सुनीता विलियम्स ने स्पेस स्टेशन में खाई स्मोक्ड टर्की:बुच विलमोर और साथियों के साथ मनाया थैंक्सगिविंग डे; आज सभी छुट्टी मना रहे
पिछले 6 महीनों से स्पेस स्टेशन पर मौजूद नासा की एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स, एस्ट्रोनॉट बिच विल्मोर और 2 अन्य साथियों के साथ थैंक्सगिविंग डे मनाया। सुनीता विलियम्स और बाकी एस्ट्रोनॉट्स ने थैंक्सगिविंग डे मनाने का वीडियो भी जारी किया है। इस वीडियो में सभी एस्ट्रोनॉट्स पैक्ड फूड के पैकेट निकालते हुए दिखाई दे रहे हैं। इन पैकेट्स में स्मोक्ड टर्की, क्रैनबेरी सॉस और खाने की दूसरी चीजें थी। आज सभी एस्ट्रोनॉट्स अपने रोजाना के काम से छुट्टी मनाएंगे। इसके साथ ही वो अपने परिवार वालों के साथ वीडियो कॉल पर बात भी करेंगे। अमेरिका और कनाडा समेत कई देशों में सालाना छुट्टी के तौर पर थैंक्सगिविंग डे मनाया जाता है। इसकी शुरुआत अमेरिकी राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन 1863 में की थी। 176 दिन से स्पेस में फंसे सुनीता और बुच विल्मोर सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर इसी साल 5 जून को बोइंग के नए स्टारलाइनर कैप्सूल से ISS भेजे गए थे। उन्हें आज अंतरिक्ष में फंसे 176 दिन हो चुके हैं। NASA चीफ ने 24 अगस्त बताया था कि सुनीता विलियम्स और बुच 6 महीने बाद फरवरी 2025 तक धरती पर लौटेंगे। NASA ने माना था कि एस्ट्रोनॉट्स को बोइंग के नए स्टारलाइनर कैप्सूल में लाना खतरनाक हो सकता है। नासा ने बताया था कि सुनीता और बुच विल्मोर फरवरी में इलॉन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स के ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट से लौटेंगे। सुनीता और विलमोर को स्पेस स्टेशन पर क्यों भेजा गया था सुनीता और बुश विलमोर बोइंग और NASA के जॉइंट ‘क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन’ पर गए थे। इसमें सुनीता, स्पेसक्राफ्ट की पायलट थीं। उनके साथ गए बुश विलमोर इस मिशन के कमांडर थे। दोनों को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) में 8 दिन रुकने के बाद वापस पृथ्वी पर आना था। लॉन्च के समय बोइंग डिफेंस, स्पेस एंड सिक्योरिटी के प्रेसिडेंट और CEO टेड कोलबर्ट ने इसे स्पेस रिसर्च के नए युग की शानदार शुरुआत बताया था। इस मिशन का मुख्य उद्देश्य स्पेसक्राफ्ट की एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस स्टेशन तक ले जाकर वापस लाने की क्षमता साबित करना था। एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस स्टेशन पर 8 दिन में रिसर्च और कई एक्सपेरिमेंट भी करने थे। सुनीता और विलमोर पहले एस्ट्रोनॉट्स हैं जो एटलस-वी रॉकेट के जरिए स्पेस ट्रैवेल पर भेजे गए। इस मिशन के दौरान उन्हें स्पेसक्राफ्ट को मैन्युअली भी उड़ाना था। फ्लाइट टेस्ट से जुड़े कई तरह के ऑब्जेक्टिव भी पूरे करने थे।