Monday, April 7, 2025
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चीनी स्‍टार्टअप माइक्रोचिप बना रहे, भारतीय आइसक्रीम:केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने जताई चिंता, कहा- इंडियन आंत्रेपेन्‍योर्स चीप लेबर बना रहे

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केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पियूष गोयल ने 3 अप्रैल को दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित स्टार्टअप महाकुंभ 2025 का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने अपने भाषण इंडियन स्टार्टअप्स इकोसिस्टम लेकर कुछ ऐसी बातें कहीं, जिसकी चर्चा समूचे देश में होने लगी। अपने प्रजेंटेशनल स्पीच को दौरान गोयल ने एक स्लाइड पेश की, जिसका टाइचल था ‘India Vs China: The Startup Reality Check’। गोयल ने कहा कि जहां चीनी स्टार्टअप्स इलेक्ट्रिक वाहन (EV), सेमीकंडक्टर, रोबोटिक्स, और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जैसे डीप टेक क्षेत्रों में काम कर रहे हैं, वहीं भारतीय स्टार्टअप्स ज्यादातर फूड डिलीवरी, क्विक कॉमर्स, और कंज्यूमर सर्विसेज पर केंद्रित हैं। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा, ‘चीन के स्टार्टअप्स बैटरी टेक्नोलॉजी और सेमीकंडक्टर बना रहे हैं, जो भविष्य के लिए उन्हें तैयार कर रहे हैं, जबकि भारत में हम डिलीवरी बॉयज और गर्ल्स बनने में खुश हैं।’ गोयल ने भारतीय स्टार्टअप्स के फोकस पर तंज कसते हुए पूछा, ‘हम क्या करना चाहते हैं? आइसक्रीम बनाना या सेमीकंडक्टर चिप्स?’ उन्होंने खास तौर पर उन स्टार्टअप्स की आलोचना की जो ‘फैंसी आइसक्रीम’ और ‘कुकीज’ जैसे प्रीमियम कंज्यूमर प्रोडक्ट्स बनाते हैं। उनका कहना था कि कुछ अरबपतियों के बच्चे ‘हेल्दी, ग्लूटेन-फ्री, वीगन’ जैसे शब्दों और अच्छी पैकेजिंग के साथ इन्हें स्टार्टअप कहते हैं, लेकिन यह ‘दुकानदारी’ है, न कि असली स्टार्टअप। हमें डिसाइड करना होगा कि आइसक्रीम बनाना है या सेमिकंडक्टर चिप्स बनानी है। उन्होंने जोर दिया कि भारत को ऐसी ‘सुविधा-आधारित (फीचर बेस्ड)’ कंपनियों से आगे बढ़कर टेक्नोलॉजी-ड्रिवन इनोवेशन पर ध्यान देना चाहिए। उनका कहना था कि शॉर्ट टर्म में पैसा कमाने वाली सुविधाओं (जैसे क्विक डिलीवरी) के बजाय, भारत को उन क्षेत्रों में निवेश करना चाहिए जो दीर्घकालिक विकास और वैश्विक नेतृत्व सुनिश्चित करें। युवाओं को चीप लेबर में बदल रहे हैं इंडियन स्टार्टअप उन्होंने फूड डिलीवरी और क्विक कॉमर्स स्टार्टअप्स पर निशाना साधते हुए कहा कि ये ‘बेरोजगार युवाओं को चीप लेबर’ बना रहे हैं, ताकि ‘अमीर लोग घर बैठे खाना मंगा सकें।’ वहीं, चाइनीज स्टार्टअप्स इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, बैटरी टेक्नोलॉजीज के सेक्टर में पूरी दुनिया में डॉमिनेट कर रहे हैं। क्या हम डिलीवरी बॉयज और गर्ल्स बनकर खुश रहेंगे? क्या यही भारत का भविष्य है?’ यह सवाल उन्होंने स्टार्टअप्स से पूछा, जिसने खासा विवाद खड़ा किया। गोयल ने इन्वेस्टर्स, खासकर टीवी शो ‘शार्क टैंक इंडिया’ जैसे प्लेटफॉर्म से जुड़े लोगों (जैसे boAt के अमन गुप्ता) से कहा कि वे अपने इन्वेस्टमेंट का नजरिया बदलें और ऐसी कंपनियों में पैसा लगाएं जो टेक्नोलॉजी और लॉन्ग टर्म वैल्यूज पर फोकस्ड हों। 2016 में हुई थी स्टार्टअप इंडिया की शुरुआत मोदी सरकार ने 16 जनवरी, 2016 को स्टार्टअप इंडिया योजना को लॉन्च किया था। 