Friday, July 18, 2025
Latest:
International

सलमान रुश्दी पर हमला करने वाला दोषी करार:23 अप्रैल को सजा सुनाई जाएगी, 30 साल से ज्यादा की कैद हो सकती है

Share News

भारतीय मूल के लेखक सलमान रुश्दी पर चाकू से हमला करने वाले हादी मतार (27 साल) को न्यूयॉर्क की एक अदालत ने हत्या की कोशिश और हमले का दोषी माना है। मतार ने अगस्त 2022 में न्यूयॉर्क में एक कार्यक्रम के दौरान रुश्दी पर चाकू से 15 बार हमला किया था। रुश्दी के सिर, गर्दन, धड़ और बाईं हथेली पर गंभीर चोटें आई थीं। उनकी एक आंख की रोशनी चली गई थी। नस कट जाने के वजह से एक हाथ लकवाग्रस्त हो गया था। इसके अलावा उनके लीवर और आंतों को भी गंभीर नुकसान पहुंचा था। मतार की सजा की तारीख 23 अप्रैल तय की गई है। माना जा रहा है कि उसे अब 30 साल से ज्यादा जेल हो सकती है। रुश्दी ने कोर्ट में खुद गवाही दी, कहा- लगा कि मरने वाला हूं
न्यूयॉर्क के चौटाउक्वा काउंटी कोर्ट में इस मामले की 2 सप्ताह तक सुनवाई चली। कोर्ट ने मतार को रुश्दी का इंटरव्यू ले रहे हेनरी कीज को घायल करने का भी दोषी माना। कीज को सिर में मामूली चोट लगी थी। रुश्दी पर जब यह हमला हुआ तब उस कमरे में 1000 से ज्यादा लोग थे। इस मामले में सुनवाई के दौरान 77 साल के सलमान रुश्दी ने खुद अदालत में गवाही दी। रुश्दी ने जूरी को बताया कि शुरू में उन्हें लगा कि हमलावर ने उन्हें मुक्का मारा है। लेकिन बाद में उन्हें एहसास हुआ कि उनके कपड़ों से बहुत ज्यादा खून निकल रहा है। उन पर कई बार चाकू से हमला हुआ। इस दौरान उन्हें लगा कि वह मरने वाले हैं। रुश्दी ने अदालत में खराब हो चुकी दाहिनी आंख को दिखाने के लिए अपने काले लेंस वाले चश्मे को भी हटाया। रुश्दी ने शरीर के उन हिस्सों की ओर भी इशारा किया जहां उन्हें चाकू लगी थी। लेखक ने कहा कि अब वे पहले जितने ऊर्जावान नहीं रहे। वहीं, दोषी करार दिए गए मतार ने अपने बचाव में गवाही नहीं दी। उसके वकील ने भी अपने किसी भी गवाह को बुलाने से इनकार कर दिया। रुश्दी पर हमला क्यों हुआ था?
भारत में एक मुस्लिम कश्मीरी परिवार में जन्मे सलमान रुश्दी ने साल 1988 में ‘सैटेनिक वर्सेज’ नाम की उपन्यास लिखी थी। मुस्लिम पैगंबर मुहम्मद के जीवन से प्रेरित इस उपन्यास ने कुछ मुसलमानों में आक्रोश पैदा कर दिया था। उन्होंने इसे ईशनिंदा माना था। प्रकाशित होने के बाद इस किताब को भारत समेत कई देशों में प्रतिबंधित कर दिया गया था। 1989 में ईरान की इस्लामिक क्रांति के नेता अयातुल्ला खुमैनी ने रुश्दी के खिलाफ मौत का फतवा जारी कर दिया था। हमले के बाद मतार ने न्यूयॉर्क पोस्ट को दिए एक इंटरव्यू में खुमैनी की तारीफ की थी। मतार ने कहा था कि रुश्दी एक बुरे इंसान हैं जिन्होंने इस्लाम पर हमला किया है। मतार कहा कि उसने इस किताब के कुछ पन्ने ही पढ़े। मातर का जन्म लेबनान में हुआ था। कम उम्र में ही उसका परिवार अमेरिका में बस गया था। मतार शिया चरमपंथ और ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के प्रति सहानुभूति रखता है। पकड़े जाने के बाद उसके पास एक फेक ड्राइविंग लाइसेंस भी मिला था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *