स्कूल टीचर बनकर बच्चियों का शोषण करता था जेफरी एपस्टीन:हाईप्रोफाइल पार्टियों में बड़ी हस्तियों से नाम जुड़ा; जेल में ही किया सुसाइड
वॉल स्ट्रीट जर्नल यानी WSJ और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच जेफरी एपस्टीन को लिखे जन्मदिन के लेटर को लेकर विवाद जारी है। दरअसल, WSJ ने कुछ दिन पहले एक लेटर पब्लिश किया था। दावा किया गया था कि यह लेटर डोनाल्ड ट्रम्प ने एपस्टीन को जन्मदिन पर लिखा था। ट्रम्प ने इस लेटर को फेक न्यूज बताया था। इस कॉन्ट्रोवर्सी के बाद से ही एपस्टीन के क्राइम और उसकी मौत से संबंधित सभी सरकारी दस्तावेजों को जारी करने की डिमांड ट्रम्प प्रशासन से की जा रही है। स्कूल में छोटी लड़कियों के साथ अभद्र व्यवहार करता था जेफरी एपस्टीन के स्कूल में पढ़ाने के दिनों के बारे में लोगों ने बताया कि वहां पढ़ने वाली कम उम्र की लड़कियों के साथ उसका व्यवहार ठीक नहीं था। वो एक बार स्टूडेंट्स की पार्टी में भी बिना बुलाए पहुंच गया था जहां वो लड़कियों के साथ फ्लर्ट करते हुए पाया गया। 1976 में उसे खराब परफार्मेंस के चलते स्कूल से निकाल दिया गया। इसके बाद एपस्टीन ने बियर स्टर्न्स नाम की कंपनी जॉइन की। यहां वो एक फ्लोर ट्रेडर का जूनियर असिस्टेंट था। 1981 में उसने खुद की कंसल्टिंग फर्म शुरू की। इसमें वो फ्रॉड ब्रोकर्स और वकीलों से लोगों का पैसा वापस दिलवाने में उनकी मदद करता था। इस दौरान बहुत से अमीर और ताकतवर लोग उसके संपर्क में आए और एपस्टीन ने उनकी मदद की। 1987 में एक बड़ी फाइनेंशियल कंपनी टावर्स फाइनेंशियल कॉर्पोरेशन ने उसे नौकरी दी। इस कंपनी के जरिए उसकी मुलाकात कई अमीर और इंफ्लूएंशियल लोगों से हुई। 1988 में एपस्टीन ने खुद की फाइनेंशियल मैनेजमेंट फर्म शुरू कर ली। अपनी प्रॉपर्टी में लगाए हुए थे वीडियो कैमरा मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जैसे-जैसे जेफरी एपस्टीन की जान-पहचान अमीर और इंफ्लूएंशियल लोगों में होने लगी, उसने उन्हें पार्टी, डिनर आदि के लिए अपने घर या फार्म हाऊस पर बुलाना शुरू कर दिया। एपस्टीन की इन पार्टियों में नाबालिग लड़कियां मनोरंजन के लिए होती थी जिनका लगातार शोषण हो रहा था। एपस्टीन ने अपनी प्रॉपर्टी के हर कोने में वीडियो कैमरा लगाए हुए थे। इन कैमरों में वो अमीर और इंफ्लूएंशियल लोगों को नाबालिग लड़कियों के साथ रिकॉर्ड करता और बाद में उन्हें ब्लैकमेल करता था। 2006 में पुलिस ने एपस्टीन के एक बंगले पर जब रेड डाली तो यहां दो छिपे कैमरे पाए गए। एपस्टीन की गर्लफेंड जिसलेन मैक्सवेल ने भी घरों में कैमरा लगाने की बात अपने दोस्त को बताई थी। एपस्टीन कथित तौर पर ताकतवर लोगों को नाबालिग लड़कियां मुहैय्या कराता था। उसने न्यूयॉर्क टाइम्स के पत्रकार से कहा कि वो चाहे तो बहुत से इंफ्लूएंशियल लोगों पर कीचड़ उछाल सकता है। 2005 में एपस्टीन के खिलाफ इंवेस्टिगेशन शुरू हुई साल 2005 में एक महिला ने पुलिस से शिकायत कर कहा कि एक दूसरी लड़की उसकी 14 साल की बेटी को एपस्टीन के मैनशन में लेकर गई। वहां एपस्टीन ने 300 डॉलर देकर उसका शोषण किया। इसके बाद पुलिस ने 13 महीनों तक इस मामले की जांच की। इस दौरान पुलिस चीफ माइकल राइटर ने स्टेट प्रोसीक्यूटर बैरी क्रिस्चर पर एपस्टीन के साथ ढिलाई बरतने का आरोप लगाया। इसके बाद यह मामला FBI को सौंपा गया। पुलिस का आरोप था कि एपस्टीन ने कई नाबालिग लड़कियों का शारीरिक शोषण किया है। साथ ही उसने लड़कियों को पैसे देकर दूसरे लोगों से भी उनका शोषण करवाया है। 