हज से पहले सऊदी में भारत-पाकिस्तान का वीजा रद्द:12 और देशों के नाम; बिना रजिस्ट्रेशन हज में पहुंचने वालों को रोकने के लिए फैसला
सऊदी अरब ने अस्थायी तौर पर 14 देशों के लिए वीजा देने की सर्विस को सस्पेंड कर दिया है। इन देशों में भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश शामिल हैं। उमरा, बिजनेस और फैमिली विजिट के लिए मिलने वाले वीजा पर जून महीने के मध्य तक बैन रह सकता है। इसी दौरान मक्का में हज यात्रा होगी। जानकारी के मुताबिक, ये फैसला इसलिए लिया गया है ताकि लोगों को बिना पूरे रजिस्ट्रेशन के हज करने से रोका जा सके। हालांकि, जिन लोगों के पास उमरा का वीजा है वे 13 अप्रैल तक सऊदी अरब पहुंच सकते हैं। इस साल हज यात्रा 4 जून से 9 जून तक रहेगी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रभावित यात्रियों से नए नियमों का पालन करने को कहा गया है। अगर कोई व्यक्ति इस आदेश का उल्लंघन करता है, तो अगले पांच साल तक सऊदी अरब में उसकी एंट्री पर रोक लगाई जा सकती है। गैर-कानूनी रूप से हज करने वालों को रोकना है मकसद रिपोर्टों में कहा गया है कि यह प्रतिबंध इसलिए लगाया गया है क्योंकि कई विदेशी नागरिक उमरा या विजिट वीजा पर सऊदी अरब आते हैं और फिर गैर-कानूनी रूप से हज में भाग लेने के लिए वहीं रुक जाते हैं। इससे भीड़ बहुत बढ़ जाती है और गर्मी में भी इजाफा होता है। सऊदी अरब में हज के दौरान भीड़ को नियंत्रित करने के लिए एक कोटा प्रणाली लागू है, जिसके तहत हर देश के तय संख्या में हज यात्रियों को यात्रा करने की अनुमति दी जाती है। लेकिन कई बार लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं। 2024 में हुई घटना के बाद लिया गया फैसला 2024 में हज यात्रा 14 जून से 29 जून के दौरान रखी गई थी। हज यात्रा में बहुत ज्यादा तीर्थयात्रियों के आने से गर्मी का प्रभाव बढ़ गया था। इसके चलते कम से कम 1,200 तीर्थयात्रियों की मौत हो गई थी। इनमें 98 भारतीय भी शामिल थे। पिछले साल हज यात्रा में शामिल होने 1,75,000 भारतीय मक्का पहुंचे थे। हज मंत्रालय ने कहा- फैसले के पीछे कोई राजनीतिक विवाद नहीं इस प्रतिबंध के पीछे अवैध कामकाज भी एक बड़ा कारण है। अधिकारियों ने बताया कि कुछ विदेशी नागरिक व्यापार या पारिवारिक वीजा का इस्तेमाल कर सऊदी अरब में गैर-कानूनी रूप से काम कर रहे थे, जिससे वीजा नियमों का उल्लंघन हो रहा था और मजदूरी बाजार में असंतुलन पैदा हो रहा था। सऊदी हज और उमरा मंत्रालय ने साफ किया है कि यह कदम किसी भी राजनयिक विवाद से जुड़ा नहीं है, बल्कि यह हज यात्रा को सुरक्षित और बेहतर ढंग से आयोजित करने के लिए लिया गया फैसला है। उमरा वीजा जारी होने की आखिरी तारीख 13 अप्रैल सऊदी अधिकारियों ने कहा है कि 13 अप्रैल 2025 उमरा वीजा जारी करने की अंतिम तारीख होगी। इस तारीख के बाद, इन 14 देशों के नागरिकों को हज यात्रा पूरी होने तक नए वीजा नहीं दिए जाएंगे। बिना वीजा भी हज के लिए सऊदी पहुंचे यात्री हर साल हज पर जाने वाले हजारों यात्री ऐसे होते हैं, जिनके पास इसके लिए वीजा नहीं होता है। पैसों की कमी की वजह से इस तरह के यात्री गलत तरीकों से मक्का पहुंचते हैं। पिछले साल भी हज से पहले सऊदी ने बिना रजिस्ट्रेशन वाले हजारों हज यात्रियों को मक्का से हटाया था। सऊदी अरब के अधिकारियों के मुताबिक, मक्का पर जलवायु परिवर्तन का गहरा असर हो रहा है। यहां हर 10 साल में औसत तापमान 0.4 डिग्री सेल्सियस बढ़ रहा है। 2023 में हज पर गए 240 हज यात्रियों की मौत हुई थी। इनमें से ज्यादातर इंडोनेशिया के थे। इस्लाम के पांच फर्ज में से एक है हज इस्लाम धर्म में 5 फर्ज में से एक फर्ज हज है। मान्यताओं के मुताबिक, हर मुस्लिम व्यक्ति को जीवन में कम से कम एक बार इस फर्ज को पूरा करना होता है। BBC न्यूज के मुताबिक साल 628 में पैगंबर मोहम्मद ने अपने 1400 शिष्यों के साथ एक यात्रा शुरू की थी। ये इस्लाम की पहली तीर्थयात्रा बनी और इसी यात्रा में पैगंबर इब्राहिम की धार्मिक परंपरा को फिर से स्थापित किया गया। इसी को हज कहा जाता है। हर साल दुनियाभर के मुस्लिम सऊदी अरब के मक्का में हज के लिए पहुंचते हैं। हज में पांच दिन लगते हैं और ये ईद उल अजहा या बकरीद के साथ पूरी होती है। सऊदी अरब हर देश के हिसाब से हज का कोटा तैयार करता है। इनमें इंडोनेशिया का कोटा सबसे ज्यादा है। इसके बाद पाकिस्तान, भारत, बांग्लादेश, नाइजीरिया का नंबर आता है। इसके अलावा ईरान, तुर्किये, मिस्र, इथियोपिया समेत कई देशों से हज यात्री आते हैं। हज यात्री पहले सऊदी अरब के जेद्दाह शहर पहुंचते हैं। वहां से वो बस के जरिए मक्का शहर जाते हैं।