वैगन आर, फ्रॉन्क्स, XL6 और अर्टिगा 14,000 तक महंगी हुईं:मारुति ने साल में तीसरी बार बढ़ाई कीमतें, रॉ मटेरियल के दाम बढ़ने के बाद फैसला
मारुति सुजुकी ने अपने लाइनअप में शामिल चार कारों के वैरिएंट वाइस नए दाम की लिस्ट जारी कर दी है। इसमें वैगन आर, फ्रॉन्क्स, XL6 और अर्टिगा शामिल है। ये कारें अब 14 हजार रुपए तक महंगी हो गई हैं। कंपनी ने मार्च-2025 में अपनी कारों के दामों में अप्रैल से बढ़ोतरी की घोषणा की थी। मारुति वैगन आर के सेफ्टी फीचर्स को भी अपडेट कर दिया गया है। कंपनी पहले ही अपनी मारुति ग्रैंड विटारा और इको के दाम बढ़ा चुकी है और दोनों कारों में 6 एयरबैग्स स्टैंडर्ड कर दिए गए हैं और ग्रैंड विटारा में कुछ नए फीचर्स भी दिए गए हैं। इस साल तीसरी बार बढ़ाए दाम
कंपनी ने एक्सचेंज फाइलिंग में बताया कि, रॉ मटेरियल और ऑपरेशनल कॉस्ट के बढ़ने की वजह से यह फैसला किया है। मारुति सुजुकी ने 2025 में अब तक तीसरी बार अपने वाहनों के दाम बढ़ाए हैं। पहली बढ़ोतरी जनवरी 2025 में हुई थी, जिसमें कंपनी ने 4% तक की बढ़ोतरी की घोषणा की थी। दूसरी बार फरवरी 2025 में दाम बढ़ाए गए, जिसमें मॉडल के आधार पर 1% से 4% तक की बढ़ोतरी हुई थी। अन्य ऑटोमोबाइल कंपनियों, हुंडई मोटर इंडिया, महिंद्रा एंड महिंद्रा, मर्सिडीज बेंज,रेनो इंडिया, किआ मोटर्स, होंडा BMW मोटर्स और ऑडी जैसी कंपनियां भी अप्रैल-2025 से अपनी गाड़ियों की कीमतों में बढ़ोतरी का ऐलान कर चुकी हैं। अन्य ऑटोमोबाइल कंपनियों ने भी बढ़ाई कीमतें अन्य ऑटोमोबाइल कंपनियों, हुंडई मोटर इंडिया, महिंद्रा एंड महिंद्रा, मर्सिडीज बेंज,रेनो इंडिया, किआ मोटर्स, होंडा BMW मोटर्स और ऑडी जैसी कंपनियां भी अप्रैल-2025 से अपनी गाड़ियों की कीमतों में बढ़ोतरी का ऐलान कर चुकी हैं। कीमतें बढ़ाने की वजह कीमतें बढ़ाने के पीछे सभी ऑटोमोबाइल कंपनियों ने लगभग एक जैसा ही कारण दिया है। इनपुट कॉस्ट और लॉजिस्टिक्स में बढ़ोतरी के चलते ओवर ऑल मैन्युफैक्चरिंग कॉस्ट बढ़ रही है। इस कारण कंपनियां कीमतें बढ़ा रही हैं। कंपनियों के इस फैसले का सीधा असर ग्राहकों की जेब पर पड़ेगा, खासकर उन ग्राहकों पर जो नई कार खरीदने का विचार कर रहे हैं। मार्च में मारुति की सेल्स 3% बढ़ी मारुति सुजुकी ने मार्च में 1,92,984 गाड़ियां बेची हैं, जबकि एक साल पहले इसी महीने में कुल 1,87,196 गाड़ियां बेची थीं। सालाना आधार पर मारुति की कुल बिक्री में 3% का इजाफा हुआ है। कंपनी के अनुसार, पिछले महीने देश में उसने 1,50,743 पैसेंजर व्हीकल (PV) बेचे, जबकि मार्च 2024 में कंपनी की PV की डोमेस्टिक सेल्स 1,52,718 यूनिट थी। मारुति की छोटी कारों की बिक्री घटी ऑल्टो और एस-प्रेसो जैसी छोटी कारों की बिक्री पिछले महीने घटकर 11,655 यूनिट रह गई, जो मार्च-2024 में 11,829 यूनिट था। वहीं, बलेनो, डिजायर, इग्निस और स्विफ्ट जैसी ‘कॉम्पैक्ट’ कारों की बिक्री भी मार्च में घटकर 66,906 यूनिट रह गई, जो एक साल पहले इसी महीने में 69,844 यूनिट थी। ग्रैंड विटारा, ब्रेजा, अर्टिगा और XL6 जैसी यूटिलिटी गाड़ियों की बिक्री पिछले महीने बढ़कर 61,097 यूनिट हो गई, जो पिछले साल मार्च में 58,436 थी। वैन ईको की बिक्री पिछले महीने 10,409 यूनिट रही, जबकि पिछले साल मार्च में यह 12,019 यूनिट थी। वहीं, लाइट कॉमर्शियल व्हीकल सुपर कैरी की बिक्री घटकर 2,391 यूनिट रह गई, जो पिछले साल मार्च में 3,612 यूनिट थी। कंपनी ने मार्च में 32,968 गाड़ियों का निर्यात किया, जबकि पिछले साल इसी महीने में 25,892 यूनिट एक्सपोर्ट की थी। 1981 में भारत सरकार के स्वामित्व में बनी थी मारुति मारुति सुजुकी की स्थापना 24 फरवरी 1981 को भारत सरकार के स्वामित्व में मारुति इंडस्ट्रीज लिमिटेड के रूप में हुई थी। 1982 में कंपनी ने जापान की सुजुकी कॉर्पोरेशन के साथ मिलकर जॉइंट वेंचर ‘मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड’ बनाई। भारतीयों के लिए पहली बजट कार 1983 में मारुति 800 लॉन्च हुई। 47,500 रुपए की एक्स शोरूम कीमत पर कंपनी ने देश के एक बड़े तबके को कार खरीदने में सक्षम बनाया था। मारुति सुजुकी पिछले 40 साल में देश में करीब 3 करोड़ गाड़ियां बेच चुकी है।