Wednesday, April 16, 2025
Entertainment

गुरु रंधावा बोले-टी-सीरीज के साथ कोई मनमुटाव नहीं:सोलो एल्बम विदाउट प्रेजुडिस में ऑडियंस को मिलेगा कुछ नया, एलन मस्क को बनाना चाहते हैं दोस्त

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सिंगर गुरु रंधावा अपनी सिंगिंग के अलावा बेबाकपन के लिए भी जाने जाते हैं। सोशल मीडिया पर कई मुद्दों पर वो अपनी राय खुलकर रखते हैं। फैंस को गुरु का ये अनफिल्टर्ड नेचर खूब भाता है। सिंगर फिलहाल अपने सोलो एल्बम ‘विदाउट प्रेजुडिस’ लेकर सुर्खियों में हैं। इससे पहले उन्होंने लगभग एक दशक तक टी-सीरीज के साथ काम किया है। हाल की लंबे समय से टी-सीरीज और गुरु के बीच मनमुटाव की खबरें आ रही हैं। दैनिक भास्कर से बातचीत में गुरु ने अपने नए एल्बम और टी-सीरीज को लेकर बात की है। पढ़िए इंटरव्यू की प्रमुख बातें… सवाल- आपके सोलो एल्बम ‘विदाउट प्रेजुडिस’ के नाम के पीछे की कहानी क्या है? जवाब- ये मेरी पहली इंडिपेंडेंट एल्बम है। मैंने पहले दिन से लेकर अब तक जो जर्नी तय की है, उसे इस एल्बम के जरिए बयां करने की कोशिश की है। अपने इमोशन को दिखाने की कोशिश की है। मैंने ये नाम ‘विदाउट प्रेजुडिस’ अपनी म्यूजिक जर्नी से ही प्रेरित होकर रखा है। लाइफ में कई दफा आप ऐसा काम करते हैं, जिसमें बदलाव की जरूरत होती है। फिर उस बदलाव की तरफ आप कदम बढ़ाते हैं। ये मेरे खुद के बदलाव की तरफ मेरा पहला कदम है। सवाल- आपकी शुरुआत तो इंडिपेंडेंट म्यूजिक से ही शुरू हुई थी। जवाब- हां, मैं ऐसे आर्टिस्ट को सुनकर बड़ा हुआ हूं, जो अपना गाना खुद लिखते, गाते और म्यूजिक बनाते थे। उनका फिल्मी म्यूजिक से ज्यादा लेना-देना नहीं था। मैंने उनकी तरह बनने की कोशिश की। भगवान की कृपा रही कि उन्होंने मुझे वैसा ही बना दिया। जो मैं बनना चाहता था। जो मन करे वैसा गाओ, जो मन करे वैसा पहनो। कोई रुकावट नहीं थी। थोड़ी बहुत जो रुकावट थी, उससे अब आगे निकल गया हूं। इस एल्बम के जरिए हमने बहुत सारे एक्सपेरिमेंट किए हैं। म्यूजिक, लिरिक्स, फ्लो, वीडियो सब में आपको मेरा एक्सपेरिमेंट नजर आएगा। इन गानों में आपको इमोशन और फीलिंग भी साफ दिखेगी। सवाल- आप म्यूजिकल बैकग्राउंड से नहीं आते हैं। ऐसे में तीन साल की उम्र में ये स्पष्टता कहां से आई कि म्यूजिक ही करना है? जवाब- मुझे लगता है ये स्पष्टता मेरे अंदर टीवी से आई। मैं टीवी से इंस्पायर हुआ हूं। अभी के समय में जिसके पास टीवी और फोन है, वो इंसान आर्टिस्ट है। लेकिन उस वक्त ऐसा नहीं था। पहले साल में कुल 28-30 आर्टिस्ट होते थे और वहीं पांच साल चलते थे। उन्हें देखकर मुझे लगता था कि मुझे इन 28 में शामिल होना है। बचपन में एक बार मैंने क्लास में गाना गया तो मेरी मैडम ने कहा तुम्हारी आवाज अच्छी है। मैंने उनकी बात को सच माना और गाना शुरू कर दिया। उसी वक्त समझ आ गया था कि टीवी पर आने के लिए ये मेरा जरिया बन