Friday, March 14, 2025
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राजस्थान के सुंदर गुर्जर ने पैरालिंपिक में जीता ब्रॉन्ज मेडल:64.96 मीटर की दूरी तक भाला फेंका, सीएम ने दी बधाई

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पेरिस पैरालिंपिक 2024 में राजस्थान के सुंदर गुर्जर ने जेवलिन थ्रो (F 46) में ब्रॉन्ज मेडल जीता। सुंदर ने 64.96 मीटर की दूरी तक भाला फेंका। सुंदर गुर्जर गंगापुरसिटी के टोडाभीम के देवलेन गांव के रहने वाले हैं। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सुंदर गुर्जर को कांस्य पदक जीतने पर बधाई दी है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर लिखा ‘राजस्थान के करौली जिले के प्रतिभाशाली एथलीट सुंदर गुर्जर ने पेरिस पैरालिंपिक में भाला फेंक (F 46) प्रतियोगिता में कांस्य पदक प्राप्त कर न केवल देश बल्कि पूरे राजस्थान का मान बढ़ाया है। आपको बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं। यह ऐतिहासिक उपलब्धि आपके अथक परिश्रम और असाधारण खेल कौशल का परिणाम है। यह जीत प्रदेश और देश के असंख्य खिलाड़ियों के लिए प्रेरणास्रोत है। भारत माता की जय। परिवार में खुशी
सुंदर गुर्जर के कांस्य पदक जीतने पर उनके गांव में खुशी का माहौल है। उनके बड़े भाई हरिओम सिंह ने लोगों को मिठाई खिलाई। बड़े भाई ने बताया कि सुंदर एक बहुत मेहनती खिलाड़ी है, जो अपने काम को पूरी लगन से करता है। उन्होंने 2021 में गोल्ड मेडल जीतने का सपना देखा था, लेकिन वह पूरा नहीं हो सका। हालांकि पिछले प्रयास में भी कांस्य पदक ही मिल पाया था। इसके बावजूद सुंदर ने लगातार मेहनत की और इस बार भी फिर कांस्य पदक जीतकर देश, समाज और परिवार का मान बढ़ाया है। एशियाई पैरा गेम्स में जीता था गोल्ड
सुंदर गुर्जर ने 2023 में आयोजित एशियाई पैरा गेम्स में भी इतिहास रचा था। उन्होंने 68.60 मीटर थ्रो कर गोल्ड मेडल जीता था। 2021 में आयोजित पैरालिंपिक खेलों में भी सुंदर गुर्जर ने कांस्य पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उन्हें बधाई दी थी। हाथ कटा तो घर नहीं लौटे थे
साल 2016 में सुंदर गुर्जर के एक दोस्त के घर पर हुए हादसे में उनकी कलाई पर टीन शेड गिर गया था, जिससे उनका बायां हाथ काटना पड़ा था। हादसे के बाद सुंदर गहरी निराशा में डूब गए थे और उन्होंने अपने माता-पिता को शक्ल तक नहीं दिखाई थी। उन्होंने ठान लिया था कि वह तब तक घर नहीं लौटेंगे, जब तक कुछ बड़ा हासिल नहीं कर लेते। मेहनत और संघर्ष के बाद सुंदर ने पैरा वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर अपने गांव देवलेन में कदम रखा। गोल्ड मेडल जीतने के बाद पहली बार घर लौटे सुंदर ने मेडल अपने दादा के गले में डाल दिया था। सुंदर ने कहा था-मेरे मन में एक जिद थी कि गोल्ड मेडल जीतने के बाद ही घर लौटूंगा। ये भी पढ़ें-
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पेरिस पैरालिंपिक में आज राजस्थान की बेटियों ने इतिहास रच दिया। जयपुर की अवनी लेखरा और मोना अग्रवाल ने शूटिंग के एक ही कॉम्पिटिशन में भारत को दो मेडल दिलाए। अवनी लेखरा ने स्वर्ण पदक जीता, वहीं मोना अग्रवाल ने ब्रॉन्ज मेडल भारत की झोली में डाला। अवनी लेखरा का पैरालिंपिक में यह दूसरा गोल्ड मेडल है। पढ़ें पूरी खबर

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