2022 से इस दिन को राष्ट्रीय स्टार्टअप दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत सरकार के डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (DPIIT) के अनुसार 31 दिसंबर 2024 तक भारत में कुल 1,57,706 स्टार्टअप्स को मान्यता मिली है। साल 2016 जब स्टार्टअप योजना की शुरुआत हुई थी, तब देश में मान्यता प्राप्त लगभग 502 स्टार्टअप्स थे। वहीं, पिछले 5 सालों (2020 से 2025 तक) में 1,34,000 स्टार्टअप्स रजिस्टर्ड हुए हैं। साल 2024 में 40,452 स्टार्टअप्स रजिस्टर्ड हुए IT सेक्टर में सबसे ज्यादा नौकरियां सरकारी आकड़ों के अनुसार 31 दिसंबर 2024 तक स्टार्टअप्स ने 17.28 लाख से ज्यादा लोगों को डायरेक्ट रोजगार मिला। इसमें IT सर्विस सेक्टर सबसे आगे है, जिसमें 2.10 लाख नौकरियां पैदा हुईं। इसके बाद हेल्थकेयर और लाइफसाइंसेज (1.51 लाख) और प्रोफेशनल व कमर्शियल सर्विसेस (96,474) का स्थान है। 75 हजार स्टार्टअप्स में महिला डायरेक्टर सरकारी आकड़ों के अनुसार 31 दिसंबर 2024 तक, कुल 75,935 रजिस्टर्ड स्टार्टअप्स में कम से कम एक महिला डायरेक्टर शामिल है। ये जानकारी स्टार्टअप्स द्वारा स्वयं दी गई जानकारी के अनुसार के अनुसार है। स्टार्टअप्स की सफलता और असफलता का हिसाब नहीं कांग्रेस सांसद सप्तगिरि उल्का ने 3 दिसंबर, 2024 को संसद में स्टार्टप्स को लेकर सवाल पूछा कि भारत में कितने स्टार्टअप्स हैं, उन्हें कितनी वित्तीय सहायता दी गई है और उनका सक्सेस रेट क्या है? इस पर मंत्रालय का जवाब आता है कि स्टार्टअप्स की सफलता और असफलता का हिसाब नहीं रखा जाता है। 5,000 से ज्यादा स्टार्टअप्स बंद हुए वाणिज्य मंत्रालय में राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर के जरिए बताते हैं कि ‘स्टार्टअप इंडिया’ पहल के तहत रजिस्टर्ड 5,000 से ज्यादा स्टार्टअप्स बंद हो चुके हैं। ये संख्या DPIIT द्वारा मान्यता प्राप्त 1.52 लाख स्टार्टअप्स का लगभग 3.3% हिस्सा हैं। स्टार्टअप बंद होने में महाराष्ट्र सबसे आगे महाराष्ट्र में सबसे अधिक स्टार्टअप्स बंद हुए हैं, जहां 929 स्टार्टअप्स ने अपने दरवाजे बंद कर दिए हैं। इसके बाद कर्नाटक (644), दिल्ली (593), उत्तर प्रदेश (487), और तेलंगाना (301) का स्थान है। साल 2024 भारत के स्टार्टअप्स के लिए कब्रिस्तान INC42 नाम की एक वेबसाइट्स है, जिसने साल 2024 भारत के स्टार्टअप्स के लिए कब्रिस्तान कहा है। इसके मुताबिक साल 2024 में कुल 12 बड़े स्टार्टअप्स बंद हुए। वहीं, साल 2023 में अलग-अलग सेक्टर्स के 15 से ज्यादा स्टार्टअप्स बंद हुए थे। पिछले साल बंद हुए 12 स्टार्टअप्स में – एडटेक Bluelearn, फिनटेक GoldPe, एग्रीटेक Greenikk, एआई InsurStaq.ai, फिनटेक Investmint, हेल्थकेयर Kenko, मीडिया एंड एंटरटेनमेंट Koo, फिनटेक Muvin, स्पिरिचुअल टेक My Tirth India, एआई nintee, एडटेक Stoa और एंटरप्राइज टेक Toplyne शामिल हैं। वहीं, बिजनेस टुडे की 2023 की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 80 स्टार्टअप्स हैं, जो यूनिकॉर्न की कैटेगरी में आते हैं। यानी इनकी वैल्यू 1 अरब डॉलर या उससे अधिक हैं। इनमें से मात्र 17 स्टार्टअप्स मुनाफे में हैं। ये खबर भी पढ़ें…
एक दिन के लिए डिलीवरी एजेंट बनी यूट्यूबर:कमाए 145 रुपए, ग‍िग वर्कर्स ने बताया- कभी रोज 2 हजार कमाते थे, अब 500 भी मुश्किल इन दिनों सोशल मीडिया पर यूट्यूबर निशु तिवारी का व्लॉग काफी वायरल हो रहा है। दरअसल गिग वर्कर्स की कंडीशन्स दिखाने के लिए निशु ने खुद एक दिन गिग वर्कर बनकर काम किया। वीडियो में वो ब्लिंक-इट का बैग टांगे और ब्लिंक-इट की टीशर्ट में नजर आ रही हैं। पढ़ें पूरी खबर…

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