42 हजार रुपए लेकर मुंबई आए थे पंकज त्रिपाठी:पत्नी बोलीं- मैं घर चलाती थी, वो स्ट्रगल कर रहे थे; लेकिन कभी भूखे नहीं रहना पड़ा
पंकज त्रिपाठी की पत्नी मृदुला अपने परिवार में एकमात्र कमाने वाली थीं, जब पंकज मुंबई आकर फिल्म इंडस्ट्री में काम पाने के लिए स्ट्रगल कर रहे थे। शादी के कपल मुंबई आ गया था, जहां मृदुला बतौर टीचर काम करती थींं। पंकज भी कई इंटरव्यूज में इस बात का जिक्र कर चुके हैं कि करियर के शुरुआती दिनों में उन्हें पत्नी का बहुत सपोर्ट मिला था। इस वजह से उन्हें बाकी स्ट्रगलर्स की तुलना में कम मेहनत करनी पड़ी थी। मृदुला बोलीं- कभी हमें भूखा नहीं रहना पड़ा कन्वर्सेशन विद अतुल के साथ इंटरव्यू में मृदुला ने अपनी जिंदगी के कई किस्से शेयर किए। मृदुला ने कहा, ‘जब हम मुंबई शिफ्ट हुए तो हमारे पास कोई बचत नहीं थी। मुझे लगता है कि हमारे पास मुश्किल से 42 हजार रुपए होंगे। यह घर की जमी पूंजी के लिए भी काफी नहीं था। लेकिन किसी तरह हम इससे निपटने में कामयाब रहे। हम कभी भी फुटपाथ पर सोने या कई दिनों तक भूखे रहने जैसी स्थितियों से नहीं गुजरे। हम बहुत सुलझे हुए थे। हम दोनों (मृदुला और पंकज त्रिपाठी) के भी एक समझौता हुआ कि अभी मैं काम कर रही हूं और घर चला रही हूं। बाद में जब वो (पंकज) कमाने लगेंगे तो मैं काम करना छोड़ दूंगी। यह हमारे लिए अच्छा रहा।’ फिल्म गैंग्स ऑफ वासेपुर से पंकज को मिली थी पहचान कई फिल्में करने के बाद भी पंकज त्रिपाठी को वो पहचान नहीं मिली थी जो उन्हें फिल्म गैंग्स ऑफ वासेपुर से मिली। इस फिल्म में उनका रोल काफी सराहा गया। इसके बाद ओटीटी पर रिलीज हुई मिर्जापुर ने उनके कालीन भईया के किरदार को और यादगार बना दिया। वेडिंग सेरेमनी में हुआ प्यार 17 साल के पंकज को एक वेडिंग सेरेमनी में मृदुला से प्यार हो गया था। इस लव स्टोरी को शादी तक पहुंचाने में परेशानी ये थी कि पंकज की बहन की शादी मृदुला के भाई से हुई थी, और उनके घर के ट्रेडिशन के हिसाब से उनकी शादी बहन की नंद से नहीं हो सकती थी। पंकज भी कहां मानने वाले थे वो तो मृदुला को अपना दिल दे ही बैठे थे। ऐसे में उन्हें अपने परिवार को मनाने के लिए कड़े जतन तो करने पड़े पर उन्होंने अपने परिवार को मना ही लिया। परिवार के राजी होने के बाद दोनों 15 जनवरी 2004 को शादी के बंधन में बंध गए। इस कपल की एक बेटी आशी है।