विमेंस टी-20 वर्ल्ड चैंपियन बनने के 3 दावेदार:हरमनप्रीत की कप्तानी में 58% मैच जीतता है भारत; ऑस्ट्रेलिया 6 बार की चैंपियन
9वां विमेंस टी-20 वर्ल्ड कप आज से शुरू हो रहा है। वैसे तो टूर्नामेंट में 10 टीमें हिस्सा ले रही हैं लेकिन स्ट्रेंथ और फॉर्म के लिहाज से इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और भारत का दावा बाकियों से ज्यादा मजबूत लग रहा है। हमने इन टीमों की दावेदारी को तीन फैक्टर्स पर परखा है। ये 3 फैक्टर्स हैं… 1. टी-20 वर्ल्ड कप में अब तक का रिकॉर्ड 2. हालिया फॉर्म 3. कप्तान का रिकॉर्ड। शुरुआत भारतीय टीम से… 1. भारत: ट्रॉफी का सूखा खत्म करने का मौका मेंस क्रिकेट की टॉप टीमों में शामिल भारत के पास विमेंस क्रिकेट की भी टॉप टीम है, लेकिन टीम के खाते में बस एक ICC ट्रॉफी की कमी है। पिछले 10 साल में इंडिया विमेंस टीम ने ऑस्ट्रेलिया को सबसे ज्यादा चैलेंज किया और उन्हें कई बार हराया भी। बड़े मैच के प्रेशर में भारत ने कभी ऑस्ट्रेलिया तो कभी इंग्लैंड के खिलाफ नॉकआउट मैच गंवाए और ट्रॉफी जीतने का मौका गंवा दिया। अब टीम के पास अपने इतिहास की पहली ICC ट्रॉफी जीतने का मौका है। फैक्टर-1: वर्ल्ड कप में अब तक का प्रदर्शन टी-20 वर्ल्ड कप में 56% मैच जीते
2009 और 2010 का टी-20 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल हारने के बाद इंडिया विमेंस टीम अगले 3 बार ग्रुप स्टेज से ही बाहर हो गई। 2018 से टीम ने फिर हरमनप्रीत कौर की कप्तानी से नॉकआउट स्टेज में पहुंचना शुरू किया। टीम को 2 बार सेमीफाइनल और एक बार फाइनल में हार का सामना करना पड़ा। पिछले 2 बार से टीम को ऑस्ट्रेलिया ने ही नॉकआउट में हराकर बाहर किया। टूर्नामेंट इतिहास में टीम ने 36 मैच खेले और 16 गंवा दिए। हालांकि, 20 में टीम को जीत भी मिली। ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बाद भारत सबसे सफल टीम है। फैक्टर-2: हालिया फॉर्म 2021 से भारत ने 54% टी-20 जीते
2017 के बाद से भारत ने टी-20 और वनडे दोनों फॉर्मेट में तेजी से इम्प्रूव किया है, लेकिन ट्रॉफी दूर ही रही। 2021 के बाद से टीम ने 69 मैच खेले और 37 में जीत हासिल की, हालांकि, टीम ने 27 मुकाबले गंवा भी दिए। इस दौरान भारत ने 4 बार 180+ का स्कोर बनाया। टीम का रन रेट 9.37 रहा, जबकि भारत ने 6.58 की इकोनॉमी से ही रन खर्च किए। फैक्टर-3: दमदार कप्तान कप्तान हरमनप्रीत ने 58% टी-20 जिताए
हरमनप्रीत कौर की कप्तानी में इंडिया विमेंस टीम 2012 से टी-20 खेल रही है। हालांकि, उन्हें फुल टाइम कप्तानी मिताली राज के संन्यास के बाद ही मिल सकी। उनके नाम दुनिया में सबसे ज्यादा 118 मुकाबलों में अपनी टीम की कप्तानी करने का रिकॉर्ड है। हालांकि, इनमें टीम 58% बार यानी 68 मैच ही जीत सकी, 44 में टीम को हार का सामना करना पड़ा। 2. इंग्लैंड: दूसरा वर्ल्ड कप जीतने का मौका मेंस क्रिकेट की तुलना में इंग्लैंड की विमेंस टीम के पास ज्यादा ICC वर्ल्ड कप है। टीम ने 4 बार वनडे वर्ल्ड कप जीता है, लेकिन टी-20 वर्ल्ड कप के मामले में टीम का प्रदर्शन थोड़ा फीका रहा। टीम ने 2009 में पहला ही वर्ल्ड कप जीता, लेकिन उसके बाद से टीम को हर बार ऑस्ट्रेलिया ने खिताब उठाने से रोक दिया। इस बार टीम टी-20 वर्ल्ड कप में 15 साल का सूखा खत्म कर सकती है। फैक्टर-1:वर्ल्ड कप में अब तक का प्रदर्शन 8 टूर्नामेंट में 74% मैच जीते
