लश्कर के आतंकियों की PAK सेना के समर्थन में रैली:कराची में जमा हुए दिफा-ए-वतन काउंसिल के कट्टरपंथी; भारत को धमकी दी
पाकिस्तान के कराची में 12 मई को भारत के खिलाफ चलाए गए ऑपरेशन बनयान-उन-मर्सूस का जश्न मनाया। पाकिस्तान की दिफा-ए-वतन काउंसिल (DWC) ने यहां एक दिफा-ए-वतन रैली का आयोजन किया। जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल (JUI-F) के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने इस रैली का आयोजन किया था। मंगलवार शाम कराची में हुई इस रैली में लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और अहले सुन्नत वल जमात शामिल थे। दोनों ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकवादी संगठन घोषित हैं। पाकिस्तान का धार्मिक और राजनीतिक संगठन है DWC दिफा-ए-वतन काउंसिल (DWC) पाकिस्तान के धार्मिक और राजनीतिक संगठनों का गठबंधन है। इसका मकसद देश की फौजी सरहदों की हिफाजत करना है यानी देश की रक्षा करना है। इस रैली में कई कट्टरपंथी मौलना भी शामिल भी शामिल हुए। इन्होंने भारत को धमकी देते हुए भड़काऊ बयानबाजी की और दोनों देशों के संघर्ष को धर्म से जोड़कर पेश किया। पाकिस्तानी मुफ्ती बोले- हमारी सेना सेक्युलर नहीं है कट्टरपंथी मुफ्ती तारिक मसूद ने कहा हि पाकिस्तान के गद्दार PAK आर्मी को सेक्युलर कहते हैं, जबकि हमारे दुश्मन हमारी आर्मी को मजहबी आर्मी कहते हैं। इस युग्घ को जीतने के बाद यह तय हो गया है कि हमारी सेना सेक्युलर है। यह एक ऐसी सेना है जो शहादत (बलिदान) का जुनून रखती है और धर्म और इस्लाम के नाम पर, अल्लाह के नाम पर अपनी जान कुर्बान कर देती है।