Wednesday, July 23, 2025
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स्कोडा और फॉक्सवैगन ने 1,821 गाड़ियां वापस बुलाईं:दोनों कंपनियों के 5 मॉडल्स के पिछली सीट बेल्ट में डिफेक्ट, इस साल दूसरी बार रिकॉल किया

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स्कोडा इंडिया और फॉक्सवैगन इंडिया ने तकनीकी खराबी के कारण भारत में बनाई गईं अपनी 1,821 गाड़ियों को वापस बुलाया है। फ्रांसिसी कार मैकर कंपनियों के इस रिकॉल में दिसंबर 2021 से मई 2025 के बीच बनाए गए मॉडल्स शामिल हैं। इस रिकॉल में स्कोडा की स्लाविया, कुशाक और कायलाक की 860 गाड़ियां और फॉक्सवैगन की वर्टस और टाइगुन की 961 यूनिट शामिल हैं। कंपनियों ने सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) को बताया कि रिकॉल की गई गाड़ियों में रियर सीट बेल्ट में डिफेक्ट की पहचान की गई है। रियर सीट बेल्ट की बकल लैच प्लेट टूटने की आशंका रिकॉल डॉक्युमेंट्स में स्कोडा और फॉक्सवैगन ने बताया गया कि, कार को सामने से टक्कर लगने पर रियर सीट बेल्ट की बकल लैच प्लेट टूट सकती है। ऐसे में पीछे के सेंटर सीट बेल्ट असेंबली की वेबिंग से पीछे की दाहिनी सीट बेल्ट का बकल निकल सकता है। इससे यात्रियों को चोट लगने का खतरा बड़ जाएगा। सीट बेल्ट बकल लंच प्लेट एक मेटल प्लेट होती है, जो कार की सीट बेल्ट के बकल (क्लिप) को जोड़ने और मजबूती देने के लिए इस्तेमाल होती है। यह क्लिप को सीट या कार के फ्रेम से जोड़ती है, ताकि हादसे के दौरान सीट बेल्ट मजबूती से काम करे और पैसेंजर को सेफ रखे। इसका मुख्य काम सीट बेल्ट सिस्टम को स्थिर और सुरक्षित बनाना है, जिससे दुर्घटना में चोट का खतरा कम हो। मई में भी 47 हजार से ज्यादा कारों को रिकॉल किया था दोनों फ्रांसिसी कार मैकर कंपनियों का इस साल ये दूसरा रिकॉल है। कंपनियों ने मई में सीट बेल्ट की इसी प्रॉब्लम की वजह से 47 हजार से ज्यादा गाड़ियों को वापस बुलाया था। इस रिकॉल में 24 मई 2024 से 1 अप्रैल 2025 के बीच बनाए गए मॉडल्स शामिल थे। इनमें स्कोडा की स्लाविया, कुशाक और कायलाक की 25,722 गाड़ियां और फॉक्सवैगन की वर्टस और टाइगुन की 21,513 यूनिट थीं। कस्टमर से नहीं लिया जाएगा कोई चार्ज दोनों कंपनियों ने बताया कि स्कोडा इंडिया और फॉक्सवैगन इंडिया के ऑफिशियल वर्कशॉप इन मॉडल्स के ऑनर्स से संपर्क करेंगे, जहां डिफेक्ट को सही किया जाएगा। वाहन मालिकों को खराब पार्ट को बदलने की जानकारी दे दी जाएगी। डिफेक्ट सुधारने या पार्ट्स बदलने के लिए कस्टमर से किसी भी तरह का शुल्क नहीं लिया जाएगा। ग्राहक अपने सर्विस सेंटर से संपर्क करके यह जांच सकते हैं कि उनकी कार रिकॉल का हिस्सा है या नहीं। इसके अलावा वाहन पहचान संख्या (VIN) का उपयोग करके कंपनी की वेबसाइट के रिकॉल पेज से भी पता लगा सकते हैं। हालांकि कंपनियों ने इस बात की पुष्टि नहीं की है कि डिफेक्टेड रियर सीट बेल्ट के कारण कोई हताहत हुआ है या नहीं। देश में गाड़ी रिकॉल के बड़े मामले रिकॉल क्या है और क्यों होता है? जब कोई कंपनी अपने बेचे गए प्रोडक्ट को वापस मंगाती है, तो इसे रिकॉल कहते हैं। किसी कंपनी के द्वारा रिकॉल का फैसला उस वक्त लिया जाता है जब उसके प्रोडक्ट में कोई खराबी होती है। रिकॉल की प्रोसेस के दौरान वो प्रोडक्ट की खराबी को दुरुस्त करना चाहती है। ताकि भविष्य में प्रोडक्ट को लेकर ग्राहक को किसी तरह की समस्या का सामना नहीं करना पड़े। कंपनी के रिकॉल पर एक्सपर्ट की सलाह कार में खराबी को लेकर कंपनी को पहले सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चर्स (SIAM) को एक डेटा देना पड़ता है। इसमें कार की खराबी के साथ कितने प्रतिशत लोगों को प्रॉब्लम हो रही है, बताना पड़ता है। इसके बाद सियाम अप्रूवल देता है। कंपनी खराबी को ठीक करने के लिए एक टाइम तय करती है। यदि किसी ग्राहक की गाड़ी उसके खरीदे गए शहर से बाहर है, तब वो उस शहर के नजदीकी सर्विस सेंटर पर भी उसे ठीक करा सकता है।

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