Thursday, March 13, 2025
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सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर मार्च में धरती पर लौटेंगे:8 महीने से स्पेस स्टेशन में फंसे; स्पेसएक्स के कैप्सूल से वापसी होगी

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अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर जल्द ही स्पेस स्टेशन ने वापस लौटेंगे। NASA ने मंगलवार को बताया कि मार्च के बीच में उन्हें वापस लाया जाएगा। दोनों अंतरिक्ष यात्री बीते 8 महीने से स्पेस स्टेशन में फंसे हुए हैं। इससे पहले अंतरिक्ष यात्रियों की वापसी के लिए मार्च अंत या अप्रैल की समय सीमा तय की गई थी। उन्हें स्पेसएक्स के कैप्सूल से वापस लाया जाएगा। सुनीता विलियम्स पिछले साल 5 जून को बुच विल्मोर के साथ ISS पर पहुंची थीं। उन्हें एक सप्ताह के बाद लौटना था। दोनों बोइंग के नए स्टारलाइनर कैप्सूल के टेस्ट के लिए गए थे, लेकिन इसमें खराबी आने के बाद दोनों ISS पर ही रुक गए। इसके बाद से दोनों वहीं फंसे हुए हैं। इससे पहले नासा ने सुनीता और बुच विल्मोर को फरवरी 2025 में इलॉन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स के ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट से वापस लाने की जानकारी दी थी। हालांकि ऐसा नहीं हो पाया। इलॉन मस्क अंतरिक्ष में फंसी सुनीता विलियम्स को वापस लाएंगे
अमेरिका के नये राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने स्पेस एक्स के CEO इलॉन मस्क से अंतरिक्ष में फंसी सुनीता विलियम्स और उनके सहयोगी बुच विल्मोर को वापस लाने का काम सौंपा है। दोनों वैज्ञानिक पिछले साल जून से अंतरिक्ष में फंसे हुए हैं। ट्रम्प ने पिछले महीने सोशल मीडिया पर लिखा- मैंने मस्क से उन दो ‘बहादुर अंतरिक्ष यात्रियों’ को वापस लाने को कहा है। इन्हें बाइडेन प्रशासन ने अंतरिक्ष में छोड़ दिया है। वे अंतरिक्ष स्टेशन पर कई महीनों से इंतजार कर रहे हैं। मस्क जल्द ही इस काम में लग जाएंगे। उम्मीद है कि सभी सुरक्षित होंगे। मस्क ने इसके जवाब में कहा कि हम ऐसा ही करेंगे। यह भयानक है कि बाइडेन प्रशासन ने उन्हें इतने लंबे वक्त तक वहां छोड़ रखा है। सुनीता और विलमोर को स्पेस स्टेशन पर क्यों भेजा गया था?
सुनीता और बुश विलमोर बोइंग और NASA के जॉइंट ‘क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन’ पर गए थे। इसमें सुनीता, स्पेसक्राफ्ट की पायलट थीं। उनके साथ गए बुश विलमोर इस मिशन के कमांडर थे। दोनों को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) में 8 दिन रुकने के बाद वापस पृथ्वी पर आना था। लॉन्च के समय बोइंग डिफेंस, स्पेस एंड सिक्योरिटी के प्रेसिडेंट और CEO टेड कोलबर्ट ने इसे स्पेस रिसर्च के नए युग की शानदार शुरुआत बताया था। इस मिशन का मुख्य उद्देश्य स्पेसक्राफ्ट की एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस स्टेशन तक ले जाकर वापस लाने की क्षमता साबित करना था। एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस स्टेशन पर 8 दिन में रिसर्च और कई एक्सपेरिमेंट भी करने थे। सुनीता और विलमोर पहले एस्ट्रोनॉट्स हैं जो एटलस-वी रॉकेट के जरिए स्पेस ट्रैवेल पर भेजे गए। इस मिशन के दौरान उन्हें स्पेसक्राफ्ट को मैन्युअली भी उड़ाना था। फ्लाइट टेस्ट से जुड़े कई तरह के ऑब्जेक्टिव भी पूरे करने थे। सुनीता और विलमोर इतने लंबे समय तक स्पेस में कैसे फंस गए?
स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट के लॉन्च के समय से ही उसमें कई दिक्कतें थीं। इनके चलते 5 जून से पहले भी कई बार लॉन्च फेल हुआ था। लॉन्च के बाद भी स्पेसक्राफ्ट में दिक्कतों की खबर आई। NASA ने बताया कि स्पेसक्राफ्ट के सर्विस मॉड्यूल के थ्रस्टर में एक छोटा सा हीलियम लीक है। एक स्पेसक्राफ्ट में कई थ्रस्टर होते हैं। इनकी मदद से स्पेसक्राफ्ट अपना रास्ता और स्पीड बदलता है। वहीं हीलियम गैस होने की वजह से रॉकेट पर दबाव बनता है। उसका ढांचा मजबूत बना रहता है, जिससे रॉकेट को अपनी फ्लाइट में मदद मिलती है। लॉन्च के बाद 25 दिनों में स्पेसक्राफ्ट के कैप्सूल में 5 हीलियम लीक हुए। 5 थ्रस्टर्स काम करना बंद कर चुके थे। इसके अलावा एक प्रॉपेलेंट वॉल्व पूरी तरह बंद नहीं किया जा सका। स्पेस में मौजूद क्रू और अमेरिका के ह्यूस्टन में बैठे मिशन के मैनेजर मिलकर भी इसे ठीक नहीं कर पाए।

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