सकता है। सातवीं क्लास से मैंने लिखना शुरू कर दिया। मैं बचपन से बब्बू मान और गुरदास मान सर को सुनते आ रहा हूं। वो लोग अपने गाने खुद लिखते थे। मैंने भी अपने दिमाग में नकली गर्लफ्रेंड क्रिएट कर के गाने लिखने शुरू कर दिया। जो भी सुंदर लड़की होती थी, उसे अपनी गर्लफ्रेंड बोलता और लिखने लगता। सवाल- आपने इंडस्ट्री में अपने दम पर पहचान बनाई है। आप किस रुकावट की बात कर रहे थे, जिसके बाद आपको खुद की एल्बम लानी पड़ी? जवाब- देखिए, आर्टिस्ट की लाइफ में रुकावट शुरू से ही रहती है। लेकिन अपने आर्ट के जरिए वो उन बाधाओं से कैसे निकलता है, वो उस आर्टिस्ट का टैलेंट होता है। म्यूजिक की दुनिया में सबसे बड़ी रुकावट क्रिएटिव फील्ड में आती है। मैं आपको उदाहरण के साथ बताता हूं। नर्सरी का बच्चा हो या नौवीं-दसवीं का, एग्जाम दोनों देते हैं। लेकिन नर्सरी के बच्चे के ऊपर कुछ भी प्रूव करने का प्रेशर नहीं होता है। वहीं, नौवीं-दसवीं के बच्चे को अपने रिजल्ट से क्लास, घर, समाज में सबको साबित करना पड़ता है। मैं क्रिएटिविटी के फील्ड में खुद को नर्सरी-एलकेजी का बच्चा मानता हूं। खुद के ऊपर कोई प्रेशर नहीं लिया है। रही बात अपने दम पर तो मैं अपने दम पर कुछ नहीं किया। मैं जो हूं, वो ऑडियंस के दम पर हूं। सवाल- बॉलीवुड पर अक्सर नेपोटिज्म का आरोप लगता है लेकिन म्यूजिक इंडस्ट्री में ऐसा नहीं होता है। आप क्या सोचते हैं? जवाब- नेपोटिज्म पर मेरी राय बहुत अलग है। मुझे लगता है कि किसी सुपरस्टार का बच्चा जो स्टार बन रहा है, तो वो जो सुपरस्टार बना था, वो भी तो कभी नॉर्मल फैमिली से आया था। मैं अपनी बात करूं तो मेरी आगे आने वाली जेनरेशन तय करेगी कि उन्हें जो सुविधाएं मिली हैं, उन्हें कैसे इस्तेमाल करना है। सवाल- आपके फैंस का सोशल मीडिया पर दावा है कि आप आउटसाइडर हो इसलिए टी-सीरीज आपको इंडिपेंडेंट काम करने से रोक रही है। कितनी सच्चाई है? जवाब- ऐसा कुछ नहीं है। मैंने नौ साल तक टी सीरीज के साथ काम किया है। उनके साथ जुड़कर मेरी ग्रोथ हुई है। आने वाले टाइम में भी मैं उनके लिए काम कर रहा हूं। भूषण सर के साथ मेरा रिश्ता पहले दिन से अब तक एक जैसा ही है। ये बस फेक न्यूज का काम है। सवाल- आपके एल्बम ‘विदाउट प्रेजुडिस’ में ऑडियंस को क्या नया मिलने वाला है? जवाब- इस एल्बम में ऑडियंस को सब कुछ नया देखने मिलेगा। हमने गाने का फ्लो चेंज किया। गाने के लिरिक्स में नयापन देखने मिलेगा। एल्बम लिखने में नए आर्टिस्ट को मौका दिया है। इसे बनाने के लिए मैंने खुद को बदला है। लोगों तक इस लेकर आने की मेरी जर्नी बहुत प्यारी रही है। बैकहैंड में हमने बहुत मेहनत की है। लेकिन मैं वैसा इंसान नहीं हूं, जो अपने काम को लेकर शोर मचाऊं। मैंने हमेशा अपने म्यूजिक को फ्रंट पर रखा है। मुझे लोगों ने म्यूजिक की वजह से जाना है। तो मेरी कोशिश रहती है कि मेरा म्यूजिक ही बोले। मैं भले कम