Tuesday, March 11, 2025
Latest:
Business

शीन की एंट्री से रिलायंस-टाटा में कॉम्पिटिशन बढ़ेगा:रिलायंस के जरिए 4 साल बाद चीनी फास्ट-फैशन ब्रांड की भारत में वापसी, कीमतें घट सकती हैं

Share News

चार साल की पाबंदी झेलने के बाद चीनी फास्ट-फैशन ब्रांड शीन की रिलायंस रिटेल के जरिये भारतीय बाजार में वापसी होने जा रही है। मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस रिटेल के ऑनलाइन प्लेटफॉर्म अजियो पर शीन ने अपने कलेक्शन की टेस्टिंग और कैटलॉगिंग शुरू कर दी है। रिलायंस इस ब्रांड को अपने अन्य प्लेटफॉर्म तक बढ़ाएगी। इससे भारतीय बाजार में रिलायंस की किफायती फास्ट-फैशन सेगमेंट में टाटा समूह के जुडियो और फ्लिपकार्ट के मिंत्रा के साथ स्पर्धा और तेज होगी। सरकार ने 2020 में भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर बढ़ते तनाव के बीच शीन समेत 50 चीनी एप पर प्रतिबंध लगा दिया था। शीन की भारतीय डेटा तक नहीं रहेगी पहुंच
हालांकि हाल ही में, वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने लोकसभा में बताया कि शीन का ऑपरेशन देश के एक स्वदेशी रिटेल प्लेटफॉर्म पर होगा। शीन की प्लेटफॉर्म के डेटा तक पहुंच नहीं होगी। शीन ऐसे समय में भारतीय बाजार में दोबारा प्रवेश कर रहा है, जब उसकी राजस्व ग्रोथ में कमी देखी गई है। इस साल की पहली छमाही शीन का रेवेन्यू ग्रोथ बीते साल के 40% से घटकर 23% रह गया है। रेडसीर स्ट्रेटजी कंसल्टेंट्स के मुताबिक भारत में बीते वित्त वर्ष फास्ट फैशन सेगमेंट 40% बढ़ा, जो कुल रिटेल सेगमेंट की 6% ग्रोथ से 5 गुना है। 2031 तक यह बाजार 4.5 लाख करोड़ का होगा। शीन ने बीते साल 3.83 लाख करोड़ के कपड़े बेचे
एप बेस्ड ई-कॉमर्स कंपनी शीन की 170 से अधिक देशों में मौजूदगी है। 5.3 करोड़ यूजर्स हैं। अमेरिका में इसकी ग्रोथ आश्चर्यनजक तरीके से बढ़ रही है। नवंबर 2022 तक अमेरिकी फास्ट-फैशन बिक्री में शीन की हिस्सेदारी 50% पहुंच गई थी, जो जनवरी 2020 में 12% था। अपने मुख्यालय को चीन से सिंगापुर शिफ्ट करने के बाद शीन ने 2023 में 17 हजार करोड़ का फायदा हुआ। कुल 3.83 लाख करोड़ रुपए के प्रोडक्ट बेचे। यहां सवाल-जवाब में समझें इस डील का भारतीय मार्केट पर क्या असर होगा… रिलायंस-शीन करार के मायने?
चीनी ब्रांड शीन को ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म अजियो व रिलायंस रिटेल के 19 हजार स्टोर्स में पहुंच मिलेगी। रिलायंस इंडस्ट्रीज दुनिया का सबसे बड़ा पॉलिएस्टर फाइबर व यार्न उत्पादक है। सालाना क्षमता 25 लाख टन है। शीन के प्रोडक्ट में पॉलिएस्टर प्रुचर मात्रा में होता है। इससे उसकी मैन्युफैक्चरिंग को सपोर्ट मिलेगा। रिलायंस का रिटेल बिजनेस को 4 वर्षों में दोगुना करने का लक्ष्य है। कपड़ों की किफायती रेंज से उसे अपना कस्टमर बेस बढ़ाने में मदद मिलेगी। वित्त वर्ष 2024 में रिलायंस का रिटेल बिजनेस से आय 18% बढ़कर 3.06 लाख करोड़ पहुंच गई थी। भारतीय बाजार पर क्या असर पड़ेगा?
इस करार से फास्ट-फैशन कंपनियों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। इससे स्थापित खिलाड़ियों को अपनी रणनीति और कीमतें कम करने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है। शीन मिंत्रा जैसे बड़े ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के साथ-साथ जुडियो, लाइफस्टाइल और पेंटालून्स जैसे स्टोर्स को नई चुनौती मिल सकती है। जारा और एचएंडएम को भी अपनी रणनीति बदलनी पड़ सकती है। शीन क्यों मार्केट बदल सकती है?
शीन की ताकत कम समय में फैशन ट्रेंड की पहचान करके मार्केट में उतारने की है। इसलिए जेन जी (12 से 27 साल) के बीच चर्चित है। कंपनी हर साल 1.5 लाख नए आइटम लाती। हर महीने औसतन 10 हजार। अन्य फास्ट फैशन ब्रांड की तुलना में इसकी ड्रेस 50% सस्ती है। इस सेगमेंट में किसका प्रभाव है?
देश में इस सेगमेंट में टाटा ट्रेंट की जूडियो सबसे तेजी से बढ़ रही है। ट्रेंट की कुल आय में एक तिहाई हिस्सा जुडियो से आता है। देशभर में 48 शहरों में 559 स्टोर हैं। रिलायंस िरटेल की तुलना में आकार छोटा होने के बावजूद इसकी ग्रोथ तेज है। वित्त वर्ष 2023-24 में ट्रेंट की बिक्री 50% बढ़कर 12,375 करोड़ रुपए रही और शुद्ध मुनाफा 4 गुना बढ़कर 1,477 करोड़ रहा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *