं। इसलिए BRICS समिट में उनका जाना उतना जरूरी नहीं है। SCMP ने बताया कि जिनपिंग नवंबर, 2024 में दक्षिण अमेरिकी देश में जी20 समिट और फिर मई, 2024 में बीजिंग में चीन-सेलाक फोरम में ब्राजील के राष्ट्रपति से मिले थे। शी जिनपिंग के समिट में भाग न लेने की रिपोर्ट्स पर ब्राजील के विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह विदेशी प्रतिनिधिमंडलों के आंतरिक फैसलों पर टिप्पणी नहीं करेगा। हालांकि, बैठक से करीब 10 दिन पहले चीनी राष्ट्रपति के इस फैसले से ब्राजील परेशान है। BRICS क्या है?
ब्रिक्स (BRICS) पांच प्रमुख उभरती अर्थव्यवस्थाओं वाले देश- ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका का एक ग्रुप है। इसका मकसद इन देशों के बीच आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक सहयोग को बढ़ावा देना है। ब्राजील, रूस, भारत और चीन ने 2009 में ब्रिक्स की स्थापना की थी। दक्षिण अफ्रीका को 2010 में शामिल हो गया। इस ग्रुप में मिस्र, इथियोपिया, ईरान, इंडोनेशिया और यूएई को पूर्ण सदस्य के रूप में जोड़ा गया है। बेलारूस, बोलीविया, कजाकिस्तान, क्यूबा, मलेशिया, नाइजीरिया, थाईलैंड, युगांडा और उज्बेकिस्तान को पार्टनर देशों के रूप में BRICS में शामिल किया गया है। ……………………………………. चीन-भारत से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें… जिनपिंग ने दुखती रग दबाई, झुक गए ट्रम्प, भारत भी टेंशन में; आखिर रेयर अर्थ एलिमेंट्स पर चीन का एकछत्र राज क्यों अमेरिका ने सोचा कि वह चीन को झुका देगा- 145% टैरिफ, ट्रम्प के धमकी भरे बयान और व्यापारिक शर्तें। लेकिन चीन ने खेल की दिशा ही बदल दी। उसने ऐसी चीज की सप्लाई पर सख्ती कर दी, जिस पर पूरी दुनिया की मॉडर्न टेक्नोलॉजी टिकी है। इसका नाम है- रेयर अर्थ एलिमेंट्स यानी REE। क्या होता है रेयर अर्थ एलिमेंट, इस पर चीन का एकछत्र राज क्यों है। जानने के लिए पूरी खबर पढ़ें ट्रम्प ने अमेरिका-चीन के बीच ट्रेड डील का ऐलान किया, US को रेयर अर्थ मटेरियल मिलेगा, बदले में चीनी छात्र अमेरिकी कॉलेज में पढ़ेंगे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 11 जून को अमेरिका-चीन के बीच ट्रेड डील समझौते की घोषणा की। इसके तहत चीन अब अमेरिकी कंपनियों को रेयर अर्थ मटेरियल देगा। इसके बदले अमेरिका, चीनी छात्रों को अपने कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में पढ़ाई करने की इजाजत देगा। पूरी खबर पढ़ें…