मैगी बनाने वाली कंपनी नेस्ले-इंडिया का मुनाफा 6.5% घटा:चौथी तिमाही में रेवेन्यू 4.48% बढ़कर ₹5,503 करोड़ रहा, प्रति शेयर ₹10 डिविडेंड देगी कंपनी
मैगी बनाने वाली कंपनी नेस्ले इंडिया लिमिटेड की चौथी तिमाही में कुल कमाई यानी टोटल इनकम 5,512 करोड़ रुपए रही। ये पिछले साल की तुलना में 4.11% ज्यादा है। कंपनी की इस कमाई में ऑपरेशन से रेवेन्यू 5,503 करोड़ रुपए रहा। वहीं जनवरी से मार्च तिमाही में कंपनी का टोटल खर्च 4,307 करोड़ रुपए और टोटल टैक्स 318 करोड़ रुपए रहा। टोटल इनकम में से खर्च और टैक्स घटा दें, तो कंपनी को चौथी तिमाही में 873 करोड़ रुपए का नेट प्रॉफिट हुआ। ये पिछले साल की तुलना में 6.53% घटा है। यानी कंपनी की कमाई के साथ मुनाफा भी बढ़ा है। नेस्ले इंडिया ने गुरुवार (24 अप्रैल) को जनवरी-मार्च तिमाही (Q4FY25, चौथी तिमाही) के नतीजे जारी किए हैं। नतीजों में आम आदमी के लिए क्या रहा? अगर आपके पास नेस्ले इंडिया के शेयर हैं, तो कंपनी के बोर्ड ने शेयरधारकों को प्रति शेयर 10 रुपए के फाइनल डिविडेंड (लाभांश) को भी मंजूरी दी है। कंपनियां अपने शेयरधारकों को मुनाफे का कुछ हिस्सा देती हैं, उसे डिविडेंड कहते हैं। क्या कंपनी के नतीजे उम्मीद से अच्छे हैं? बाजार के जानकारों को उम्मीद थी कि वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही में नेस्ले इंडिया का मुनाफा सालाना आधार पर करीब 5% बढ़ सकता है। इस हिसाब से देखा जाए तो कंपनी ने मार्केट विश्लेषकों की उम्मीद से बेहतर परफॉर्म नहीं किया है। बीते एक साल में शेयर का परफॉर्मेंस कैसा रहा? रिजल्ट के बाद नेस्ले इंडिया का शेयर आज 0.26% की गिरावट के साथ 2,427 रुपए पर बंद हुआ। नेस्ले इंडिया के शेयर ने पिछले 5 दिन में 3% रिटर्न दिया है। वहीं 1 महीने में शेयर 8% और 6 महीने में 7% चढ़ा है। एक साल में कंपनी का शेयर करीब 3% गिरा है। केवल इस साल यानी 1 जनवरी से अब तक की बात करें तो कंपनी का शेयर 12% बढ़ा है। कंपनी की मार्केट वैल्यू 2.35 लाख करोड़ रुपए है। नेस्ले इंडिया को 1959 में बनाया गया था नेस्ले इंडिया लिमिटेड, मल्टीनेशनल कंपनी नेस्ले की इंडियन सब्सिडियरी है। इसका हेडक्वार्टर हरियाणा के गुड़गांव में है। कंपनी फूड, बेवरेजेस, चॉकलेट और कन्फेक्शनरी जैसे प्रोडक्ट्स बनाती है। नेस्ले इंडिया को 28 मार्च 1959 में बनाया गया था। पेरेंट कंपनी नेस्ले की नेस्ले इंडिया में 60% से ज्यादा की हिस्सेदारी है। नेस्ले इंडिया की पूरे देश में 9 प्रोडक्शन फैसिलिटीज हैं।