सुप्रीम कोर्ट ने BCCI-रिजु रवींद्रन की याचिका खारिज की:Byju’s के खिलाफ दिवालियेपन की कार्यवाही वापस लेने की मांग की थी
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (21 जुलाई) को BCCI और बायजूस के को-फाउंडर रिजु रवींद्रन की अपील को खारिज करने के आदेश को बरकरार रखा। BCCI और रिजु रवींद्रन ने कोर्ट से कंपनी के खिलाफ दिवालियेपन की कार्यवाही वापस लेने की मांग की थी। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने BCCI और रिजु रवींद्रन की नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) के 17 अप्रैल के फैसले को चुनौती देने वाली अपीलों को खारिज किया। इससे पहले NCLAT ने BCCI और रिजु रवींद्रन की दायर अपीलों को खारिज किया था। इन अपीलों में Byju’s के खिलाफ दिवालियेपन की कार्यवाही वापस लेने और कर्ज में डूबी एडटेक फर्म और टॉप क्रिकेट बॉडी के बीच समझौते पर विचार करने की मांग की गई थी। BCCI और रिजु रवींद्रन ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल की बेंगलुरु बेंच के पारित आदेश को चुनौती दी थी। रिजु रवींद्रन Byju’s के को-फाउंडर बायजू रवींद्रन के भाई हैं। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने 10 फरवरी 2025 को अपने सेटलमेंट ऑफर को न्यू कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स (CoC) के सामने रखने का निर्देश दिया था। इस कमेटी में US-बेस्ड ग्लास ट्रस्ट भी मेंबर है, जिसने बायजूस को 1.2 बिलियन अमरीकी डॉलर का कर्ज दिया था। NCLAT की चेन्नई बेंच ने NCLT के निर्देशों को बरकरार रखा था NCLAT की चेन्नई बेंच के जस्टिस राकेश कुमार जैन और जस्टिस जतिंद्रनाथ स्वैन ने NCLT के निर्देशों को बरकरार रखा और कहा कि सेटलमेंट प्रपोजल CoC के गठन के बाद दायर किया गया था। इसलिए, इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (IBC) के सेक्शन 12 A के प्रावधानों के अनुसार, इसे लेंडर्स बॉडी की मंजूरी की जरूरत है। IBC का सेक्शन 12 A दिवालियेपन से बाहर निकलने का रास्ता निर्धारित करता है। BCCI और रिजू दोनों ने तर्क दिया है कि सेक्शन 12 A के तहत सेटलमेंट एप्लीकेशन CoC के गठन से पहले दायर की गई थी, इसलिए सेक्शन 12A के साथ रेगुलेशन 30A(1)(a) के प्रावधान लागू होंगे, न कि रेगुलेशन 30A(1)(b) के प्रावधान। NCLT, CoC के 90% वोटिंग शेयर के अप्रूवल के साथ दायर किए गए आवेदन के आधार पर सेक्शन 7,9 या सेक्शन 10 के तहत किसी भी फाइनेंशियल या ऑपरेशनल क्रेडिटर द्वारा शुरू की गई इनसॉल्वेंसी प्रोसीडिंग्स को विड्रॉ करने की इजाजत दे सकता है। अगस्त 2024 में Byju’s-BCCI के बीच समझौते को मंजूरी मिली थी अगस्त 2024 में NCLAT ने ही Byju’s और BCCI के बीच एक समझौते को मंजूरी दी थी। स्टार्टअप पर BCCI का 158.9 करोड़ रुपए का बकाया था, जिस पर दोनों ने सेटलमेंट कर लिया था। इसके बाद NCLAT ने स्टार्टअप के खिलाफ इनसॉल्वेंसी की कार्यवाही को खारिज कर दिया था। लेकिन सेटलमेंट पर Byju’s के लेंडर्स सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए और कोर्ट ने सेटलमेंट पर रोक लगाते हुए इसे IBC नियमों का उल्लंघन बताया। इसके बाद दिवालिया कार्यवाही को वापस लेने की BCCI और रिजू की अपील पहले NCLT और फिर NCLAT पहुंची। सेटलमेंट के तहत BCCI को पेमेंट रिजु रवींद्रन कर रहे हैं।