Monday, December 23, 2024
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सरकार ने दिवाली के पहले न्यूनतम मजदूरी बढ़ाई:कंस्ट्रक्शन लेबर को अब रोजाना 783 रुपए मिलेगा, हाई-स्किल्ड वर्कर को 1035 रुपए

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सरकार ने दिवाली से पहले गुरुवार, 26 सितंबर को निर्माण, खनन और कृषि जैसे अनौपचारिक क्षेत्रों में काम करने वाले श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी में बढ़ोतरी का फैसला किया। यह 1 अक्टूबर से लागू होगी। सरकार का कहना है कि यह बढ़ोतरी महंगाई से निपटने में श्रमिकों की मदद करेगी, क्योंकि औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) में 2.40 अंकों की बढ़ोतरी हुई है। सरकार साल में दो बार रिवाइज करती है मजदूरी मजदूरी पर फैसला लेने के लिए सरकार महंगाई को सोर्स बनाती है, ऐसे में यह देखना जरूरी है कि देश रिटेल महंगाई, होलसेल महंगाई और एक थाली शाकाहारी भोजन की औसत कीमत क्या है… महंगाई कैसे प्रभावित करती है? महंगाई का सीधा संबंध पर्चेजिंग पावर से है। उदाहरण के लिए यदि महंगाई दर 6% है, तो अर्जित किए गए 100 रुपए का मूल्य सिर्फ 94 रुपए होगा। इसलिए महंगाई को देखते हुए ही निवेश करना चाहिए। नहीं तो आपके पैसे की वैल्यू कम हो जाएगी। महंगाई कैसे बढ़ती-घटती है? महंगाई का बढ़ना और घटना प्रोडक्ट की डिमांड और सप्लाई पर निर्भर करता है। अगर लोगों के पास पैसे ज्यादा होंगे तो वे ज्यादा चीजें खरीदेंगे। ज्यादा चीजें खरीदने से चीजों की डिमांड बढ़ेगी और डिमांड के मुताबिक सप्लाई नहीं होने पर इन चीजों की कीमत बढ़ेगी। इस तरह बाजार महंगाई की चपेट में आ जाता है। सीधे शब्दों में कहें तो बाजार में पैसों का अत्यधिक बहाव या चीजों की शॉर्टेज महंगाई का कारण बनता है। वहीं अगर डिमांड कम होगी और सप्लाई ज्यादा तो महंगाई कम होगी। CPI से तय होती है महंगाई एक ग्राहक के तौर पर आप और हम रिटेल मार्केट से सामान खरीदते हैं। इससे जुड़ी कीमतों में हुए बदलाव को दिखाने का काम कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स यानी CPI करता है। हम सामान और सर्विसेज के लिए जो औसत मूल्य चुकाते हैं, CPI उसी को मापता है। कच्चे तेल, कमोडिटी की कीमतों, मेन्युफैक्चर्ड कॉस्ट के अलावा कई अन्य चीजें भी होती हैं, जिनकी रिटेल महंगाई दर तय करने में अहम भूमिका होती है। करीब 300 सामान ऐसे हैं, जिनकी कीमतों के आधार पर रिटेल महंगाई का रेट तय होता है। यह खबर भी पढ़ें… अगस्त में वेज थाली की कीमत 8% घटी: LPG सिलेंडर और टमाटर के भाव ने दाम घटाए, नॉन-वेज थाली सालाना आधार पर 12% सस्ती भारत में एक वेजिटेरियन थाली की कीमत अगस्त में (सालाना आधार पर) 8% घटकर 31.2 रुपए हो गई। पिछले साल अगस्त 2023 में वेज थाली की कीमत 34 रुपए थी। क्रिसिल ने शुक्रवार (6 सितंबर) को जारी किए अपने फूड प्लेट कॉस्ट के मंथली इंडिकेटर में इस बात की जानकारी दी। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…

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