Saturday, March 15, 2025
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रूस का जासूसी जहाज आग की चपेट में आया:सीरिया के तट के पास हादसा; 4 घंटे तक लगी रही आग, कंट्रोल भी खोया

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रूस का जासूसी जहाज किलडिन पिछले महीने 23 जनवरी को आग की चपेट में आया था। न्यूज एजेंसी AP के मुताबिक हादसा सीरिया के तट के पास हुआ था। रूसी जहाज पर मौजूद एक शख्स ने रेडियो के जरिए दूसरे जहाजों को दूर रहने की चेतावनी भी दी। AP को मिले रेडियो मैसेज में शख्स ने कहा, हमारा जहाज संकट में है, कृपया दूरी बनाए रखें। इसके अलावा एक दूसरे जहाज को चेतावनी देते हुए उसने कहा, हमारा जहाज तुम्हारी दिशा में है। इस पर मेरा कंट्रोल नहीं है, ये बह रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक रूस के जहाज से धुएं के गुबार और आग की लपटें उठ रही थीं। इन्हें NATO के एक सदस्य देश के जहाज ने रिकॉर्ड किया है। 4 घंटे तक लगी रही आग रूस के इस जासूसी जहाज का काम भूमध्य सागर में NATO की गतिविधियों पर नजर रखना है। आग लगने से पहले यह तुर्की के नौसैनिक अभ्यास पर नजर बनाए हुए था। रिपोर्ट के मुताबिक जहाज पर कम से कम 4 घंटे तक आग जलती रही। जहाज के क्रू ने लाइफबोट्स के कवर हटा दिए थे। हालांकि उन्हें पानी में नहीं उतारा गया। बाद में क्रू ने जहाज पर कंट्रोल हासिल कर लिया था। फिलहाल यह सीरिया के बंदरगाह के पास खुफिया जानकारी इकट्ठा कर रहा है। इसके साथ एक फ्रिगेट और एक सप्लाई जहाज भी मौजूद हैं। हालांकि, आग लगने का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है। रूस ने घटना पर नहीं दी जानकारी रूसी अधिकारियों ने आग की घटना पर कोई रिपोर्ट नहीं दी है। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा कि उन्हें ‘किलडिन’ पर आग लगने की कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने खारिज किया कि इस घटना से रूस की नौसेना की तैयारियों पर कोई नकारात्मक असर पड़ा है। पेशकोव ने कहा, सिर्फ एक जहाज की खराबी के आधार पर पूरी नौसेना की क्षमता का आकलन करना सही नही है। फ्रांस के उच्च सैन्य अध्ययन केंद्र के पूर्व प्रमुख, वाइस एडमिरल मिशेल ओल्हागराय के मुताबिक किलडिन पर भले ही कंट्रोल वापस पा लिया गया हो, लेकिन इससे रूसी नौसेना की लॉजिस्टिक चुनौतियां उजागर हुई हैं। खासकर, भूमध्य सागर में रूस के लिए बेड़े का रखरखाव बेहद जटिल हो गया है, क्योंकि यह उसके आर्कटिक और बाल्टिक ठिकानों से काफी दूर है। इसके अलावा, यूक्रेन युद्ध के चलते तुर्किये ने ब्लैक सी से भूमध्य सागर में रूसी युद्धपोतों के आवागमन पर रोक लगा दी है, जिससे रूस की रणनीतिक स्थिति कमजोर हुई है।

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