यमन में भारतीय नर्स फांसी केस, SC सुनवाई को तैयार:भारत सरकार को दखल देने का निर्देश देने की मांग, सुनवाई 14 जुलाई को होगी
सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को यमन में मौत की सजा पाई केरल की नर्स निमिषा प्रिया मामले में सुनवाई पर राजी हो गया। याचिका में केंद्र सरकार को राजनयिक दखल करने का निर्देश देने की मांग की गई है। जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने मामले को सुनवाई 14 जुलाई के लिए लिस्ट किया है। निमिषा को यमन नागरिक की हत्या के मामले में 16 जुलाई को फांसी दी जाएगी। पिछले साल यमन के राष्ट्रपति राशद अल-अलीमी ने उनकी मौत की सजा को मंजूरी दी थी। विदेश मंत्रालय के मुताबिक भारत सरकार मामले पर नजर रखे हुए है और यमन के अधिकारियों और निमिषा के परिवार के साथ लगातार संपर्क में है। निमिषा 2017 से यमन की जेल में बंद हैं। उन पर यमन के नागरिक तलाल अब्दो महदी को दवा की ओवरडोज देकर हत्या करने का आरोप है। निमिषा और महदी यमन में एक प्राइवेट क्लिनिक में पार्टनर थे। आरोप है कि महदी ने निमिषा का पासपोर्ट कब्जे में ले रखा था और उसे प्रताड़ित करता था। तलाल अब्दो महदी की हत्या का पूरा मामला समझें… नर्स निमिषा के यमन पहुंचने और महदी की हत्या के मामले की टाइमलाइन… यमन में गृह युद्ध की वजह से भारत ने अपने नागरिकों को वहां से निकालने के लिए ‘ऑपरेशन राहत’ शुरू किया। यह ऑपरेशन अप्रैल-मई 2015 तक चला, जिसमें 4,600 भारतीयों और करीब एक हजार विदेशी नागरिकों को यमन से निकाला, लेकिन इनमें सिर्फ निमिषा ही भारत नहीं लौट पाईं। 2016 में महदी ने निमिषा के साथ शारीरिक उत्पीड़न करना शुरू कर दिया। उसने निमिषा के क्लिनिक का प्रॉफिट भी हड़प लिया। जब निमिषा ने इस बारे में सवाल किया तो दोनों के रिश्ते खराब हो गए। महदी निमिषा को यमन से बाहर नहीं जाने देना चाहता था, इसलिए उसने निमिषा का पासपोर्ट अपने पास रख लिया। निमिषा ने पुलिस में महदी की शिकायत भी दर्ज कराई, लेकिन पुलिस ने निमिषा को ही 6 दिनों की हिरासत में ले लिया, क्योंकि महदी ने एडिटेड फोटो दिखाकर निमिषा का पति होने का दावा किया। निमिषा ने ड्रग्स का ओवरडोज दिया, जिससे महदी की मौत हो गई निमिषा काफी परेशान हो चुकीं थीं। जुलाई 2017 में महदी से पासपोर्ट लेने के लिए निमिषा ने उसे बेहोशी का इंजेक्शन दिया, लेकिन इसका असर नहीं हुआ। फिर निमिषा ने महदी को ओवरडोज दे दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, निमिषा ने महदी के शरीर के टुकड़े कर वाटर टैंक में फेंक दिए। इसके बाद पुलिस ने निमिषा को गिरफ्तार कर लिया। यमन की सुप्रीम ज्यूडिशियल काउंसिल ने निमिषा को महदी की हत्या के आरोप में मौत की सजा सुनाई। निमिषा ने यमन की सुप्रीम कोर्ट में माफी की अपील दायर की, जिसे 2023 में खारिज कर दिया। राष्ट्रपति रशद ने भी 30 दिसंबर 2024 को सजा को मंजूरी दे दी। ब्लड मनी के जरिए भी निमिषा को बचाने की कोशिश शरिया कानून के मुताबिक, पीड़ित पक्ष को अपराधियों की सजा तय करने का हक है। हत्या के मामले में मौत की सजा है, लेकिन पीड़ित का परिवार पैसे लेकर दोषी को माफ कर सकता है। इसे ‘दीया’ या ‘ब्लड मनी’ कहा जाता है, जिसका जिक्र कुरान में भी किया गया है। निमिषा को माफी दिलाने के लिए उनकी मां ने अपनी संपत्ति बेचकर और क्राउडफंडिंग के जरिए ‘ब्लड मनी जुटाने की भी कोशिश की। 2020 में निमिषा को सजा से बचाने और ब्लड मनी इकट्ठा करने के लिए ‘सेव निमिषा प्रिया इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल’ बनाया गया। केरल के एक जाने-माने बिजनेसमैन ने निमिषा को बचाने के लिए 1 करोड़ रुपए देने का ऐलान किया था। विदेश मंत्रालय का कहना है कि निमिषा को बचाने के लिए हर संभव कोशिश कर रहा है, लेकिन मेहदी के परिवार ने अभी तक ब्लड मनी स्वीकार नहीं की है। निमिषा की मां यमन की राजधानी सना में डटी हुई हैं और बेटी को बचाने की कोशिश कर रही हैं। —————————– यह खबर भी पढ़ें… UAE में यूपी की महिला को फांसी:केंद्र ने हाईकोर्ट में कहा- हमें 13 दिन बाद पता चला; 4 महीने के बच्चे की हत्या का आरोप था UAE में उत्तर प्रदेश के बांदा की महिला शहजादी खान को 15 फरवरी को फांसी दी गई। 33 साल की शहजादी पर 4 महीने के बच्चे की हत्या का आरोप था। वह 2 साल से दुबई की जेल में बंद थी। कोर्ट ने 4 महीने पहले उसे फांसी की सजा सुनाई थी। यहां पढ़ें पूरी खबर…