दिखूं। सवाल- इस एल्बम में 9 गाने हैं। आपके पसंदीदा गाना कौन सा है, जिसके लिरिक्स आपको पसंद हैं? जवाब- इसका एक एक्सटेंडेड गाना आने वाला है। वो मुझे बहुत पसंद है। ‘विदाउट प्रेजुडिस’ एल्बम के लिए मैं ऑडियंस से कहूंगा कि अगर उनके पास 9 गाने सुनने का डेटा है तो सारे सुने। अगर उनके पास सिर्फ तीन गाने को सुनने के लिए डेटा है, तो मैं सलाह दूं कि गानों का नाम चेक करें, जो उन्हें रिलेटेबल लगे, उसे सुने। मेरे तो सारे फेवरेट गाने हैं। ये एल्बम मेरे लिए घर जैसा है। जैसे घर में हमें सब कुछ पसंद होता है, ठीक वैसे ही मुझे सारे गाने पसंद हैं। सवाल- आज आप सफल आर्टिस्ट हैं। क्या इस सफलता के दौरान कभी पुराने दिन याद आते हैं? जवाब- आज भी जब याद करता हूं तो कॉलेज वाले दिन याद आते हैं। गांव से निकलकर नया-नया शहर आया था। गांव और शहर का फर्क देखकर हिल गया था। शहर के लड़के-लड़कियों को देखकर बहुत अजीब लगा था। उस वक्त को सोचकर लगता है कि मैं वैसा क्यों था। मेरे पास खोने के लिए कुछ नहीं था, पाने के लिए बहुत कुछ था। मैं अब लाइफ को बिंदास होकर जीता हूं। किस भी तरह का कोई बैगेज नहीं है। जीवन में हासिल क्या करना है, उस पर ध्यान देता हूं। मेरी टीम या साथ काम करने वाले को लगता है कि और पुश करना चाहिए। लेकिन मैं वैसा नहीं सोचता हूं। मैंने एल्बम बना दिया,अब मैं घर जाकर आराम से टीवी देखना चाहता हूं। मैं ऐसी ही लाइफ चाहता हूं। सवाल- आपके लिए सफलता क्या है? जवाब- मेरे लिए सफलता कल काम मिलना है। आज तो मैंने गाने लिख दिए, एल्बम बना दिया। लेकिन कल का क्या? अगर मेरे पास कल के लिए काम हो, जिस पर मेरी मेहनत लगे, वो सफलता है। मैं काम कर रहा हूं, ये सक्सेस है। सवाल- इस वक्त क्या इच्छाएं हैं आपकी? क्या करना है, जो अब तक हुआ नहीं है? जवाब- मुझे एलन मस्क का दोस्त बनना है। मैं ये करके दिखाऊंगा। मुझे लियोनार्डो डिकैप्रियो और रॉबर्ट डी नीरो साहब से भी दोस्ती करनी है। कई बार क्या होता है, आप कुछ और सोच रहे होते हैं। आपके साथ वाले लोग कुछ और सोचते हैं। भगवान आपके लिए कुछ और ही प्लान करके बैठा है। ऐसे में जब तीनों एक डायरेक्शन में सोचने लगे तो काम बन जाता है। विश पूरी हो जाती है। मैं इन सारे लोगों को दोस्त बनाना चाहता हूं लेकिन मेरे टीम वाले ऐसा नहीं सोच रहे हैं। सवाल- आपने हाल ही में एक फिल्म बनाई थी, जिसे बहुत पसंद नहीं की गई। फिल्मों को लेकर आगे का क्या प्लान है? जवाब- कोई बात नहीं। जिंदगी में खोज जारी रहनी चाहिए। किसी भी फील्ड में कोई भी अच्छी चीज बनती है, तो उसमें समय लगता है। इंसानों के मामले में भी ये होता है। नकली इंसान जल्दी दोस्त बन जाता है। अच्छे इंसान की दोस्ती के लिए समय लगता है। मेरी अगली फिल्म जल्द ही आएगी। असफलता से डरकर मैं पीछे तो नहीं हटूंगा। मेरी फिल्में अब आती रहेंगी।

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