27 जुलाई 2006 को पुलिस ने जेफरी एपस्टीन को गिरफ्तार किया। कोर्ट में ट्रायल के दौरान एपस्टीन के लिए कई नामी वकीलों ने केस लड़ा। इनमें हार्वर्ड लॉ स्कूल के प्रोफेसर एलन डरशोविट्स, अमेरिका के पूर्व सॉलिसिटर जनरल केन स्टार और हाई प्रोफाइल केस संभालने वाले रॉय ब्लैक और गेराल्ड लेफकोर्ट शामिल थे। 3000 डॉलर की बॉन्ड के साथ एपस्टीन को बाद में रिहा कर दिया गया था। FBI ने ऑपरेशन लीप ईयर शुरू किया एपस्टीन की रिहाई के बाद FBI ने ऑपरेशन लीप ईयर नाम से अलग जांच शुरू की। 30 जून 2008 को जेफरी एपस्टीन को नाबालिग लड़की से प्रॉस्टीट्यूशन कराने का दोषी पाया गया और उसे 18 महीने की जेल की सजा सुनाई गई। उसे बाकी आरोपियों की तरह स्टेट जेल में नहीं भेजा गया। बल्कि उसे पाल्म बीच काउंटी स्टॉकएड के प्राइवेट विंग में रखा गया। साढ़े तीन महीने बाद उसे काम के लिए बाहर जाने की इजाजत भी दी गई। इसके अनुसार वो हफ्ते के 6 दिन, 12 घंटे प्रतिदिन बाहर जा सकता था। ये नियमों के विपरीत था। नियमों के अनुसार सेक्स ऑफेंडर्स को इस तरह बाहर जाने की इजाजत नहीं दी जाती थी। साथ ही इस तरह बाहर जाने के लिए कम से कम दस महीने जेल में रहना होगा। इस दौरान शेरिफ के ऑफिस को एपस्टीन के NGO की ओर से 128,000 डॉलर एक्स्ट्रा सर्विसेज के लिए दिए गए। 13 महीने बाद उसे जेल से रिहा कर दिया गया और अगस्त 2009 तक हाउस अरेस्ट किया गया। हाउस अरेस्ट के दौरान भी एपस्टीन को कई तरह की रियायतें मिलती रहीं। 2019 में दोबारा गिरफ्तार किया FBI-NYPD की क्राइम अगेंस्ट चिल्ड्रन टास्क फोर्स ने जेफरी एपस्टीन को न्यू जर्सी के एयरपोर्ट से चाइल्ड ट्रेफिकिंग के आरोप में गिरफ्तार किया। एपस्टीन के घर में रेड के दौरान एक ऑस्ट्रेलियन पासपोर्ट भी जब्त किया गया जिसमें फोटो एपस्टीन की थी लेकिन नाम कोई दूसरा था। कोर्ट में केस के दौरान एपस्टीन ने कहा कि वो 100 मिलियन डॉलर की बॉन्ड अदा करने को तैयार है और इसके बाद उसे रिहा कर दिया जाए। साथ ही उसने कहा कि उसे उसके घर में ही हाउस अरेस्ट किया जाए। लेकिन जज ने उसकी बात नहीं मानी। जज ने कहा कि एपस्टीन आम लोगों के लिए एक बड़ा खतरा है। इसी दौरान अगस्त 2019 में एपस्टीन ने अपनी जेल सेल में आत्महत्या कर ली। इसके 19 दिन बाद केस बंद कर दिया गया। हालांकि FBI ने कहा कि वो एपस्टीन के साथियों का पता लगाने के लिए जांच जारी रखेगी। 90 के दशक में ट्रम्प के साथ की पार्टी 1990 के दशक में डोनाल्ड ट्रम्प और जेफरी एपस्टीन एक दूसरे के करीबी माने जाते थे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, डोनाल्ड ट्रम्प के फ्लोरिडा स्थित रिजॉर्ट में NFL चियरलीडर्स की पार्टी में एपस्टीन भी आया था। इसी साल ट्रम्प की कैलेंडर गर्ल कॉम्पीटिशन में एपस्टीन एकमात्र मेहमान था। आरोप है कि ट्रम्प कई बार एपस्टीन के प्राइवेट जेट्स में भी ट्रैवल कर चुके हैं। —————— ऐसी ही और खबरें पढ़ें… एस्ट्रोनॉमर CEO कलीग के साथ कोल्डप्ले कॉन्सर्ट में दिखे: कौन हैं एंडी बायरन? पत्नी ने सोशल मीडिया अकाउंट्स से हटाया पति का सरनेम इन दिनों बोस्टन में हुए कोल्डप्ले कॉन्सर्ट का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें डाटा सॉफ्टवेयर स्टार्टअप एस्ट्रोनॉमर के CEO एंडी बायरन ने सबका ध्यान आकर्षित किया है। पूरी खबर पढ़ें…