इंग्लैंड ने अब तक सभी 8 टूर्नामेंट में हिस्सा लिया। टीम पहले ही एडिशन में न्यूजीलैंड को फाइनल हराकर चैंपियन भी बन गई, लेकिन तब से ट्रॉफी पर हाथ नहीं लग सका। इंग्लैंड 2010 में ग्रुप स्टेज भी पार नहीं कर सकी थी, लेकिन उसके बाद लगातार 6 टूर्नामेंट के नॉकआउट स्टेज में एंट्री की। हालांकि, उन्हें 3 बार फाइनल और 3 बार सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा। टूर्नामेंट में इंग्लैंड ने अब तक 38 मैच खेले। टीम ने 73.68% यानी 28 मुकाबलों में जीत हासिल की, लेकिन 9 बड़े मुकाबलों में उन्हें हार का सामना भी करना पड़ा। इनमें से 6 नॉकआउट मैच रहे। टीम का एक मैच टाई भी रहा है। फैक्टर-2: हालिया फॉर्म 2021 से 75% टी-20 जीते
इंग्लैंड पिछले 4 साल से बेहतरीन फॉर्म में है, टीम ने टॉप-8 टीमों में सबसे ज्यादा 42 मुकाबले जीते हैं। उन्हें महज 13 में हार का सामना करना पड़ा। इस दौरान टीम ने करीब 10 के रन रेट से स्कोर किया और 6 बार 180 रन से ज्यादा का स्कोर पार किया। वहीं टीम ने कसी हुई गेंदबाजी की और महज 6.70 की इकोनॉमी से ही रन खर्च किए। फैक्टर-3: मजबूत कप्तान हीथर नाइट ने 76% टी-20 जिताए
इंग्लैंड की कप्तानी अनुभवी हीथर नाइट कर रही हैं, उनकी कप्तानी में टीम पिछली 3 बार से लगातार नॉकआउट स्टेज में पहुंच रही है। नाइट की कप्तानी में टीम ने 86 टी-20 खेले और 76% यानी 65 में जीत हासिल की। टीम को इस दौरान महज 19 मुकाबलों में हार का सामना करना पड़ा। 3. ऑस्ट्रेलिया: 7वां वर्ल्ड कप जीतने का मौका स्पोर्ट्स में सबसे डोमिनेटिंग टीमों की रैंक बने तो ऑस्ट्रेलिया विमेंस टीम जरूर टॉप करेगी। टीम के पास 7 वनडे वर्ल्ड कप और 6 टी-20 वर्ल्ड कप खिताब हैं। कप्तान और खिलाड़ी कोई भी हो, विमेंस टूर्नामेंट में ऑस्ट्रेलिया का नॉकआउट खेलना तो कन्फर्म ही रहता है। बाकी टीमें तो यह मानकर बैठती हैं कि विमेंस इवेंट जीतना है तो ऑस्ट्रेलिया को हराना ही होगा। अब एक बार फिर ऑस्ट्रेलिया सबसे बड़ी दावेदार बनकर वर्ल्ड कप में उतर रही है। फैक्टर-1: वर्ल्ड कप में अब तक का प्रदर्शन एक ही फाइनल गंवाया
ऑस्ट्रेलिया 2009 के टी-20 वर्ल्ड कप फाइनल में नहीं पहुंच सकी थी, लेकिन तब से टीम ने हर बार टूर्नामेंट का फाइनल खेला। 2016 में ही वेस्टइंडीज के सामने टीम चैंपियन बनने से चूक गई, इसके अलावा टीम ने हर बार विजेता की ट्रॉफी ही उठाई। टीम ने 2023 में साउथ अफ्रीका को हराकर खिताबी जीत की हैट्रिक लगाई थी। टीम ने टूर्नामेंट में 44 मैच खेले और 35 में जीत दर्ज की। उन्हें 8 में हार मिली और एक मुकाबला टाई रहा। यानी करीब 80% मुकाबलों में जीत मिली। 2010 से तो टीम ने टूर्नामेंट में 40 में से 83% मैच जीते हैं। फैक्टर-2: हालिया फॉर्म 2021 से 6 ही टी-20 गंवाए
जनवरी 2021 से टॉप-8 टीमों में ऑस्ट्रेलिया दूसरी सबसे सफल टीम है। उन्होंने 48 में से 75% यानी 36 मुकाबलों में जीत हासिल की। टीम ने महज 6 मुकाबले गंवाए, एक मैच टाई रहा, जबकि 5 मुकाबले बेनतीजा रहे। यानी बेनतीजा मैच हटा दें तो टीम ने 84% मैच जीते हैं। टीम ने इस दौरान 7 बार 180 से ज्यादा का स्कोर बनाया। उनका रन रेट 9.50 से ज्यादा और इकोनॉमी रेट 7 के अंदर रहा। फैक्टर-3: दमदार कप्तान कप्तान हीली ने 73% टी-20 जिताए
मेग लैनिंग के संन्यास के बाद ऑस्ट्रेलिया टीम एलिसा हीली की कप्तानी में टूर्नामेंट खेलने उतरेगी। हीली ने ऑस्ट्रेलिया के लिए 159 टी-20 खेले हैं, लेकिन उन्हें 22 मैचों में ही कप्तानी का अनुभव है। ऐसे में बाकी टीमें ऑस्ट्रेलिया पर दबाव बना सकती है, हालांकि हीली की कप्तानी में भी ऑस्ट्रेलिया ने 73% यानी 16 मैच जीते हैं।