‘ये फ्रॉड अब बंद होना चाहिए’:SC की मेडिकल दाखिले में NRI कोटे पर टिप्पणी, पंजाब सरकार को लगाई फटकार
मेडिकल कॉलेजों में NRIs के दूर के रिश्तेदारों को आरक्षण देने के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को फटकार लगाई। कोर्ट ने 24 सितंबर को इसे ‘फ्रॉड’ बताते हुए पंजाब सरकार की याचिका खारिज कर दी। दरअसल, पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को UG मेडिकल और डेंटल कोर्सेज में एडमिशन के लिए NRI कोटे में अंकल, आंटी, कजिन को शामिल न करने का निर्देश दिया था। इसके खिलाफ पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। सुप्रीम कोर्ट ने ये अपील खारिज कर दी। चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस जे बी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की। अदालत ने इस बात पर जोर दिया कि NRI के दूर के रिश्तेदारों को एडमिशन में आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सकता। कोर्ट ने कहा- ‘नियरेस्ट रिलेटिव टर्म को देखिए। कोई भी रिलेटिव बन सकता है, यहां तक कि थर्ड कजिन भी। और ‘वार्ड और NRI’ से सरकार का क्या मतलब है? कोई भी ‘वार्ड ऑफ NRI’ बन सकता है। हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के 10 सितंबर के ऑर्डर को बरकरार रखते हुए कोर्ट ने कहा, ‘ये सब सिर्फ बैकडोर एंट्री के तरीके हैं। ये सरकार के लिए पैसे बनाने का मकैनिज्म है। इसे बंद होना चाहिए।’ एडवोकेट अभिमन्यु भंडारी ने कोर्ट में कहा, ‘जनरल कैटेगरी का स्टूडेंट 700 में से 630 नंबर लाकर भी सीट नहीं पा सकेगा, जबकि 200 नंबर लाकर भी कोई स्टूडेंट पा जाएगा। पंजाब में NRI ढूंढना कोई मुश्किल काम नहीं है।’ CJI चंद्रचूड़ ने कहा, ‘NRI कोटा सीट के नाम पर हो रहे इस फ्रॉड पर हम अभी पाबंदी लगाते हैं। ये मेडिकल एडमिशन में एक फ्रॉड के अलावा और कुछ नहीं है। एप्लीकेशन फॉर्म जमा करने की लास्ट डेट के बाद पंजाब सरकार ने NRI कोटे से एडमिशन की डेडलाइन आगे बढ़ा दी। जनरल कैटेगरी का 3 गुना नंबर लाने वाला स्टूडेंट इसके चलते एडमिशन नहीं पा पाएगा। ये अदालत इसे पेटेंट फ्रॉड बनने नहीं देगा।’ ये खबर भी पढ़ें… MBBS की 1 लाख सीट्स के लिए 23 लाख एस्पिरेंट्स:48% सीटों की फीस 80 लाख से 1.5 करोड़ तक; क्यों इतना पॉपुलर है NEET मेडिकल की पढ़ाई भारत में किसी जंग लड़ने से कम नहीं है। मेडिकल कॉलेज में दाखिले के लिए कट-थ्रोट कॉम्पिटिशन और लाखों की फीस के बावजूद हर साल, 20 लाख से ज्यादा बच्चे नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेस टेस्ट यानी NEET के लिए अप्लाई करते हैं। आखिर क्या वजह है कि 12वीं के बाद दिया जाने वाला ये एग्जाम इतना पॉपुलर है, जिसकी तैयारी के लिए स्टूडेंट्स सालों- साल ड्रॉप लेते हैं। कई बार पास कराने के लिए नकल माफियाओं के जाल में भी फंस जाते हैं। पूरी खबर पढ़े…