स्मृति शेष: विचारों का जन्म कहां… जब रतन टाटा ने खुद बताया- आप सब कुछ कर सकते हैं, बशर्ते आप ऐसा चाहते हों
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विफलताएं मिलेंगी, निराशाएं होंगी, लेकिन आपकी अपने विचारों को लेकर प्रतिबद्धता ही आपको अपने आसपास की दुनिया के प्रति सचेत बनाए रखेगी। कल के नए भारत के प्रति मेरा उत्साह अब भी बना हुआ है।