6 महीने में 3 हजार अवैध श्रीलंकाई भारत में घुसे:दक्षिणी राज्यों में बसे, कई कनाडा भेजे गए; सिंडिकेट चलाने वाले का नाम इमरान हज्जियार
खुफिया एजेंसियों को श्रीलंका से भारत में घुसपैठ के नए सबूत मिले हैं। खुफिया एजेंसियों ने मानव तस्करी करने वाले गिरोह के कुछ फोन कॉल इंटरसेप्ट कर गिरफ्तारी भी की है। नेशनल इंवेस्टिेगेशन एजेंसी (NIA) और तमिलनाडु एटीएस की पड़ताल से पता चला है कि पिछले 6 महीने के दौरान 3 हजार से ज्यादा श्रीलंकाई अवैध रूप से भारत में घुसपैठ कर चुके हैं। श्रीलंका के लोगों को दक्षिण भारतीय राज्य कर्नाटक और तमिलनाडु में बसाया जा रहा है। मानव तस्करी रैकेट के सरगना से पूछताछ में पता चला कि कुछ मामलों में भारत को डंकी रूट बनाया गया है। श्रीलंका के लोगों को फर्जी पहचान देकर कनाडा भी भेजा जा रहा है। सूत्र बताते हैं कि मानव तस्करी के इस सिंडिकेट को श्रीलंका से इमरान हज्जियार चला रहा है। भारत में इस मानव तस्करी के गैंग के सरगना मोहम्मद इब्राहिम काे 28 फरवरी को गिरफ्तार किया जा चुका है। ये है डंकी रूट… नाव से थुथुकुड़ी, फिर वेयरहाउस कनाडा जाने के लिए भारतीय बताने से फायदा
कनाडा का वीसा पाने के लिए श्रीलंका प्रेफरेंस (वरीयता) कंट्री की लिस्ट में नहीं है। ऐसे में श्रीलंकाई वहां जाने के लिए खुद को भारतीय बताते हैं। इसके लिए भारत के डंकी रूट का इस्तेमाल करते हैं। मानव तस्कर इन लोगों को भारतीय दस्तावेज मुहैया कराते हैं। इससे इनकी भारतीय नागरिकता पुख्ता हो जाती है। फिर श्रीलंका के ये लोग कनाडा में स्टडी वीसा या फर्जी वर्क परमिट हासिल कर लेते हैं। मृतकों के आधार कार्ड से फर्जी पहचान दे रहे
चेन्नई एटीएस ने कुछ श्रीलंकाई नागरिकों को जब पकड़ा तो पता चला कि उनके पास भारतीय नागरिकता से जुड़े सभी दस्तावेज तो थे, लेकिन जांच में ये फर्जी मिले। मानव तस्करों ने इनमें से कुछ को मरे हुए लोगों की पहचान दे रखी थी। मृत लोगों के आधार कार्ड को अपडेट कर उनमें फोटो बदल दी गई थी। कुछ मामलों में तो फर्जी आधार कार्ड और वोटर आईडी जैसे दस्तावेज बनाना भी सामने आया है।