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₹50 हजार तक के लोन पर कोई चार्ज नहीं:इससे छोटे लोन लेने वालों को राहत मिलेगी; RBI की नई गाइडलाइन 1 अप्रैल से लागू होगी

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रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने कहा है कि बैंक विशेष रूप से प्रायोरिटी सेक्टर बैंक (PSL) छोटे लोन पर कोई भी एक्सेस चार्ज नहीं लगा सकते हैं। RBI के मुताबिक, 50 हजार रुपए तक के प्रायोरिटी सेक्टर लोन पर कोई भी लोन संबंधी एडहॉक सर्विस चार्ज या इंस्पेक्शन चार्ज नहीं लगेगा। इससे छोटे कर्ज लेने वाले लोग अनावश्यक वित्तीय बोझ से बचेंगे। RBI ने प्रायोरिटी सेक्टर (PSL) पर नए मास्टर डायरेक्शन जारी किए हैं। यह 2020 से चल रहे मौजूदा गाइडलाइन की जगह लेगा। नए गाइडलाइन 1 अप्रैल 2025 से लागू हो रहे हैं। प्रायोरिटी सेक्टर लेंडिंग क्या है? प्रायोरिटी सेक्टर लेंडिंग (PSL) भारत में RBI की ओर से तय की गई एक रेगुलेटरी जरूरत है। इसके तहत बैंकों को अपने लोन का एक हिस्सा इकोनॉमी के कुछ स्पेशल सेक्टर को देना ही होता है। इन क्षेत्रों को इन्क्लूसिव ग्रोथ, गरीबी कम करने और डेवलपमेंट के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। लेकिन रिस्क या कम प्रॉफिटेबिलिटी के चलते बैंक ऐसा कम नहीं करते हैं। इस पॉलिसी से समाज के वंचित और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग, जैसे कि किसान, छोटे व्यवसाय और कम आय वाले परिवारों को किफायती लोन मिल सके। जो बैंक अपने निर्धारित PSL टारगेट को पूरा नहीं कर पाते उन्हें रुरल इंफ्रास्ट्रचर डेवलपमेंट (RIDF) और नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट यानी NABARD की ओर से चलाए जा रहे फाइनेंशियल स्कीम्स पर खर्च करना होता है। एग्रीकल्चर, एजुकेशन प्रायोरिटी सेक्टर हैं…

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