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मोहिंदर अमरनाथ बोले- BCCI को मेरे सरनेम से दिक्कत थी:अगरकर का नाम लिए बिना कहा- मजबूत सिलेक्टर ही रोहित-विराट पर फैसला लेगा

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जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल (JLF) की गुरुवार से शुरुआत हो गई है। 5 दिवसीय इस फेस्टिवल में दुनिया भर से 600 से अधिक स्पीकर्स हिस्सा लेंगे। फेस्टिवल में पहले दिन सुधा मूर्ति, जावेद अख्तर, कैलाश सत्यार्थी समेत कई लोगों के सेशन हुए। JLF में पूर्व भारतीय क्रिकेटर मोहिंदर अमरनाथ ने कहा- अमरनाथ नाम के साथ BCCI को दिक्कत थी। मेरे पिता (लाला अमरनाथ) से भी थी और फिर इसी नाम की वजह से मुझसे हुई। अगर हमारा सरनेम दूसरा होता तो हमें टीम से ड्रॉप नहीं किया जाता। अमरनाथ ने इशारों-इशारों में टीम इंडिया के चीफ सिलेक्टर अजीत अगरकर पर तंज कसते हुए कहा- रोहित शर्मा और विराट कोहली के बारे में फैसला कोई मजबूत सिलेक्टर ही ले सकता है। अगर चयनकर्ता बेहतरीन खिलाड़ी नहीं रहे हैं तो वे मजबूत फैसले नहीं ले पाएंगे। सत्यार्थी बोले- जाति के कारण काफी टॉर्चर सहना पड़ा
नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने कहा- मुझे जाति के कारण काफी टॉर्चर सहना पड़ा। ‘दियासलाई’ सेशन में उन्होंने कहा- जातिवादी सोच और ऊंच-नीच के व्यवहार को देखकर मैंने अपने नाम से शर्मा हटाकर सत्यार्थी लगाया। मुझे लोगों ने जाति से बाहर कर मेरे परिवार को परेशान किया। मेरे परिवार के लोगों ने समाज के ठेकेदारों के सामने हाथ-पैर जोड़कर माफी मांगी। जावेद अख्तर बोले- मातृभाषा से कट जाएंगे तो यह ठीक नहीं
ज्ञान सीपियां सेशन में जावेद अख्तर ने मातृभाषा को लेकर जोर दिया। उन्होंने कहा- सभी अंग्रेजी मीडियम में बच्चों को पढ़ा रहे हैं। मैं अंग्रेजी की जरूरत से इनकार नहीं कर रहा, लेकिन अगर अपनी मातृभाषा से कट जाएंगे तो यह ठीक नहीं है। जावेद अख्तर बोले- ज्ञान सीपियां का आइडिया मेरे दोस्त का
एक्टर अतुल तिवारी के साथ ज्ञान सीपियां सेशन में जावेद अख्तर ने भारतीय परंपराओं और जुबान से जुड़े दोहों के इस्तेमाल पर भी बात की। उन्होंने कहा- सीपियां किताब लिखने का ख्याल मेरे दोस्त विक्रम मेहरा को आया था। वे बड़े क्रिएटिव इंसान हैं। उन्होंने कहा कि दोहा एक फॉर्म ऑफ राइटिंग है। इसके बारे अब बहुत लोग नहीं जानते, न समझते हैं। इसलिए अगर आप लिखेंगे तो बड़ी आबादी तक यह पहुंचेगा। हमारी जुबान में जो कहावत थी। वह पर्ल्स ऑफ विज्डम ही है। कई दोहे 500 साल पुराने हैं। उन्हें आप सुनेंगे तो लगेगा कि पिछले महीने की बात है। सुधा मूर्ति ने जावेद अख्तर के पैर छुए जावेद अख्तर से मिलने मंच पर पहुंचीं सुधा मूर्ति
जावेद अख्तर की बुक लॉन्चिंग के समय लेखिका और समाजसेवी सुधा मूर्ति उनसे मिलने मंच पर पहुंचीं। इस दौरान उन्होंने जावेद अख्तर के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। जेएलएफ में सुधा मूर्ति ने अपनी किताब ‘कोकोनट एंड बर्फी’ पर चर्चा की। उन्होंने कहा- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आज हर जगह मौजूद है। यह बहुत पावरफुल है। इसके पास इमोशंस और कला नहीं है। कहानियां दिल से आती हैं, यही एआई के पास नहीं है। जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के इंटरेस्टिंग PHOTOS… जेएलएफ में कल के प्रमुख सेशन…

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