Thursday, December 26, 2024
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मोदी और जिनपिंग के बीच रूस में द्विपक्षीय बातचीत हुई:PM बोले- आपसी विश्वास और सम्मान जरूरी; आज BRICS प्लस में शामिल होंगे जयशंकर

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रूस के कजान शहर में बुधवार, 23 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय बातचीत हुई। दोनों के बीच 5 साल बाद हुई इस मीटिंग में सीमा विवाद को जल्द से जल्द निपटाने, आपसी सहयोग और आपसी विश्वास को बनाए रखने पर जोर दिया गया। 2020 में गलवान झड़प के बाद दोनों नेताओं की यह पहली बाइलैटरल मीटिंग थी। 50 मिनट की बातचीत में पीएम मोदी ने कहा, ‘सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। आपसी विश्वास, आपसी सम्मान और आपसी संवेदनशीलता हमारे संबंधों की नींव बनी रहनी चाहिए। मुझे पूरा विश्वास है कि हम खुले मन से बात करेंगे और हमारी चर्चा कंस्ट्रक्टिव होगी।’ पीएम मोदी ने कहा- हम 5 साल बाद औपचारिक रूप से बैठक कर रहे हैं। पिछले 4 सालों में सीमा पर पैदा हुई समस्याओं पर जो सहमति बनी है, उसका हम स्वागत करते हैं। सीमा पर शांति बनाए रखना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। साथ ही चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भी दोनों देशों को अपने मतभेदों को सही तरीके से संभालने पर जोर दिया। जिनपिंग ने कहा कि हमें अपने विकास के सपनों को साकार करने के लिए कम्युनिकेशन और आपसी सहयोग को मजबूत करना चाहिए। भारत और चीन को संबंध स्थिर बनाए रखने के लिए एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करना चाहिए, जिससे दोनों देशों के विकास लक्ष्यों को पूरा करने में मदद मिल सके। दोनों देशों में आगे के लिए रणनीति बनी
PM मोदी और शी जिनपिंग की मुलाकात के बाद भारत के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी किया है। इसके मुताबिक, दोनों नेताओं ने LAC से सैनिकों के पीछे हटने और 2020 में शुरू हुए विवाद को सुलझाने के लिए हुए पेट्रोलिंग समझौते का स्वागत किया।
सीमा विवाद को सुलझाने के लिए दोनों देशों के विशेष प्रतिनिधि जल्द ही बैठक करेंगे। इसमें भारत की तरफ से NSA अजीत डोभाल और चीन की तरफ से विदेश मंत्री वांग यी शामिल होंगे। PM मोदी और शी जिनपिंग के बीच ये बातचीत BRICS समिट की साइडलाइन पर हुई। इस समिट में भाग लेने के लिए दोनों नेता मंगलवार को रूस पहुंचे थे। इससे पहले 21 अक्टूबर को भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया था कि भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में LAC पर पेट्रोलिंग को लेकर समझौते पर सहमति बन गई है। इससे मई, 2020 से पहले की स्थिति वापस आएगी। पढ़ें पूरी खबर चीन बोला- मतभेदों को सुलझाने पर जोर रहेगा
जिनपिंग और मोदी की मुलाकात पर चीन ने भी बयान जारी किया है। चीन के विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, ”दोनों देशों ने आपस में संपर्क और सहयोग बढ़ाने के अलावा असहमतियों और मतभेदों को सुलझाने पर जोर दिया। दोनों नेताओं ने विकास के मामले में एक-दूसरे को सहयोग करने की भी वकालत की है। साथ ही अंतरराष्ट्रीय जिम्मेदारियों में भी कंधे से कंधे मिलाकर चलने की बात हुई है।” समिट में हिस्सा लेने और द्विपक्षीय करने के बाद PM मोदी कल रात ही भारत वापस लौट आए। रूस में आज होने वाली BRICS प्लस की मीटिंग में भारत की तरफ से विदेश मंत्री एस जयशंकर हिस्सा लेंगे। इस मीटिंग में कुल 28 देश और 5 अंतरराष्ट्रीय संगठन हिस्सा लेंगे। मीटिंग के बाद BRICS देशों का साझा बयान यानी कजान डिक्लेरेशन जारी होगा। मोदी बोले- BRICS देश 40% मानवता और 30% इकोनॉमी के प्रतिनिधि बुधवार को कजान में हुई BRICS समिट के दौरान PM मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि नए देशों के शामिल होने के बाद BRICS विश्व की 40% मानवता और लगभग 30% इकोनॉमी का प्रतिनिधित्व करता है। 30 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी वाला ये संगठन सभी चुनौतियों से निपटने में सक्षम है। साथ ही PM मोदी ने भारत के UPI पेमेंट सिस्टम को बड़ी उपलब्धि बताते हुए इसे BRICS देशों के साथ शेयर करने के इच्छा जाहिर की। उन्होंने भारत के मिशन लाइफ, एक पेड़ मां के नाम अभियान से जुड़़ने के लिए BRICS देशों को न्योता दिया। रूस दौरे से जुड़ी PM मोदी की तस्वीरें अब तक 15 बार हो चुकी है BRICS समिट 2009 में BRIC देशों की पहली समिट हुई थी। इसका आयोजन रूस में हुआ था। इसके बाद 2010 में साउथ अफ्रीका के शामिल होने के बाद इसका नाम बदलकर BRICS हो गया। अब तक 15 बार BRICS समिट हो चुकी है। इस बार 16वीं समिट हो रही है। ————————————————– BRICS से जुड़ी ये खबर भी पढ़िए… BRICS समिट में मोदी-जिनपिंग की बातचीत:इसका ग्लोबल GDP में 27%, कंज्यूमर मार्केट में 23% हिस्सा; यहीं दुनिया की 28% जमीन, 44% आबादी दुनिया की तेजी से विकसित होती अर्थव्यवस्थाओं के समूह BRICS की 16वीं समिट रूस के कजान में हुई। इसमें शामिल होने के लिए चीन, ब्राजील, साउथ अफ्रीका समेत 28 देशों के राष्ट्र प्रमुख रूस पहुंचे। यूरोपियन यूनियन (EU) को पछाड़कर BRICS दुनिया का तीसरा सबसे ताकतवर आर्थिक संगठन बन चुका है। पूरी खबर पढ़े…

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