Tuesday, July 22, 2025
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रतन टाटा के निधन पर बिजनेस लीडर्स का रिएक्शन:गौतम अडाणी बोले- महापुरुष कभी ओझल नहीं होते, PM ने कहा- दूरदर्शी और दयावान थे

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टाटा ग्रुप के मानद चेयरमैन रतन नवल टाटा का बुधवार देर रात (9 अक्टूबर) निधन हो गया। वे 86 साल के थे। उनके निधन पर बिजनेस लीडर्स ने उद्योग जगत को बड़ी क्षति बताया। वहीं, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संदेश जारी कर संवेदनाएं व्यक्त की हैं। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विस्तार से रतन टाटा के साथ अपने संबंधों और मेल-मिलाप पर विस्तार से बात रखी। इसके अलावा अलग-अलग इंडस्ट्री से जुड़े लोगों ने संदेश जारी कर संवेदनाएं व्यक्त की हैं… बिजनेस लीडर्स के रिएक्शन… मुकेश अंबानी : रतन टाटा का जाना हर भारतीय के लिए बड़ा नुकसान दिग्गज उद्योगपति मुकेश अंबानी ने भी रतन टाटा के निधन पर दुख जताया है। उन्होंने लिखा, ‘ये भारत के लिए बहुत दुखद दिन है। रतन टाटा का जाना ना सिर्फ टाटा ग्रुप, बल्कि हर भारतीय के लिए बड़ा नुकसान है। व्यक्तिगत तौर पर रतन टाटा का जाना मुझे बहुत दुख से भर गया है, क्योंकि मैंने अपना दोस्त खो दिया। उनके साथ मेरी अनेक भेंट हैं, जिनमें से हर एक में मैं उनसे प्रेरित होता था। रतन टाटा एक विजनरी उद्योगपति और दानवीर थे। मैं रिलायंस परिवार की तरफ से टाटा परिवार और पूरे टाटा ग्रुप के लिए संवेदनाएं व्यक्त करता हूं। गौतम अडाणी : टाटा ने आधुनिक भारत की राह को दोबारा परिभाषित किया ‘भारत ने एक महान और दूरदर्शी व्यक्ति खो दिया है, जिसने आधुनिक भारत की राह को दोबारा परिभाषित किया। टाटा महज एक बिजनेस लीडर नहीं थे, उनमें सत्यनिष्ठा, दयाभाव और व्यापक भलाई के लिए अटूट प्रतिबद्धता के साथ भारत की भावना समाई थी। उनके जैसे महापुरुष कभी ओझल नहीं होते। ओम शांति’ सुंदर पिचाई : भारत में मॉडर्न बिजनेस लीडरशिप डेवलप करने में महत्वपूर्ण भूमिका रतन टाटा के साथ गूगल में मेरी आखिरी मुलाकात में हमने वेमो की प्रगति के बारे में बात की और उनका विजन सुनना प्रेरणादायक था। वे एक असाधारण व्यवसाय और परोपकारी विरासत छोड़ गए हैं। भारत में मॉडर्न बिजनेस लीडरशिप को डेवलप करने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनके प्रियजनों के प्रति गहरी संवेदना और श्री रतन टाटा को शांति मिले। आनंद महिंद्रा : टाटा की अनुपस्थिति को स्वीकार नहीं कर पा रहा हूं इंडस्ट्रियलिस्ट आनंद महिंद्रा ने कहा- ‘मैं रतन टाटा की अनुपस्थिति को स्वीकार नहीं कर पा रहा हूं। भारत की अर्थव्यवस्था एक ऐतिहासिक छलांग के शिखर पर खड़ी है। और हमारे इस पोजीशन पर बने रहने में रतन के जीवन और काम का बहुत योगदान है। वह एक ऐसे व्यवसायी थे जिनके लिए फाइनेंशियल वेल्थ और सक्केस तब सबसे उपयोगी थी जब इसे ग्लोबल कम्युनिटी की सर्विस में लगाया जाता था। मिस्टर टी आपको भुलाया नहीं जा सकता। क्योंकि महापुरूष कभी नहीं मरते…’ बायोकॉन की फाउंडर किरण मजूमदार शॉ : महान व्यक्तित्व को जानना मेरे लिए सौभाग्य ​​​​​​
यह एक ऐसी तस्वीर है जिसे मैं हमेशा संजो कर रखूंगी। इतने महान व्यक्तित्व को जानना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। ॐ शांति पॉलिटिकल लीडर्स के रिएक्शन… राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू : टाटा ग्रुप की विरासत को दुनियाभर में पहचान दिलाई ‘श्री रतन टाटा के दुखद निधन से भारत ने एक ऐसे आइकॉन को खो दिया है, जिन्होंने कॉरपोरेट ग्रोथ के साथ राष्ट्र निर्माण और नैतिकता के साथ उत्कृष्टता का मिश्रण किया। पद्म विभूषण और पद्म भूषण से सम्मानित, रतन टाटा ने टाटा ग्रुप की विरासत को आगे बढ़ाया और इसे दुनियाभर में पहचान दिलाई। उन्होंने अनुभवी प्रोफेशनल्स और युवा छात्रों को समान रूप से प्रेरित किया। चैरिटी में उनका योगदान अमूल्य है। मैं उनके परिवार, टाटा समूह की पूरी टीम और दुनिया भर में उनके प्रशंसकों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करती हूं।’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी : टाटा दूरदर्शी बिजनेस लीडर और एक असाधारण इंसान थे रतन टाटा एक दूरदर्शी बिजनेस लीडर और एक असाधारण इंसान थे। उन्होंने भारत के सबसे पुराने और सबसे प्रतिष्ठित व्यापारिक घरानों में से एक को स्थिर नेतृत्व प्रदान किया। साथ ही, उनका योगदान बोर्डरूम से कहीं आगे तक गया। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी : उन्होंने बिजनेस पर कभी न मिटने वाली छाप छोड़ी रतन टाटा दूरदृष्टि वाले व्यक्ति थे। उन्होंने बिजनेस और परोपकार दोनों पर कभी न मिटने वाली छाप छोड़ी है। उनके परिवार और टाटा कम्युनिटी के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। महाराष्ट्र मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे : भारत का कोहिनूर हमसे बिछड़ गया है ‘भारत का कोहिनूर हमसे बिछड़ गया है। रतन टाटा का न होना बड़ी वेदना है। इतने बड़े ओहदे पर पहुंचने के बाद इतना साधारण बने रहना बहुत कठिन बात है। उनको देखकर लोगों में ऊर्जा आती थी, वे महाराष्ट्र और भारत का स्वाभिमान हैं।’

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