हैदराबाद में ओला-उबर ड्राइवर्स आज से एसी बंद रखेंगे:कंपनियों की किराया पॉलिसी का विरोध; एयरपोर्ट राइड्स का बहिष्कार भी चल रहा
हैदराबाद के ऐप-आधारित कैब ड्राइवर्स ने घोषणा की है कि यात्रा के दौरान वे आज से कैब की एसी बंद रखेंगे। ऐसा ओला, उबर और रैपिडो जैसी कंपनियों के किराया तय करने की गलत नीति के विरोध में किया जा रहा है। इससे पहले कैब ड्राइवर्स एयरपोर्ट राइड्स का बहिष्कार कर चुके हैं। कैब ड्राइवर यूनियन मांग कर रहा है कि कंपनियां राज्य सरकार से निर्धारित प्रीपेड टैक्सी किराए की तरह एक समान किराया नीति अपनाएं। यूनियन के अध्यक्ष शेख सलाहुद्दीन ने बताया कि टैक्सी सर्विस प्रोवाइडर्स और प्रीपेड टैक्सियों के किराए में करीब 300 से 400 रुपए तक का अंतर है। इसके अलावा एयरपोर्ट पर रिटर्न राइड के लंबे इंतजार (आमतौर पर 3-4 घंटे) और टैक्सी सर्विस प्रोवाइडर्स को दिए जाने वाले 30% के भारी कमीशन की वजह से कमाई और भी कम हो जाती है। यूनियन अप्रैल 2024 में भी इसी तरह का ‘नो एसी कैंपेन’ कर चुका है। ड्राइवर्स का तर्क था कि एसी चालू होने पर 16-18 रुपए खर्च प्रति किलोमीटर का खर्च आता है। वहीं, एसी बंद रहने पर ड्राइवर्स को प्रति किलोमीटर 10-12 रुपए की कमाई होती है। ऑनलाइन टैक्सी बुकिंग में भेदभाव का मामला संसद पहुंचा
इससे पहले ओला और उबर जैसी कैब कंपनियों पर आईफोन और एंड्रॉयड यूजर्स से अलग-अलग किराया वसूलने के मामला संसद तक पहुंचा चुका है। केंद्र सरकार ने 12 मार्च को संसद में बताया कि इस मामले को गंभीरता से लिया गया है और जांच शुरू कर दी गई है। कंपनियों पर आरोप है कि वे आईफोन यूजर्स से ज्यादा किराया वसूल रही हैं, जबकि एंड्रॉयड यूजर्स को वही राइड सस्ती मिलती है। जनवरी में एक सर्वे में यह खुलासा भी हुआ कि एक ही राइड के लिए दोनों ऑपरेटिंग सिस्टम पर अलग-अलग कीमतें देखी गईं। एक्स्पर्ट्स इसे ‘डार्क पैटर्न’ का मामला बता रहे हैं। इसमें कीमतों में गैर-वाजिब बदलाव, जबरन वसूली और छिपे हुए शुल्क शामिल हो सकते हैं। यह करना कंज्यूमर कानून के तहत गैर-कानूनी है।