Monday, December 23, 2024
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सर्वे- कनाडा में भारत को पसंद करने वाले घटे:सिर्फ 26% का भारत की तरफ पॉजिटिव नजरिया, 39% बोले ट्रूडो के रहते रिश्ते नहीं सुधरेंगे

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भारत और कनाडा के बीच हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद से जारी तल्खी का असर आम कनाडाई की सोच पर भी पड़ा है। यही वजह है कि कनाडा में भारत को पसंद करने वालों की तादाद साल 2020 के 56% मुकाबले आधी रह गई है। एंगस रीड इंस्टीट्यूट (ARI) और एशिया पैसिफिक फाउंडेशन ऑफ कनाडा के सर्वे के मुताबिक, आज के वक्त कनाडा में सिर्फ 26% लोग ही भारत के लिए पॉजिटिव नजरिया रखते हैं। सर्वे में 39% कनाडाई ने माना कि जब तक जस्टिन ट्रूडो कनाडा के प्रधानमंत्री हैं, तब तक भारत के साथ रिश्तों में सुधार नहीं होगा। 34% लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में भी यही सोचते हैं। सर्वे के मुताबिक, 39% कनाडाई मानते हैं कि ट्रूडो सरकार भारत के साथ अच्छे से रिश्ते मैनेज नहीं कर पाई, जबकि 32% लोगों की सोच इसके उलट थी। 29% लोगों की इस बारे में कोई स्पष्ट राय नहीं थी। कनाडा में अब भी रूस-चीन से ज्यादा भारत पसंद 20 महीने पहले 52% कनाडाई लोगों ने कहना था कि ओटावा और नई दिल्ली को एक दूसरे के साथ जरूरी पार्टनर के तौर पर दोस्ताना रिश्ते रखने चाहिए। हालांकि, अब इन लोगों की संख्या सिर्फ 24% रह गई है। सर्वे में यह भी पता चला कि कनाडा में अभी भी भारत को रूस और चीन के मुकाबले ज्यादा पॉजिटिव नजरिए से देखा जाता है। हालांकि, नई दिल्ली पर उनका भरोसा सिर्फ 28% ही है। कनाडा में 2025 में संसदीय चुनाव होने जा रहे हैं और विपक्षी कंजर्वेटिव पार्टी को जीत का प्रबल दावेदार माना जा रहा है । लोगों के मुताबिक, अगर कंजर्वेटिव पार्टी जीतती है तो पियरे पॉलिवर कनाडा के प्रधानमंत्री होंगे, जिससे बाइलैटरल रिलेशन्स को फिर से बेहतर बनाने का मौका मिलेगा। 64% लोग भारत से फिर डायलॉग शुरू करने के हिमायती तनावपूर्ण रिश्तों के बाद भी 64% कनाडाई लोगों का मानना ​​है कि कनाडा को फिर से भारत के साथ बिजनेस डायलॉग शुरू करने की कोशिश करना चाहिए। लोगों की इस सोच पीछे की खास वजह ट्रम्प की कनाडाई एक्सपोर्ट पर 25% टैरिफ लगाने की धमकी भी है। एंगस रीड इंस्टीट्यूट की स्थापना अक्टूबर 2014 में डॉ. एंगस रीड ने की थी। यह एक नॉट फॉर प्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशन है। इसकी स्थापना कनाडा और और उससे जुड़े मुद्दे जैसे फाइनेंस, सोशल, गवर्नेंस, चैरिटी, पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन, घरेलू और विदेश नीति पर कनाडाई लोगों की राय जानने के लिए किया जाता है। ————————————————– कनाडा से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… भारतीय अधिकारियों के मैसेज पढ़ रहे थे कनाडाई अफसर:राज्यसभा में विदेश मंत्रालय ने बताया- कनाडाई सरकार ने खुद मानी जासूसी की बात विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को संसद में बताया कि कनाडा के वैंकूवर में भारतीय वाणिज्य दूतावास के अधिकारियों के ‘ऑडियो-वीडियो’ मैसेज पर निगरानी रखी जा रही थी और यह अभी भी जारी है। उनके निजी मैसेज को भी पढ़ा जा रहा था। यह जानकारी खुद कनाडा के अधिकारियों ने भारतीय अधिकारियों को दी है। यहां पढ़ें पूरी खबर…

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