34 साल में 57 ट्रांसफर वाले IAS अशोक खेमका रिटायर:सीएम का आदेश नहीं माना, साइकिल और पैदल जाते थे सचिवालय; जानें कंप्लीट प्रोफाइल
‘सरकार किसी भी पार्टी की रही हो, मुझे हर बार अपनी ईमानदारी की सजा भुगतनी पड़ी क्योंकि मैं लगातार घपलों और घोटालों का पर्दाफाश करता रहा हूं।’ ये कहना था चर्चित IAS अधिकारी अशोक खेमका का। 1991 बैच के हरियाणा कैडर के IAS खेमका 30 अप्रैल को 60 साल की उम्र में रिटायर हुए। वो हमेशा अपनी ईमानदारी, पारदर्शिता और भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़े रुख के लिए जाने जाते रहे। कोलकाता में जन्म, पिता जूट मिल में क्लर्क थे अशोक खेमका मूल रूप से कोलकाता के रहने वाले हैं। उनका जन्म 30 अप्रैल 1965 को हुआ। खेमका के पिता शंकरलाल खेमका जूट मिल में क्लर्क थे। अशोक खेमका ने IIT खड़गपुर से कंप्यूटर साइंस में ग्रेजुएशन किया। टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च से कंप्यूटर साइंस में PHD और बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन और फाइनेंस में MBA किया। सिविल सेवा में आने से पहले उन्होंने IIT खड़गपुर में कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग में टॉप किया था। 1990 में संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सर्विसेज परीक्षा पास की। 1991 बैच के IAS अधिकारी बने और उन्हें हरियाणा कैडर अलॉट किया गया। 57 बार हुए तबादले खेमका को उनकी सर्विस के दौरान कुल 57 बार ट्रांसफर किया गया। इनमें 8 पोस्ट तो ऐसी रहीं, जिनमें एक माह का भी कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए और ट्रांसफर कर दिए गए। उनकी सबसे लंबी पोस्टिंग हरियाणा स्टेट वेयरहाउसिंग कॉर्पोरेशन में थी, जहां उन्होंने जुलाई 2008 से अप्रैल 2010 तक प्रबंध निदेशक के रूप में कार्य किया। नहीं माना था सीएम का भी आदेश 2004 में हरियाणा सरकार ने सेशन के बीच में कई शिक्षकों का ट्रांसफर करने का आदेश जारी किया। इसे लेकर अशोक खेमका ने आपत्ति जताई और तत्कालीन मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के आदेश का पालन करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि सेशन के बीच शिक्षकों का ट्रांसफर बच्चों की पढ़ाई पर असर डाल सकता है। इस घटना के बाद सरकार ने उनकी आधिकारिक कार वापस ले ली। खेमका ने अगले ही दिन से साइकिल या पैदल सचिवालय जाना शुरू कर दिया। रॉबर्ट वाड्रा की लैंड डील रद्द कर चर्चा में आए 2012 में खेमका ने गुरुग्राम में राबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी और DLF के बीच हुए भूमि सौदे की म्यूटेशन को रद्द कर दिया था। वाड्रा कांग्रेस प्रेसिडेंट सोनिया गांधी के दामाद थे, जिसके चलते ये बड़ा राजनीतिक मुद्दा बना। उस समय खेमका चकबंदी महानिदेशक के पोस्ट पर कार्यरत थे। हरियाणा की कांग्रेस सरकार ने फौरन उनका ट्रांसफर हरियाणा बीज विकास निगम के महानिदेशक पद पर कर दिया। 5 महीने पहले ही मिला था महत्वपूर्ण विभाग रिटायरमेंट से मात्र 5 महीने पहले ही अशोक खेमका को हरियाणा सरकार की ओर से परिवहन विभाग में ACS पद पर तैनाती दी गई थी। वर्तमान में अनिल विज इस विभाग को संभाल रहे हैं। विज ने ही सरकार को पत्र लिखा था कि अशोक खेमका को परिवहन विभाग में लगाया जाए। खेमका इससे पहले मुद्रण और स्टेशनरी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव थे। परिवहन विभाग में 1994 बैच के IAS अधिकारी नवदीप विर्क के स्थान पर खेमका को जिम्मेदारी सौंपी गई थी। ये खबरें भी पढ़ें… न बैठने के लिए कुर्सी, न बाथरूम जाने की परमिशन: केरल में सेल्स विमेन को ‘बैठने का हक’ दिलाने वाली टेलर-एक्टिविस्ट विजी पालीथोड़ी; जानें पूरी प्रोफाइल जरा सोचिए आप 9 बजे काम के लिए निकले और लौटने का कोई समय न हो। काम की जगह पर न तो बाथरूम जाने की इजाजत हो और न ही ब्रेक्स के दौरान बैठने की। कई जगह पानी पीने की इजाजत भी न मिल सके। बात भारत के केरल की सेल्सविमेन के हाल की है। वर्कप्लेस पर जब कभी ये महिलाएं ब्रेक के दौरान भी बैठी हुई मिलती तो उनकी सैलरी काट ली जाती। जब इन महिलाओं ने मालिकों से बाथरूम जाने की परमिशन मांगी तो उन्हें पानी कम पीने की हिदायत मिली। पूरी खबर पढ़ें…