Monday, April 7, 2025
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जेपी मॉर्गन ने वैश्विक मंदी का अनुमान बढ़ाकर 60% किया:ट्रंप की टैरिफ नीति के कारण बढ़ाई आशंका; ग्लोबल ग्रोथ रेट स्लो होने का खतरा

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9 अप्रैल को ट्रंप की नई टैरिफ नीति लागू होने से पहले दुनिया भर के इन्वेस्टमेंट फर्म ने ग्लोबल मंदी के अनुमान को बढ़ा दिया है। ग्लोबल इन्वेस्टमेंट फर्म जेपी मॉर्गन ने रिसेशन के अनुमान को बढ़ाकर 60% कर दिया है। फर्म के मुताबिक ट्रंप सरकार के नए टैरिफ और चीन के साथ ट्रेड वॉर के चलते 2025 खत्म होने तक ग्लोबल इकॉनमी की मंदी में जाने की आशंका 60% तक पहुंच गई है। पहले यह अनुमान 40% था। जेपी मॉर्गन ने कहा कि टैरिफ से बिजनेस कॉन्फिडेंस गिरेगा, सप्लाई चेन टूटेगी और ग्लोबल ग्रोथ स्लो होगी। नई टैरिफ निति के बाद बढ़ी ग्लोबाल मंदी की आशंका रेसिप्रोकल टैरिफ के ऐलान के बाद दो दिन में डाउ जोन्स 9% से ज्यादा गिरा… 4 अप्रैल को डाउ जोन्स इंडेक्स 2,231.07 पॉइंट या 5.50% गिरकर 38,314 के स्तर पर बंद हुआ। 3 अप्रैल को भी ये 3.98% गिरा था। 4 अप्रैल को SP 500 इंडेक्स 322.44 पॉइंट या 5.97% गिरकर 5,074 के स्तर पर आ गया। 3 अप्रैल को भी ये 4.84% गिरा था। 4 अप्रैल को नैस्डेक कंपोजिट 1,050 अंक या 5.97% गिरकर बंद हुआ। एक दिन पहले 3 अप्रैल को भी ये 5.82% गिरकर बंद हुआ था। दो दिन में मार्केट कैप करीब 5 ट्रिलियन डॉलर घटा SP 500 इंडेक्स का मार्केट कैप 3 अप्रैल को 45.388 ट्रिलियन डॉलर था, जो 4 अप्रैल को घटकर करीब 42.678 ट्रिलियन डॉलर पर आ गया है। वहीं 2 अप्रैल को मार्केट कैप 47.681 ट्रिलियन डॉलर था। यानी, दो दिन में मार्केट कैप करीब 5 ट्रिलियन डॉलर घट चुका है। अमेरिकी बाजार में गिरावट के 4 कारण चीन ने भी अमेरिका पर 34% टैरिफ लगाया: चीन ने शुक्रवार को अमेरिका पर 34% जवाबी टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। नया टैरिफ 10 अप्रैल से लागू होगा। दो दिन पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने दुनियाभर में जैसे को तैसा टैरिफ लगाया था। इसमें चीन पर 34% अतिरिक्त टैरिफ लगाया गया था। अब चीन ने उतना ही टैरिफ अमेरिका पर लगा दिया है। कंपनियों को मुनाफा कम होने का डर: अमेरिका ने सभी आयातित सामानों पर 10% न्यूनतम टैरिफ और कुछ देशों (जैसे चीन पर 34%, वियतनाम पर 46%) पर इससे भी ज्यादा शुल्क लगाने का ऐलान किया है। इससे वहां से आने वाले सामानों की कीमत बढ़ जाएगी। इससे कंपनियों की लागत बढ़ेगी, जिसका असर उनके मुनाफे पर पड़ेगा। मुनाफा कम होने की आशंका से निवेशकों ने शेयर बेचना शुरू कर दिया है, जिससे बाजार में गिरावट है। ग्लोबल ट्रेड वॉर का डर: अमेरिकी की ओर से टैरिफ लगाने के ऐलान के बाद दूसरे देश भी जवाबी टैरिफ लगा सकते हैं। मिसाल के तौर पर, अगर भारत पर 26% टैरिफ लगा है, तो भारत भी अमेरिकी सामानों पर शुल्क बढ़ा सकता है। इससे ग्लोबल ट्रेड में रुकावट आ सकती है, जिससे सप्लाई चेन प्रभावित होगी। इस अनिश्चितता से निवेशक घबरा गए है और उन्होंने शेयर बाजार से पैसा निकालना शुरू कर दिया है। इकोनॉमिक स्लोडाउन की चिंता: टैरिफ से सामान महंगा होने पर लोग कम खरीदारी करेंगे, जिससे अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी हो सकती है। साथ ही, मांग कम होने से कच्चे तेल की कीमतें भी गिरीं है (अमेरिकी क्रूड $69.63 प्रति बैरल)। ये कमजोर इकोनॉमिक एक्टिविटी संकेत है। इससे निवेशकों का भरोसा डगमगाया है और बाजार में गिरावट तेज हुई है।

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