यूनिकॉमर्स ई-सॉल्यूशंस का शेयर 118% ऊपर ₹235 पर लिस्ट:FirstCry का शेयर भी 40% ऊपर ₹651 पर लिस्ट, 6 से 8 अगस्त तक ओपन थे दोनों IPO
यूनिकॉमर्स ई-सॉल्यूशंस लिमिटेड और FirstCry की पेरेंट कंपनी ब्रेनबीज सॉल्यूशंस लिमिटेड के शेयर आज स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट हो गए हैं। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर यूनिकॉमर्स ई-सॉल्यूशंस लिमिटेड का शेयर ₹235 पर लिस्ट हुआ, जो इश्यू प्राइस ₹108 से 117.59% ज्यादा है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर कंपनी का शेयर इश्यू प्राइस से 112.96% ऊपर ₹230 पर लिस्ट हुआ। हालांकि लिस्टिंग से बाद इसमें गिरावट देखने को मिली और ये 211.50 रुपए पर बंद हुआ। वहीं, FirstCry की पेरेंट कंपनी ब्रेनबीज सॉल्यूशंस लिमिटेड का शेयर NSE पर ₹651 पर लिस्ट हुआ, जो इश्यू प्राइस ₹465 रुपए से 40% का रिटर्न है। BSE पर फर्स्टक्राई का शेयर 34.41% प्रीमियम के साथ ₹625 पर लिस्ट हुआ। लिस्टिंग के बाद इसमें और तेजी देखने को मिली, ये 673.50 रुपए पर बंद हुआ। FirstCry की लिस्टिंग पर सचिन तेंदुलकर को 3.35 करोड़ से ज्यादा का मुनाफा
FirstCry में क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर का भी निवेश है। वह IPO की लिस्टिंग होने पर अपने निवेश से 3.35 करोड़ से ज्यादा का मुनाफा कमा चुके हैं। अक्टूबर 2023 में तेंदुलकर और उनकी पत्नी अंजलि सचिन तेंदुलकर ने कंपनी में 10 करोड़ रुपए का निवेश किया। तब उन्होंने 487.44 रुपए प्रति शेयर के हिसाब से 2.05 लाख से ज्यादा इक्विटी शेयर खरीदे थे। 651 रुपए की लिस्टिंग प्राइस पर तेंदुलकर का निवेश बढ़कर 13.35 करोड़ रुपए से ज्यादा हो गया है। वहीं, पहले कारोबारी दिन शेयर 707.05 रुपए के ऑल टाइम हाई पर पहुंचा, तब उनका निवेश बढ़कर 14.5 करोड़ रुपए हो गया था। 6 से 8 अगस्त तक ओपन थे दोनों कंपनियों के IPO
दोनों इनिशियल पब्लिक ऑफर यानी IPO 6 से 8 अगस्त तक ओपन थे। तीन दिन में यूनिकॉमर्स ई-सॉल्यूशंस का IPO टोटल 168.35 गुना सब्सक्राइब हुआ। रिटेल कैटेगरी में यह इश्यू 130.99 गुना, क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) में 138.75 गुना और नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NII) कैटगरी में 252.46 गुना सब्सक्राइब हुआ। वहीं, ब्रेनबीज सॉल्यूशंस का IPO तीन दिन में टोटल 12.22 गुना सब्सक्राइब हुआ। रिटेल कैटेगरी में यह इश्यू 2.31 गुना, QIB में 19.30 गुना और NII कैटगरी में 4.68 गुना सब्सक्राइब हुआ। आइए अब दोनों कंपनियों के बारे में एक-एक करके जानते हैं – 1. यूनिकॉमर्स ई-सॉल्यूशंस लिमिटेड : इश्यू ₹276.57 करोड़ का था
यूनिकॉमर्स ई-सॉल्यूशंस लिमिटेड का ये इश्यू टोटल ₹276.57 करोड़ का था। इसके लिए कंपनी ₹276.57 करोड़ के 25,608,512 फ्रेश शेयर इश्यू किए। कंपनी के मौजूदा निवेशक ऑफर फॉर सेल यानी OFS के जरिए एक भी शेयर नहीं बेचे। मैक्सिमम 1794 शेयर के लिए बिडिंग कर सकते थे रिटेल निवेशक
यूनिकॉमर्स ई-सॉल्यूशंस लिमिटेड ने IPO का प्राइस बैंड ₹102-₹108 तय किया था। ऐसे में रिटेल निवेशक मिनिमम एक लॉट यानी 138 शेयर्स के लिए बिडिंग कर सकते थे। यदि आप IPO के अपर प्राइज बैंड ₹108 के हिसाब से 1 लॉट के लिए अप्लाय करते, तो इसके लिए ₹14,904 इन्वेस्ट करने होते। वहीं, मैक्सिमम 13 लॉट यानी 1794 शेयर्स के लिए रिटेल निवेशक अप्लाय कर सकते थे। इसके लिए निवेशकों को अपर प्राइज बैंड के हिसाब से ₹193,752 इन्वेस्ट करने होते। यूनिकॉमर्स ई-सॉल्यूशंस की स्थापना फरवरी 2012 में हुई थी
यूनिकॉमर्स ई-सॉल्यूशंस लिमिटेड की स्थापना फरवरी 2012 में हुई थी, जो सॉफ्टवेयर-एज-ए-सर्विस (SaaS) प्लेटफार्म, ब्रांड्स, सेलर्स और लॉजिस्टिक्स प्रोवाइडर्स के लिए ई-कॉमर्स ऑपरेशंस मैनेज करती है। यूनिकॉमर्स ई-सॉल्यूशंस लिमिटेड में ई कॉमर्स प्लेटफार्म स्नैपडील और सॉफ्टबैंक का निवेश है। 2. ब्रेनबीज सॉल्यूशंस लिमिटेड : इश्यू ₹4,193.73 करोड़ का था
ब्रेनबीज सॉल्यूशंस लिमिटेड का ये इश्यू टोटल ₹4,193.73 करोड़ का था। इसके लिए कंपनी ₹1,666 करोड़ के 35,827,957 फ्रेश शेयर इश्यू कर रही है। जबकि, कंपनी के मौजूदा निवेशक ऑफर फॉर सेल यानी OFS के जरिए ₹2,527.73 करोड़ के 54,359,733 शेयर बेच रहे हैं। मैक्सिमम 416 शेयर के लिए बिडिंग कर सकते थे रिटेल निवेशक
ब्रेनबीज सॉल्यूशंस लिमिटेड ने अपने IPO का प्राइस बैंड ₹440-₹465 तय किया था। ऐसे में रिटेल निवेशक इस IPO के लिए मिनिमम 1 लॉट यानी 32 शेयर्स के लिए बिडिंग कर सकते थे। यदि आप IPO के अपर प्राइज बैंड ₹465 के हिसाब से 1 लॉट के लिए अप्लाय करते, तो इसके लिए ₹14,880 इन्वेस्ट करने होते। वहीं, मैक्सिमम 13 लॉट यानी 416 शेयर्स के लिए रिटेल निवेशक अप्लाय कर सकते थे। इसके लिए निवेशकों को अपर प्राइज बैंड के हिसाब से ₹193,440 इन्वेस्ट करने होते। IPO क्या होता है?
जब कोई कंपनी पहली बार अपने शेयर्स को आम लोगों के लिए जारी करती है तो इसे इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग यानी IPO कहते हैं। कंपनी को कारोबार बढ़ाने के लिए पैसे की जरूरत होती है। ऐसे में कंपनी बाजार से कर्ज लेने के बजाय कुछ शेयर पब्लिक को बेचकर या नए शेयर इश्यू करके पैसा जुटाती है। इसी के लिए कंपनी IPO लाती है।